UP Board Class 12 Sanskrit Model Paper 1

Class 12 Sanskrit Model Paper 1 – UP Board Sanskrit Solutions

समय : 3 घण्टे 15 मिनट
पूर्णांक : 70

निर्देश प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्य खण्ड़ पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (2 × 5 = 10)
अथ केयूरक; “देवि! देवस्य चन्द्रापीडस्य प्रसादभूमिः एषा पत्रलेखा नाम ताम्बूलकरङ्कवाहिनी इत्यभिधाय पत्रलेखाम् अदर्शयत्। अथ कादम्बरी दृष्ट्वा तां “अहो मानुषीषु पक्षपात: प्रजापतेः’ इति चिन्तायांबभूव। कृत प्रणामां च तां, सादरम् ‘एह्मोहि’ इत्याहूय आत्मनः समीपे समुपावेशयत्। दर्शनादेव उपारुढप्रीत्यतिशया च मुहुर्मुहुरेनाम् करतलेन पस्पर्श।
(i) उपरोक्त गद्यांश किस पुस्तक से उद्धृत है?
(ii) चन्द्रापस्य प्रसादभूमिः का अस्ति?
(iii) “अहो मानुषीषु पक्षपात: प्रजापते:” रेखांकित अंश का अनुवाद लिखिए।
(iv) ‘करतलेन’ में कौन-सी विभक्ति है?
(v) ‘मुहुर्मुहुः’ का शाब्दिक अर्थ लिखिए।

अथवा
नितिया केयूरकण सह पत्रलेखाथाम्, पितुः पादमूल गत्वा शुकनासमुर्खन वैशम्पायनप्रत्युद्गमनाय आत्मानं मोचयित्वा जननीभवने निर्वर्तितशरीरस्थितिः तं दिवसं यामिन्या: यामद्वयं च सुदर्शनौत्सुक्येन जाग्रदेव नीत्वा अपररात्रवेलाम् इन्द्रायुधम् आरुह्य, सुबहुना तुरङ्गम् बलेन अनुगम्यमानः, नगर्याः निर्गत्य शिप्राम् उत्तीर्य, दशपुरगामिना मार्गेण प्रावर्तत गन्तुम्। तावत्यैव अपररात्रवेलया योजनेत्रितयम् अलङ्घयत्।
(i) अस्य गद्यांशस्य प्रणेता कः?
(ii) चन्द्रापीड: कैन मार्गेण प्रवर्तत गन्तुम्?
(iii) ‘अपररात्रवेलया योजनत्रितयम् अलङ्घयत्’ रेखांकित अंश का अनुवाद कीजिए।
(iv) ‘प्रत्युद्गमनाय’ का शाब्दिक अर्थ लिखिए।
(v) ‘मोचयित्वा’ में कौन-सा प्रत्यय हैं?

प्रश्न 2.
अपनी पाठ्यपुस्तक के आधार पर किसी एक पात्र का हिन्दी में चरित्र-चित्रण लिखिए। (अधिकतम 100 शब्द) [4]
(i) महाश्वेता।
(ii) पत्रलेखा
(iii) चन्द्रापीड़

प्रश्न 3.
बाणभट्ट के गद्य शैली की विवेचना हिन्दी अथवा संस्कृत में कीजिए। (अधिकतम 100 शब्द) [4]

प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों का सही विकल्प चुनकर लिखिए।
(अ) केयूरकः कः आसीत्? [1]
(i) कादम्बर्याः सेवकः
(ii) कादम्बर्या: भाता
(iii) कादम्बर्याः पिता
(iv) महाश्वेतायाः भ्राता

(आ) कादम्बर्याः माता का आसीत्? [1]
(i) पत्रलेखा
(ii) मदलेखा
(iii) मदिरा
(iv) विलासवती

