जैव भू रासायनिक चक्र या पोषकों का चक्रण

जैव भू रासायनिक चक्र या पोषकों का चक्रण (Bio-geological chemical cycle or rotation of nutrients in hindi :- विभिन्न खनिज पोषक तत्व जैसे कार्बन ,  नाइट्रोजन , फास्फोरस ,  कैल्शियम आदि का विभिन्न घटकों के माध्यम से चक्र होता रहता है इन पोषक तत्वों के प्रवाह को चलाएं मान रखने के लिए जैविक व अजैविक घटकों ( चट्टानें ,  हवा , पानी,  मृदा) के बीच अंतः क्रिया होती रहती है अतः इन चक्रों को जैव भू रासायनिक चक्र भी कहते हैं |

जैव भू रासायनिक चक्र दो प्रकार के होते हैं

  1. गैसीय चक्र :  वायुमंडलीय गैसों जैसे कार्बन ,  ऑक्सीजन वह नाइट्रोजन के चक्र गैस से चक्कर कहलाते हैं |
  2. हरे पादप प्रकाश संश्लेषण में कार्बन को कार्बन डाई ऑक्साइड के रूप में ग्रहण करके कार्बोहाइड्रेट ( कार्बनिक पदार्थ)  का निर्माण करते हैं

कार्बनिक पदार्थ के कुछ कार्बन को पादप श्वसन क्रिया द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड के रूप में निकालते हैं

जब उत्पादक व उपभोक्ता मरते हैं तो अपघटक( जीवाणु) इनके कार्बनिक यौगिकों को अपघटित करते हैं जिससे कार्बन डाइऑक्साइड विमुक्त होती है यह कार्बन डाइऑक्साइड वायु अथवा जल में चली जाती है जिसे पादप  वापस ग्रहण करते हैं |

लकड़ी ,  जीवाश्म ईंधन जैसे कोयला ,  पेट्रोल आदि को जलाने पर कार्बन  कार्बन डाई ऑक्साइड के रूप में मुक्त होकर वायु में आ जाती है और कार्बन चक्र में भाग लेता है प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में अनुमानित 4 x 1013 kg कार्बन का स्थिरीकरण होता है |

[2]  अवसादी चक्र :– ऐसे भू रासायनिक चक्र जिनका संचय स्थल चट्टान या  मृदा होती है इन्हें अवसादी चक्र कहते हैं उदाहरण –  फास्फोरस ,  कैल्शियम ,  व सल्फर आदि के चक्र |

फास्फोरस जीवो में न्यूक्लिक अम्ल फॉस्फोलिपिड्स , ATP , ADP , आदि योगीको का महत्वपूर्ण घटक है |

फास्फोरस को मृदा बिलियन से फॉस्फेट आयनों के रूप में पौधों द्वारा अवशोषित किया जाता है ,  यह आयन विभिन्न घटकों से होते हुए उपभोक्ताओं में पहुंच जाते हैं |

जब उत्पादकों व उपभोक्ताओं की मृत्यु होती है तो इनके फास्फोरस यौगिकों का अपघटक जीवाणुओं द्वारा अपघटन होता है जिससे फास्फेट उत्पन्न होती है |

फास्फोरस प्राकृतिक भंडार फास्फेट के रूप में फास्फोरस को संचित किए हुए चट्टानें होती है जब चट्टानों का अपक्षय होता है तो  फास्फेट  आयन मृदा में घुल जाते हैं |

करकट ( लिटरफाल) :-  वन में भूमि पर उपस्थित पौधों के  व्यर्थ पदार्थ को संचित रुप से करकट कहते हैं ,  करकट मैं नीचे आंशिक रूप से अपघटित करकट को डफ कहते हैं | अधिक अपघटित  डफ  को ह्यूमस कहते हैं |  ह्यूमिफिकेशन के द्वारा निर्मित गहरे रंग के क्रिस्टल रहित तत्व को ह्यूमस कहते हैं.

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