Class 12 Hindi Model Paper 4 – UP Board Hindi Solutions
समय 3 घण्टे 15 मिनट
पूर्णांक 100
खण्ड ‘क’
निर्देश
(i) प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।
(ii) सभी प्रश्नों के उत्तर देने अनिवार्य हैं।
(iii) सभी प्रश्नों हेतु निर्धारित अंक उनके सम्मुख अंकित हैं
प्रश्न 1.
(क) आदिकाल का नाम ‘वीरगाथा काल’ किस इतिहासकार ने रखा है? (1)
(a) हजारीप्रसाद द्विवेदी
(b) महावीर प्रसाद द्विवेदी
(c) शान्तिप्रिय द्विवेदी |
(d) रामचन्द्र शुक्ल
(ख) “खलिक बारी’ के रचयिता हैं। (1)
(a) अमीर खुसरों
(b) अबुल फजल
(c) ख्वाजा अहमद
(d) अब्दुर्रहमान
(ग) निम्नलिखित में से कौन अपनी व्यंग्य-रचनाओं के लिए प्रसिद्ध हैं? (1)
(a) श्यामसुन्दर दास
(b) गुलाब राय
(c) हरिशंकर परसाई :
(d) रामचन्द्र शुक्ल
(घ) ‘रूपक रहस्य’ रचना है ।(1)
(a) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की
(b) श्यामसुन्दर दास की
(c) वासुदेवशरण अग्रवाल की
(d) जैनेन्द्र कुमार की
(ङ) ‘तन्त्रालोक से यन्त्रालोक तक रचना की विधा है। (1)
(a) भेट वार्ता
(b) संस्मरण
(c) रिपोर्ताज
(d) यात्रा-वृत्त
प्रश्न 2.
(क) “श्रृंगार शिरोमणि’ के रचनाकार हैं। (1)
(a) जसवन्त सिंह द्वितीय
(b) द्विजदेव
(c) ग्वाल
(d) बेनीबन्दीजन
(ख) सोमनाथ’ की स्चना है। (1)
(a) अंगदर्पण
(b) रस प्रबोध
(c) रसपीयूषनिधि
(d) पदावली ।
(ग) हरी घास पर क्षण भर’ के रचयिता हैं। (1)
(a) त्रिलोचन
(b) अज्ञेय
(c) केदारनाथ अग्रवाल
(d) प्रभाकर माचवे
(घ) सही सुमेलित है। (1)
(a) भारत-भारती/महाकाव्य
(b) प्रणभंग/चरितकाव्य
(c) गीतिका/वीरकाव्य
(d) रश्मिरथी/खण्डकाव्य
(ङ) निम्नलिखित में से कौन-सी पन्त जी की प्रगतिवादी रचना मानी जाती हैं? (1)
(a) पल्लव
(b) युगान्त
(c) गुंजन
(d) वीणा
प्रश्न 3.
निम्नलिखित अवतरणों को पढ़कर उनपर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।(5 x 2 = 10)
इच्छाएँ नाना हैं और नानाविधि हैं और उसे प्रवृत्त रखती हैं। उस प्रवृत्ति से वह रह-रहकर थक जाता है और निवृत्ति चाहता है। यह प्रवृत्ति और निवृत्ति का चक्र उसको द्वन्द्व से थका मारता है। इस संसार को अभी राग-भाव से वह चाहता है कि अगले क्षण उतने ही विराग भाव से वह उसका विनाश चाहता है। पर राग-द्वेष की वासनाओं से अन्त में झुंझलाहट और छटपटाहट ही उसे हाथ आती है। ऐसी अवस्था में उसका सच्चा भाग्योदय कहलाएगा | अगर वह नत-नम्र होकर भाग्य को सिर आँखों लेगा और प्राप्त कर्त्तव्य में ही अपने पुरुषार्थ की इति मानेगा।
उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(i) प्रवृत्ति-निवृत्ति के चक्र में फैसा मनुष्य क्यों थक जाता है?
