सेल आरेख किसे कहते है:
गैल्वैनी सेल को छोटे रूप में व्यक्त करना सेल आरेख कहलाता हैं |
सेल आरेख बनाने के मुख्य बिंदु निम्न हैं।
(1) सैल आरेख में ऐनोड बायीं ओर तथा कैथोड को दायीं ओर लिखा जाता हैं।
(2) ऐनोड को लिखते समय धातु को पहले तथा लवण के विलयन को बाद में लिखते है , दोनों के मध्य एक खड़ी रेखा खींचते है , जैसे डेनियल सैल के लिए
उदाहरण : Zn(S) / ZnSO4(aq)
या
Zn(s) ; ZnSO4(aq)
(3) कैथोड को लिखते समय विलयन को पहले तथा धातु की छड़ को बाद में लिखते है दोनों के मध्य एक खड़ी रेखा खींचते है।
उदाहरण : CuSO4(aq) / Cu(s)
या
CuSO4(aq) ; Cu(s)
(4) कैथोड व ऐनोड के मध्य दो समान्तर रेखायें लवण सेतु को व्यक्त करती हैं।
(5) सैल आरेख बनाते समय धातु तथा विलयन की भौतिक अवस्था को छोटे कोष्ठक में बंद करके लिखना चाहिए।
(6) सैल आरेख बनाते समय विलयन की सान्द्रता को छोटे कोष्ठक में बंद करके लिखना चाहिए।
जैसे : डेनियल सैल का सेल आरेख निम्न है।
Zn(S) / ZnSO4(aq)(1M) // CuSO4(aq)(1M) / Cu