Table of Contents
पॉली सेकेराइड की परिभाषा:
वे कार्बोहाइड्रेट जिनके जल अपघटन से अनेक मोनो सैकेराइड बनते है उन्हें पॉलीसैकेराइड कहते है।
ये निम्न है
A . स्टार्च (Starch) :
- इसके जल अपघटन से α-D -ग्लूकोज के अनेक अणु बनते है।
- यह चावल , आलू , मक्का में पाया जाता है।
- (C6H10O5)n + nH2O → nC6H12O6
- यह पादपों में संचित खाद्य पदार्थ है।
- इसके दो घटक होते है
1. एमीलोस (Amylase):
यह स्टार्च का 10-15% भाग बनती है।यह जल में विलेय होता है।इसमें α-D -ग्लूकोज की अशाखित श्रृंखला होता है , α-D -ग्लूकोज के अणु C1-C4 ग्लाइको साइडी बंध बनाते है।
2. एमिलोपेक्टीन (Amylopectine):
यह स्टार्च का 80-85% भाग बनती है।यह जल में अविलेय होता है।यह शाखित होता है , शाखित भाग या शाखाएं C1-C6 ग्लाइकोसाइडी बंध बनाती है।B . सेलुलोज (Cellulose):
- यह पादपों में कोशिका भित्ति का प्रमुख अवयव है।
- इसमें जल अपघटन से β-D -ग्लूकोज के अनेक अणु बनते है।
- यह स्ई तथा जुट में अधिक मिलता है।
ग्लाइकोजन (Glycogen):
इसकी संरचना एमीलोपेक्टीन के समान होती है परन्तु यह एमिलोपेक्टीन से अधिक शाखित होता है। यह जन्तुओ में पाया जाता है इसे जंतु स्टार्च भी कहते है।जब शरीर में ग्लूकोज की मात्रा कम हो जाती है तो ग्लाइकोजन ग्लूकोज में परिवर्तन हो जाता है।ग्लाइकोजन यकृत मस्तिष्क व मांसपेशी में पाया जाता है।कार्बोहाइड्रेट का महत्व (Importance of carbohydrates):
- यह हमारे आहार का प्रमुख अवयव तथा ऊर्जा का प्रमुख स्त्रोत है।
- पादपों की रचना सेलुलोज से होती है अतः इनका उपयोग फर्नीचर बनाने , कागज , वस्त्र उद्योग में , शराब बनाने में किया जाता है।
- न्यूक्लिक अम्ल में राइबोज़ व डी -ऑक्सीराइबोज शर्कराएं पायी जाती है।