(ii) प्रेम और ईष्र्या की वासनाओं में पड़कर व्यक्ति की स्थिति कैसी हो । जाती है?
(iii) लेखक के अनुसार मनुष्य का सच्चा भाग्योदय कब सम्भव है?
(iv) प्रवृत्ति, राग’ शब्दों के क्रमश: विलोम शब्द लिखिए।
(v) ‘राग-द्वेष का समास विग्रह करके समास का भेद भी लिखिए।
अथवा
आज के अनेक आर्थिक और सामाजिक विधानों की हम जाँच करें, तो पता चलेगा कि वे हमारी सांस्कृतिक चेतना के क्षीण होने के कारण युगानुकूल परिवर्तन और परिवर्द्धन की कमी से बनी हुई रूदियों, परकीयों के साथ संघर्ष की परिस्थिति से उत्पन्न माँग को पूरा करने के लिए अपनाए गए उपाय अथवा परकीयों द्वारा थोपी गई या उनका अनुकरण कर स्वीकार की गई व्यवस्थाएँ मात्र हैं। भारतीय संस्कृति के नाम पर उन्हें जिन्दा रखा जा सकता। उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(i) प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ से लिया गया है तथा इसके लेखक कौन हैं?
(ii) लेखक के अनुसार भारतीय सांस्कृतिक चेतना के कमजोर होने का मुख्य कारण क्या हैं?
(iii) युगानुरूप परिवर्तन एवं विकास नहीं होने का मुख्य कारण क्या है?
(iv) भारतीय नीतियाँ एवं सिद्धान्त किस प्रकार विदेशियों की नकल मात्र बनकर रह गए हैं?
(v) ‘परिस्थिति’, व सांस्कृतिक’ शब्दों में क्रमश: उपसर्ग एवं प्रत्यय छाँटकर लिखिए।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर उनपर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (5 x 2 = 10)
भई थकित छबि चकित हेरि हर-रूप मनोहर। है आनहि के प्रान रहे तन घरे धरोहर।। भयो कोप कौ लोप चोप औरै उमगाई। चित चिकनाई चढ़ी कढ़ी सब रोष, रुखाई।। कृपानिधान सुजान सम्भु हिय की गति जानी। दियौ सौस पर ठाम बाम करि कै मनमानी।। सकुचति ऐचति अंग गंग सुख संग लजानी। जटाजूट हिम कूट सघन बन सिमटि समानी।। उपर्युक्त पद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(i) प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने किसका वर्णन किया हैं?
(ii) गंगा का क्रोध किस प्रकार शान्त हुआ?
(iii) “सकुचति ऐचति अंग गंग सुख संग लजानी।” पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
(iv) शिवजी की जटाओं में स्थान पाकर गंगा की स्थिति में क्या परिवर्तन हुआ?
(v) प्रस्तुत पद्यांश में कौन-सा रस निहित है?
अथवा
झूम-झूम मृदु गरज-गरज घन घोर!
राग–अमर! अम्बर में भर निज रोर!
झर झर झर निर्झर-गिरि-सर में,
घर, मरु तरु-मर्मर, सागर में,
सरित-तड़ित-गति–चकित पवन में मन में,
विजन-गहंन-कानन में,
आनन-आनन में,
रव घोर कठोरराग–अमर!
अम्बर में भर निज रोर!
अरे वर्ष के हर्ष!
बरस तू बरस बरस रसधार!
पार ले चल तू मुझको बहा,
दिखा मुझको भी निज ।
गर्जन-भैरव-संसार!
उपर्युक्त पद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(i) प्रस्तुत पशि किस कविता से अवतरित है तथा इसके कवि कौन हैं?
(ii) प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने बादल के किस रूप का वर्णन किया है?
(iii) “पार ले चल तू मुझको, बहा दिखा मुझको भी निज’–पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
(iv) प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने बादलों से क्या आह्वान किया है?
