क्रिस्टलीय ठोस के प्रकार  _ उदाहरण

क्रिस्टलीय ठोस के प्रकार  | उदाहरण

क्रिस्टलीय ठोस क्या है? – Kristaliy Thos Kise Kahte Hai:

इन ठोसो में अवयवी कणों (परमाणु, अणु और आयन)  की एक निश्चित नियमित ज्यामितीय व्यवस्था होती है, जिसकी बार-बार पुनरावृत्ति होने पर एक निश्चित ज्यामिति वाली त्रिविमीय संरचना का निर्माण होता है।

हम कह सकते हैं कि क्रिस्टलीय ठोसो में दीर्घ परास क्रम होता है।  इस तरह क्रिस्टलीय ठोस में बड़ी संख्या में इन्हें बनाने वाली इकाई होती है जिन्हें क्रिस्टल कहा जाता है। अतः क्रिस्टल वे ठोस पदार्थ होते हैं जिनकी निश्चित ज्यामिति आकृति समतल फलक एवं तीक्ष्ण किनारे होती है। क्रिस्टलीय ठोस वास्तविक ठोस के रूप में जाने जाते हैं।

उदाहरण –  सोडियम क्लोराइड (साधारण नमक)  सुक्रोज (शक्कर) हीरा क्वार्ट्ज ठोस धातुएं आदि।

 

क्रिस्टलीय ठोस के प्रकार – Kristaliy Thos Ke Prakar:

 

अन्तराणविक बलों के आधार पर क्रिस्टलीय ठोस चार प्रकारों में वर्गीकृत किया हैं।

 

1. धात्विक ठोस या धात्विक क्रिस्टल

2.  सहसंयोजक ठोस या नेटवर्क ठोस

3. आयनिक ठोस

4. आण्विक ठोस

 

आण्विक ठोस 3 प्रकार के होते है |

  •  अध्रुवीय ठोस
  •  ध्रुवीय ठोस
  •  हाइड्रोजन बन्ध युक्त ठोस

 

(1) धात्विक ठोस या धात्विक क्रिस्टल : 

  • इसमें धनायन ,इलेक्ट्रान रूप समुद्र में डूबे रहते है।
  • ये विधुत और ऊष्मा के चालक होते है।
  • ये कठोर तथा उच्च गलनांक वाले होते है।
  • ये अघात वर्धनीय तन्य होते है।
  • उदाहरण : सभी धातु जैसे cu , Al , Fe , Ni , Cr , Mg .

 

(2) सहसंयोजक ठोस या नेटवर्क ठोस : 

  • इसमें परमाणुओं के मध्य सहसंयोजक बंध पाया जाता है।  ये परमाणु परस्पर मिलकर विशेष अणु का निर्माण करते है।
  • ये अत्यधिक कठोर व उच्च गलनांक वाले होते है।
  • ये ठोस तथा पिघली हुई अवस्था में विधुत के कुचालक होते है।
  • उदाहरण : हीरा , Sic (सिलिकॉन काबोइड) , AlV (एल्युमीनियम नाइट्राइड)

 

अपवाद ग्रेफाइड : यह षट्कोणीय परतो के रूप में होता है ये परते एक दूसरे पर फिसलती है अतः ग्रेफाइड नरम होता है इसमें स्वतंत्र इलेक्ट्रान होने के कारण यह विधुत का सुचालक होता है।

 

(3) आयनिक ठोस  :

  • इनके अवयवी कण आयन होते है।
  • इनके आयनो के मध्य प्रबल वैधुत आकृषण होता है अतः ये कठोर व उच्च गलनांक वाले होते है।
  • ये भंगुर होते है।
  • ये ठोस अवस्था में विधुत के कुचालक परन्तु पिघली हुई अवस्था में विधुत के सुचालक होते है।
  • उदाहरण : NaCl , KCl , K2SO4 , NH4Cl , CaCl , FeCl3 आदि।

 

(4) आणविक ठोस :

इनके अवयवी कण अणु होते है ये 3 प्रकार के होते है।

 

1. अध्रुवीय ठोस : 
  • इसके अणुओ के मध्य लन्दन बल होते है।
  • ये कमरे के ताप पर गैस या द्रव होते है।
  • ये विधुत के कुचालक होते है।
  • इनका गलनांक कम होता है।
  • ये मुलायम होते है।
  • उदाहरण : I, Cl2  , C6H6 , CO आदि।
2.  ध्रुवीय ठोस :
  • इनके अणुओ के मध्य द्विध्रुव द्विध्रुव आकृषण होता है।
  • ये कमरे के ताप पर गैस या द्रव होते है।
  • ये ठोस अवस्था में विधुत के कुचालक होते है।
  • उदाहरण : HCl , SO2 आदि।
3. हाइड्रोजन बंध युक्त ठोस : 
  • इनके अणुओ के मध्य अंतरा अणुक हाइड्रोजन बंध होते है।
  • ये विधुत के कुचालक होते है।
  • ये मुलायम होते है।
  • उदाहरण : बर्फ।

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