प्रश्न 5.
अधोलिखित में से किसी एक श्लोक की हिन्दी में सन्दर्भ सहित व्याख्या कीजिए। (2 + 5 = 7)
(अ) एकतिपत्रं जगतः प्रभुत्वं नवं वयः कान्तमिदं वपुश्च।
अलपस्य हेतोबैहुहातुमिच्छन् विचारमूढः प्रतिभासि में त्वम्।।
(आ) संतानकामाय तथेति कामं, राज्ञे प्रतिश्रुत्य पयस्विनी सा।
दुग्ध्वा पय: पत्रपुटे मदीयं, पुत्रोपभुक्ष्वेति तमादिदेश।।

प्रश्न 6.
अधोलिखित में से किसी एक श्लोक की सन्दर्भ सहित संस्कृत में व्याख्या कीजिए। (2 + 5 = 7)
(अ) स त्वं मदीयेन शरीरवृत्तिं देहेन निर्वर्तयुित प्रसीद।
दिनावसानोत्सुकबालवत्सा, विसृज्यतां धेनुरियं महर्षेः।।
(आ) इत्थं क्षितीशेन वसिष्ठधेनुः, विज्ञापिता प्रीततरा बभूव।
तदन्विता हेमवताच्च कुक्षे, प्रत्याययावाश्रममश्नमेण।।

प्रश्न 7.
कालिदास की काव्यशैली संक्षेप में हिन्दी अथवा संस्कृत में लिखिए। (अधिकतम 100 शब्द) [4]

प्रश्न 8.
निम्नलिखित दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर लिखिए।
(अ) इक्ष्वाकुवंशे समुत्पन्नः बभूव।
(i) दिलीपः
(ii) अज:
(iii) रघुः
(iv) सवें

(आ) नन्दिनी कस्य धेनुः अस्ति?
(i) दिलीपस्य
(ii) वसिष्ठस्य
(iii) नन्दच्याः
(iv) सुदक्षिणायाः

प्रश्न 9.
अधोलिखित खण्ड से किसी एक अंश की हिन्दी में ससन्दर्भ व्याख्या कीजिए। (2 + 5 = 7)
(अ) यस्य त्वया व्रणविरोपणमिङ्गदीनां
तैलं न्यषिच्यत मुखे कुशसूचिविद्धे।
श्यामाकमुष्टिपरिधितको जहाति
सोऽयं न पुत्रकृतक: पदवीं मृगस्ते।।

(आ) वनज्योत्स्ने, चूतसंगताऽपि मां प्रत्यालिऽतोगताभिः शाखाबाहुभिः।
अद्मप्रभृति दूरपरिवर्तिनी ते खलु भविष्यामि।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित में से किसी एक सूक्ति की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या लिखिए। (2 + 5 = 7)
(i) न खलु धीमतां कश्चिविषयो नाम।
(ii) अर्थोहिकन्या परकीय एव।
(iii) अतिस्नेहः पापशङ्की

प्रश्न 11.
कालिदास का जीवन परिचय हिन्दी या संस्कृत में लिखिए। (अधिकतम 100 शब्द) [4]

प्रश्न 12.
(अ) ‘मालविकाग्निमित्रम्’ किसकी कृति है – [1]
(i) भवभूति
(ii) मास
(iii) शूद्रक
(iv) कालिदास

(आ) शकुन्तला कस्य ऋघेः आश्रमे न्यवस?
(i) विश्वामित्रस्य
(ii) वशिष्ठस्य
(iii) कण्वस्य
(iv) दुर्वासामुनेः

प्रश्न 13.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर 10 पंक्तियों का संस्कृत में निबन्ध लिखिए। (10)
(i) प्रयाग-वर्णनम्
(ii) पर्यावरणसंरक्षणम्
(iii) आचार: परमो धर्मः
(iv) उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।

प्रश्न 14.
‘रूपक अलंकार की परिभाषा (हिन्दी या संस्कृत) में लिखिए। (3)
अथवा
‘उपमा अलंकार का उदाहरण संस्कृत में लिखिए।