(v) ‘निर्भर’ और ‘संसार’ शब्द में से उपसर्ग शब्दांश छाँटकर लिखिए।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित लेखकों में से किसी एक लेखक का जीवन परिचय देते हुए उनकी कृतियों पर प्रकाश डालिए (4)
(क) मोहन राकेश ।
(ख) वासुदेवशरण अग्रवाल ।
(ग) जैनेन्द्र कुमार |
(घ) सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
प्रश्न 6.
निम्नलिखित कवियों में से किसी एक का जीवन परिचय देते हुए उनकी कृतियों पर प्रकाश डालिए। (4)
(क) महादेवी वर्मा ।
(ख) मैथिलीशरण गुप्त
(ग) जयशंकर प्रसाद
(घ) सुमित्रानन्दन पन्त
प्रश्न 7.
(क) ‘खून का रिश्ता’ अथवा ‘पंचलाइट’ कहानी के नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए। (4)
अथवा
‘कर्मनाशा की हार’ अथवा ‘बहादुर’ कहानी का कथानक संक्षेप में निम्तिए।
(ख) स्वपठित नाटक के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न | का उत्तर दीजिए।
(i) ‘कुहासा और किरण’ एक समस्या मूलक नाटक है। सिद्ध कीजिए। अधा ‘कुहासा और किरण’ नाटक के शीर्षक की सार्थकता पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
(ii) ‘आन का मान’ नाटक की समीक्षा नाटकीय तत्वों की दृष्टि से कीजिए। अथवा ‘आन का मान’ नाटक के आधार पर औरंगजेब का चरित्र-चित्रण कीजिए।
(iii) ‘गरुड़ध्वज’ नाटक के तृतीय अंक की कथा अपने शब्दों में लिखिए। अथवा ‘गरुड़ध्वज’ नाटक में किस समस्या को उठाया गया है? स्पष्ट कीजिए।
(iv) ‘सूत-पुत्र’ नाटक के नायक कर्ण के अन्तर्द्वन्द्व पर अपने शब्दों में | प्रकाश डालिए। अयना ‘सूतपुत्र’ नाटक के तृतीय अंक में वर्णित कुन्ती एवं कर्ण के संवाद को अपने शब्दों में लिखिए।
(v) राजमुकुट’ नाटक के कथानक को अपने शब्दों में लिखिए। अधना ‘राजमुकुट’ नाटक के आधार पर शक्तिसिंह का चरित्र-चित्रण कीजिए।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित खण्डकाव्यों में से स्वपठित खण्डकाव्य के आधार पर किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए। (4)
(क) “श्रवण कुमार खण्डकाव्य में करुणा एवं प्रेम की विह्वल मन्दाकिनी प्रवाहित होती है।”—इस कथन की विवेचना कीजिए। अथवा
‘दशरथ का अन्तर्दन्द्र श्रवण कुमार’ खण्डकाव्य की अनुपम निधि है।” | इस उक्ति के आलोक में दशरथ का चरित्र-चित्रण कीजिए।
(ख) ‘मुक्तियज्ञ’ नाटक के कथानक की विशेषताएँ लिखिए।
अथवा
‘मुक्तियज्ञ’ नाटक के शीर्षक की सार्थकता पर प्रकाश डालिए।
(ग) “त्यागपथी खण्डकाव्य में सम्राट हर्षवर्द्धन का चरित्र ही केन्द्र में है और उसी के चारों ओर कथानक का चक्र घूमता है।”
इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
खण्डकाव्य की विशेषताओं के आधार पर ‘त्यागपथी’ का मूल्यांकन कीजिए। |
(घ) रश्मिरथी’ खण्डकाव्य के प्रथम सर्ग का कथासार अपने शब्दों में । लिखिए।
अथवा
जैसा कर्ण के चरित्र में ऐसे कौन-से गुण हैं, जो उसे महामानव की कोटि तक उठा देते हैं? ‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
(ङ) ‘सत्य की जीत’ खण्डकाव्य की कथा की मुख्य घटनाओं को अपने शब्दों में लिखिए।
अथवा
‘सत्य की जीत’ खण्डकाव्य के आधार पर द्रौपदी का चरित्र चित्रण कीजिए। |
(च) ‘आलोक-वृत्त’ खण्डकाव्य का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
अथवा
आलोक-वृत्त खण्डकाव्य पीड़ित मानवता को सत्य एवं अहिंसा का सन्देश देता है। इस कथन की विवेचना कीजिए।
खण्ड ‘ख’
प्रश्न 1.
