लोहे का धातुकर्म, ढलवा लोहे से पिटवा लोहा बनाना

लोहे का धातुकर्म, ढलवा लोहे से पिटवा लोहा बनाना

हेमेटाइड से लोहा प्राप्त करने के लिए निम्न पद काम में आते हैं।

1. चुंबकीय पृथक्करण विधि से अयस्क का सान्द्रण कर लेते है।

2. वात्या भट्टी में ऊपर से हेमेटाइड , लाइमस्टोन तथा कोक डालते है जिससे निम्न क्रियाएँ होती हैं।

500-800k पर

3Fe2O3  + CO  = 2Fe3O4 + CO2

Fe3O4  + 4CO  = 3Fe  + 4CO2

Fe2O3  + CO  = 2FeO + CO2

900-1500k ताप

CaCO3   = CaO  + CO2

SiO2 + CaO  = CaSiO3

FeO  +  CO  = Fe  + CO2

वात्या भट्टी के पैंदे में प्राप्त लोहे को कच्चा लोहा कहते है इसमें 4% कार्बन तथा Si , S , P , Mn की अशुद्धियाँ होती हैं।

कच्चे लोहे में रद्दी लोहा तथा कोक मिलाकर गर्म करने से ढलवा लोहा प्राप्त होता हैं इसमें 3% कार्बन तथा अन्य अशुद्धिया होती है।

 

ढलवा लोहे से पिटवा लोहा बनाना :

ढलवा लोहे में 3% कार्बन तथा Si , S , P , Mn की अशुद्धियाँ होती हैं।

ढलवे लोहे को परावर्तनी भट्टी के तल में रखकर वायु की उपस्थिति  में गर्म करते है इस भट्टी के तल पर Fe2O3 का  अस्तर लगा होता है ढलवे लोहे में उपस्थित कार्बन की अशुद्धि अस्तर से क्रिया करके CO के रूप में बाहर निकल जाती है |

जबकि अन्य अशुद्धि धातुमल बना लेती है इस लोहे को परावर्तनी भट्टी से बाहर निकाल कर रोलरों की सहायता से दबाते है , जिससे धातुमल बाहर निकल जाता है प्राप्त लोहे को पिटवा लोहा कहते है।

Fe2O3  + 3C  = 2Fe + 3CO

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