प्रश्न 15.
अधोलिखित में से किन्हीं चार वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए। (2 × 4 = 8)
(i) पुत्र के साथ पिता जाता है।
(ii) गाँव के दोनों ओर वृक्ष हैं।
(iii) ज्ञान के बिना मुक्ति नहीं।
(iv) कालिदास कवियों में श्रेष्ठ कवि हैं।
(v) विष्णु को नमस्कार।।
(vi) गाँव के समीप नदी बहती है।

प्रश्न 16.
(अ) अधोलिखित रेखांकित पदों में से किसी एक में नियम निर्देश का उल्लेख कीजिए। (2)
(i) पापात् निवारयति।
(ii) रावणः रामाय दुह्यति।
(iii) गोषु कृष्णा बहुक्षीरा।

(आ) ‘भक्तः’ रामाय रोचते’ में रेखांकित पद में कौन-सी विभक्ति कीजिए।
(i) पञ्चमी
(ii) चतुर्थी
(iii) षष्ठी
(iv) तृतीया

प्रश्न 17.
(अ) निम्नलिखित पदों में से किसी एक पद में समास विग्रह कीजिए। (2)
(i) उपकृष्णम्
(ii) पञ्चवटी
(iii) रामकृष्णौ

(आ) ‘यथाशक्ति’ में प्रयुक्त समास का नाम है। [1]
(i) द्वन्द्व
(ii) द्विगु
(iii) अव्ययीभाव
(iv) कर्मधारय

प्रश्न 18.
(अ) ‘सज्जन:’ का सन्धि विधायक सूत्र लिखिए। [2]
(आ) ‘सच्चित् का विच्छेद है। [1]
(i) सत् + चित्
(ii) सच् + चित्
(iii) सच्चि + त्.
(iv) स + चित्

प्रश्न 19.
(अ) ‘वारिणा’ पद में ‘वारि’ प्रातिपदिक के किस विभक्ति एवं वचन का रूप हैं? (2)
(आ) ‘नाम्ने पद में ‘नामन्’ प्रातिपदिक के किस विभक्ति एवं वचन का रूप हैं –
(i) सप्तमी विभक्ति बहुवचन
(ii) तृतीया विभक्ति एकवचन
(iii) चतुर्थी विभक्ति द्विवचन
(iv) चतुर्थी विभक्ति एकवचन

प्रश्न 20.
(अ) ‘नयामि’ क्रियापद् का पुरुष और वचन लिखिए। [2]
(आ) ‘दा’ धातु के लोट् लकार, उत्तम पुरुष, एकवचन का रूप होगा [1]
(i) ददामि
(ii) ददाव।
(iii) ददानि
(iv) ददातु।

प्रश्न 21.
(अ) ‘पीत्वा’ पद में प्रयुक्त प्रकृति एवं प्रत्यय है। [1]
(i) पा + तुमुन्
(ii) पा + क्त्वा
(iii) पा + अनीयर्
(iv) पा + ल्युट्

(आ) ‘भू’ धातु में तुमुन् प्रत्यय लगाने पर शब्द बनेगा [1]
(i) भूतम्
(ii) भवितुम्
(iii) भवतुम्
(iv) भूत्वा

प्रश्न 22.
अधोलिखित वाक्यों में से किसी एक का वाच्य परिवर्तन कीजिए। [2]
(i) रमा पत्रं लिखति।
(ii) त्वया गृहं गम्यते। .
(iii) स: रामायणं पठति।

Solutions

उत्तर 1.
(i) चन्द्रापीडकथा।
(i) पत्रलेखा।
(iii) अहो! मनुष्य स्त्रों पर भी विधाता ने पक्षपात किया है।
(iv) तृतीया विभक्तिः
(v) बार-बार।

अथवा
(i) महाकवि बाणभट्ट।
(ii) दशपुरगामिना मार्गेण।
(iii) उतनी ही रात्रि की दुसरी बेला में तीन योजन पार कर गया।
(iv) अगवानी हेतु।
(v) क्त्वा।