निम्नलिखित अवतरणों का सन्दर्भ-सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए।(5 + 5 = 10)
(क)
याज्ञवल्क्यो मैत्रेयीमुवाच-मैत्रेयी! उद्यास्यन् अहम् अस्मात् स्थानादस्मि। ततस्तेऽनया कात्यायन्या विच्छेदं करवाणि इति। मैत्रेयी उवाचयदीयं सर्वा पृथ्वी विनेन पूर्णा स्यात् तत् किं तेनाहममृता स्यामिति। याज्ञवल्क्य उवाच-नेति। यर्थापकरणवतां जीवनं तथैव ते जीवन स्यात्। अमृतत्वस्य तु नाशास्ति वित्तेन इति। सा मैत्रेयी उवाच-येनाहं नामृता स्याम् किमहं तेन कुर्याम् यदेव भगवान् केवलममृतत्वसाधन जानाति, तदेव में ब्रूहि। याज्ञवल्क्य उवाच-प्रिया नः सती त्वं प्रियं भाषसे। एहि, उपविश, व्याख्यास्यामि ते अमृतत्वसाधनम्।
अथवा
हिन्दी-संस्कृताङ्ग्लभाषासु अस्य समान अधिकारः आसीत् ।। हिन्दी-हिन्दू-हिन्दुस्थानानामुत्थानायअयं निरन्तर प्रयत्नमकरोत् शिक्षयैव देशे समाजे च नवीन: प्रकाशः उदेति अतः श्रीमालवीयः वाराणस्यां काशीविश्वविद्यालयस्य संस्थापनमकरोत्। अस्य निर्माणाय अयं जनान् । धनम् अयाचत जनाश्च महत्यस्मिन् ज्ञानयज्ञे प्रभूतं धनमस्मै प्रायच्छन्, तेन निर्मितोऽयं विशाल: विश्वविद्यालयः भारतीयानां दानशीलतायाः श्रीमालवीयस्य यशसः च प्रतिमूर्तिरिव विभाति। साधारणस्थितिकोऽपि जनः महतोत्साहेन, मनस्वितया, पौरुषेण च असाधारणमपि कार्य कर्तुं क्षमः इत्यदर्शयत् मनीषिमूर्धन्यः मालवीयः। एतदर्थमेव जनास्तं महामना इत्युपाधिना अमिधातुमारब्धवन्तः।
(ख)
स्वनैर्धनानां प्लवगा: प्रबुद्ध विहाय निद्रा चिरसन्निरुहाम्।
अनेकरूपाकृतिवर्णनादा: नवाम्बुधाराभिहता नदन्ति।
मत्ता गजेन्द्रा मुदिता गवेन्द्रः वनेषु विक्रान्ततर मृगेन्द्राः ।
रम्या नगेन्द्रा निभृता नरेन्द्राः प्रक्रीडितो वारिधरैः सुरेन्द्रः।
अथवा
राज्यं नाम नृपात्मजैसहृदयैर्जित्वा रिपून् भुज्यते।।
तल्लोके न तु याच्यते न च पुनर्दीनाग्न वा दीयते।।
काङ्क्षा चेन्नृपतित्वमाप्तुमचिरात् कुर्वन्तु ते साहसम्।
स्वैरं वा प्रविशन्तु शान्तमतिभिर्जुष्टं शमायाश्रमम्॥
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर संस्कृत में दीजिए। (4+4=8)
(क) अन्यदा भोजः कुत्र अगच्छत्?
