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अधिशोषण के अनुप्रयोग – Applications of adsorption:
- गैस मास्क में : कोयले की खान में काम करने वाले श्रमिक गैस मास्क का उपयोग करते है इसमें चारकोल तथा अन्य अवशोषक पदार्थ भरे होते है जो विषैली गैसों को अवशोषित कर लेते है।
- व्याधियों के उपचार में : कुछ मलहम तथा दवाइयाँ कीटाणुओं को अधिशोषित कर लेते है।
- रंगीन अशुद्धियों को हटाने में : चारकोल अशुद्ध शर्करा के विलयन में से रंगीन अशुद्धियों को अधिशोषित कर लेते है।
- उच्च निर्वात उत्पन्न करने में : निर्वात पम्प की सहायता से वायु को निकालकर इसमें चारकोल डाल देते है जो शेष वायु को अधिशोषित कर लेता है जिससे उच्च निर्वात होता है।
- आद्रता को कम करने में : सिलिका जैल व एलुमिनियम जैल आद्रता को अधिशोषित करने में सहायक होते है।
- विषमांगी उत्प्रेरण में : ठोस उत्प्रेरक अपनी सतह पर क्रियाकारक के अणुओं को अधिशोषित कर लेता है जिससे की वे क्रियाफल में बदल जाते है।
- वर्ण लेखिकी : ठोस अधिशोषक मिश्रण के घटको को पृथक्क करने के काम आता है।
- अक्रिय गैसों को पृथक्क करना : नारियल चारकोल अक्रिय गैसों के मिश्रण में से अक्रिय गैसों को पृथक्क करने के काम आता है।
विलयन प्रावस्था से अधिशोषण की सीमा निम्न कारको पर निर्भर करती है:
- ताप बढ़ाने से अधिशोषक कम होता है।
- ठोस अधिशोषक का पृष्ठीय क्षेत्रफल बढ़ने पर अधिशोषण अधिक होता है।
- अधिशोषक व अधिशोष्य की प्रकृति।
- विलयन की सांद्रता।
उपरोक्त प्रकार के विलयनों के लिए ठोस द्वारा अधिशोषण की मात्रा तथा विलयन की सांद्रता के मध्य सम्बन्ध को फ्रैंडलिक द्वारा निम्न समीकरण व्यक्त किया गया।
(x/m) ∝ C1/n
(x/m) = k C1/n
log लेने पर
log (x/m) = 1/n log C + log k