उत्तर 3.
बाणभट्ट की गद्य शैली बाण संस्कृत गच्च काव्य के मूर्धन्य सम्राट माने गए हैं। उन्होंने गद्य में पद्यों से भी अधिक सौन्दर्य एवं चमत्कार-प्रदर्शन किया हैं। बाण के अनुसार नवीन या चमत्कारिक अर्थ, उत्कृष्ट स्वभावोक्ति, सरल श्लेष प्रयोग, सुन्दर राभिव्यक्ति और ओज-गुणयुक्त शब्दयोजना, ये सारे गुण एकत्र दुर्लभ हैं। परन्तु बाण की रचनाओं में ये सभी गुण प्राप्त होते हैं। बाण पाञ्चाली रीति के कवि हैं। बाण के वर्णनों में भाव और भाषा का सामंजस्य, भावानुकूल भाषा का प्रयोग, अलंकारों का सुसंयत प्रयोग, भाषा में आरोह और अवरोह तथा लम्बी समासयुक्त पदावली के पश्चात् लघु-पदावली गुण विशेष रूप से प्राप्त होते हैं। संक्षेप में बाणभट्ट की गद्य शैली सभी काव्यात्मक तत्त्वो से युक्त हैं।

उत्तर 4.
(अ) (i) कादम्बर्याः सेवकः
(आ) (ii) मदिरा.

उत्तर 8.
(अ) (iv) सर्वे,
(आ) (ii) वसिष्ठस्य

उत्तर 12.
(अ) (iv) कालिदास
(आ) (iii) कण्वस्य

उत्तर 15.
(i) पुत्रेण सह पिता गच्छति।
(ii) ग्रामम् अभितः वृक्षाः सन्ति।
(iii) ज्ञानात् ऋते न मुक्तिः
(iv) कवीनां/कवीषु वा कालिदास श्रेष्ठः अस्ति।
(v) विष्णवे नमः।
(vi) ग्रामं निकषा नदी वहति।

उत्तर 16.
(अ) (i) “जुगुप्सा-विराम-प्रमादार्थानामुपसंख्यानम्
अर्थात् जुगुप्सा, विराम, प्रमादार्थक धातुओं के कारक को अपादन संज्ञा होती हैं और अपादाने पञ्चमी से पञ्चमी विभक्ति होगी।

(ii) “कुषद्हेष्यसूयार्थानां ये प्रति कोप:’”
अर्थात-क्रुध आदि अर्थ वाली धातुओं के प्रयोग में जिसके ऊपर क्रोध किया जाता है उसकी सम्प्रदान संज्ञा होती है और सम्प्रदान में चतुथी विभक्ति का प्रयोग होता है।

(iii) “यतश्च निर्धारणम्’
अर्थात जाति, गुण, क्रिया एवं संज्ञा के द्वारा जिस समुदाय से एक भाग को पृथकू किया जाता हैं उस समुदाय वाचक शब्द से सप्तमी एवं षष्ठी विभक्ति होती है।
(आ) (ii) चतुर्थी

उत्तर 17.
(अ) (i) कृष्णस्य समीपम्।
(ii) पञ्चानां वटानां समाहार:
(iii) रामश्च कृष्णश्च
(आ) (iii) अव्ययीभाव

उत्तर 18.
(अ)“स्तोः श्चुना श्चुः,
(आ) (i) सत् + चित्

उत्तर 19.
(अ) तृतीया विभक्ति, एकवचन
(आ) (iv) चतुर्थी विभक्ति एकवचन

उत्तर 20.
(अ) उत्तम पुरुष, एकवचन
(आ) (iii) ददानि

उत्तर 21.
(अ) (ii) पा + क्त्वा
(आ) (i) भवितुम्

उत्तर 22.
(i) रमया पत्रं लिख्यते।
(ii) त्वं गृहं गच्छसि।
(iii) तेन रामायण: पद्यते।

Hindilearning.in Team आशा करती हैं कि कक्षा 12 – UP Board Class 12 Sanskrit Model Paper 1 स्टडी में आपकी मदद करेंगे। यदि आपको कक्षा 12 – Sanskrit Model Papers के बारे में कोई प्रश्न है, तो नीचे एक comment box में पूछ सकते है, हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देंगे |

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