(ख) राजहंसः पषिन्मथे कस्मै दुहितरम् अददात् ?
(ग) मालवीयमहोदयस्य प्रारम्भिक शिक्षा कुत्र अभवत्?
(घ) वासुदेव कस्य दौत्येन कुत्र गत:?
प्रश्न 3.
(क) ‘वीभत्स’ अथवा ‘वियोग श्रृंगार रस की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए। (2)
(ख) ‘उपमा’,अथवा यमक अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए। (2)
(ग) ‘वसन्ततिलका’ अथवा ‘सोरठा’ का लक्षण एवं उदाहरण लिखिए। (2)
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर अपनी भाषा-शैली में निबन्ध लिखिए। (9)
(क) वर्तमान शिक्षा प्रणाली के गुण-दोष
(ख) दूरदर्शन की उपयोगिता
(ग) मेरे जीवन की अविस्मरणीय घटना
(घ) स्वदेश प्रेम ।
(इ) वर्तमान समय में समाचार-पत्रों का महत्व
5.
(क)
(i) ‘सत् + चयन’ अथवा हुरिः + चन्द्र की संन्धि कीजिए। (1)
(ii) उल्लासः अथवा सन्चयनम में से किसी एक का सन्धि-विच्छेद | कीजिए। (1)
(iii) मोऽनुस्वारः अथवा प्रभुत्वा में से कौन-सी सन्धि है? (2)
(ख)
(i) ‘एषु’ रूप है ‘इदम्’ (पुल्लिग) शब्द का (1/2)
(a) चतुर्थी एकवचन
(b) पञ्चमी बहुवचन
(c) चतुर्थी बहुवचन
(d) सप्तमी बहुवचन
(ii) ‘जगत् तृतीया बहुवचन को रूप होगा (1/2)
(a) जगद्भिः
(b) जगद्भ्यः
(c) जगभ्याम्
(d) जगताम्।
(ग)
(i) ‘कृ’ धातु के लुट् लकार, उत्तम पुरुष, एकवचन का रूप लिखिए। (1)
(ii) ‘पोयथ’ रूप किस धातु, किस लकार, किस पुरुष तथा किस वचन का (1)
(घ)
(i) निम्नलिखित में से किसी एक शब्द में धातु एवं प्रत्यय का योग स्पष्ट कीजिए। दृष्टम्, शयित्वा, स्थातव्यम् (1)
(ii) निम्नलिखित में से किसी एक शब्द में प्रत्यय बताइए। गतिमती, ब्राह्मणता, कटुत्व (1)
(ङ)
निम्नलिखित रेखांकित पदों में से किन्हीं दो में प्रयुक्त विभक्ति तथा उससे सम्बन्धित नियम का उल्लेख कीजिए। (2)
(i) मातुः दय कन्या प्रति स्निग्धं भवति।
(ii) छात्रासु लता श्रेष्ठा।
(iii) अहमपि त्वया साधं यास्यामि।
(च)
निम्नलिखित में से किसी एक का विग्रह करके समास का नाम लिखिए।
(i) दीर्घकशी
(ii) उपराजम्
(iii) रक्तवर्णः (2)
प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं चार वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए। (4)
(क) हमें राष्ट्रभाषा का आदर करना चाहिए।
(ख) मैं कल वाराणसी नगर जाऊँगा।
(ग) कश्मीर की शोभा पर्यटकों का मन मोह लेती है।
(घ) दरिंद्र को भिक्षा देना पुण्यकार्य है।
(ङ) मेरे विद्यालय के पास एक फुलवारी हैं।
Hindilearning.in Team आशा करती हैं कि कक्षा 12 – UP Board Class 12 Hindi Model Paper 4 स्टडी में आपकी मदद करेंगे। यदि आपको कक्षा 12 – Hindi Model Papers के बारे में कोई प्रश्न है, तो नीचे एक comment box में पूछ सकते है, हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देंगे |