लैंगिक रोग /यौन संचालित रोग (STD) / रतिज रोग (VD) / जनन मार्ग संक्रमण (RTI):- वे रोग जिनका संक्रमण मैथुन क्रिया के दौरान होता है उन्हें यौन संक्रमित रोग कहते है।
उदाहरण:-उपचार योग्य:-
1: गोनोरिया
2: सिफालिस
3: हार्पिस
4 :ग्रइकोमोनसता
5: क्लेमिडियल
6 :लैगिक मस्से।
उपचार योग्य नहीं:-
1: एडस
2 :यकृत शोध-बी (Hapatatis -B )
3: जयनिक परिसर्प जेनेइयल हार्पिस:-
कारण:- 15-24 आयु के व्यक्ति यौन संक्रमित रोगों के द्वारा सबसे अधिक प्रभावित होते है जिसके मुख्य कारण निम्न है:-
1. अनजाने या अनेक व्यक्तियों से यौन सम्पर्क स्थापित करने पर
2. संक्रमित शखा क्रिया के उपकरणों द्वारा
3. संक्रमित सूई के प्रयोग द्वारा
4. संदुषित रक्ताधान द्वारा
5. संक्रमित माता से शिशु को
6. लक्षण:- महिलाएं अधिकतर आलाक्षणिक होती है।
प्रारंभिक स्थिति में शुरूआत में:-
1: गुप्ताँग में खुजली
2: सूजन
3: हल्का दर्द
4: तरल स्त्राव
गंभीर स्थिति में रोग के बढने पर:- गर्भपात।
1: मृत शिशु का जन्म
2: बन्धता
3 :अस्थानिक भू्रणता
4 :जनन मार्ग केंसर
5 :श्रेणी शोधन रोग (PID)
रोकथाम बचाव:-
1: अनजानेया अनेक व्यक्तियों से यौन संबंधस्थापित नहीं करना चाहिए
2: मैथुन क्रिया के समय कण्डोम का प्रयोग करना चाहिए
3: संक्रमित सुई का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
4 : शल्यक्रिया के औजार पूण्रतया निजिनीकरण होने चाहिए
5: रक्त आदान-प्रदान से पहले अच्छी तरह से जाँच की जानी चाहिए
6: रोग की आशँका होने पर विशेषज्ञ या चिकित्सक से मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहिए।
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