न्यूक्लिक अम्ल | पेप्टाइड बंध | ग्लाइकोसाईटिक बंध | फास्फोडाइएस्टर बन्ध

न्यूक्लिक अम्ल  : जीव ऊत्तक के अम्ल अविलेय अंश के रूप में पाये जाते है , जिन्हें न्यूक्लिक अम्ल कहते है। न्यूक्लिक अम्ल पॉलीन्युक्लीकटाइड होते है जो न्यूक्लिकयोटाइड से मिलकर बनते है , एक न्यूक्लिकयोटाइड तीन रसायनिक घटकों से बना होता है।

1. नाइट्रोजनी क्षार

2. राइबोज व डिऑक्सी राइबोज़ शर्करा

3. फास्फोरिक अम्ल

एक बहुलक को जोड़ने वाले बँधो की प्रकृति :

पेप्टाइड बंध : ये बंध प्रोटीन में पाये जाते है , ये बन्ध एक अमीनो अम्ल के कर्बोक्सिल समूह व दूसरे अमीनो अम्ल के अमीनो समूह की अभिक्रिया के उपरान्त जल के अणु के निष्काशन से बनता है।

ग्लाइकोसाईटिक बंध : ये बन्ध पोली सेकेराइड में पाये जाते है , यह बंध दो मोनो सेकेराइड के दो कार्बन परमाणुओं के बीच बनता है तथा इस दौरान जल का अणु निष्काषित होता है।

फास्फोडाइएस्टर बंध : यह न्यूक्लिक अम्ल में बनता है इसमें एक न्यूक्लियोटाइड के शर्करा को 3′ कार्बन दूसरे न्यूक्लियोटाइड के शर्करा के 5′ कार्बन के बीच बन्ध बनता है , यह बंध शर्करा के फास्फेट व हाइड्रोक्सील (OH) समूह के बीच का बंध एस्टर बंध होता है , एस्टर बन्ध श्रृंखला में दोनों ओर बनता है इसलिए इसे फास्फोडाइएस्टर बंध कहते है।

शरीर अवयवों की गतिज अवस्था – उपापचय की संकल्पना 

सभी सजीव हजारों कार्बनिक यौगिको से मिलकर बने होते है , ये यौगिक या जैव अणु एक निश्चित सांद्रता में मिलते है , ये जैव अणु लगातार नये जैव अणुओं में परिवर्तित होते रहते है।  ये आपस में मिलकर या विखंडित होकर नए जैव अणु बनाते है , इन रासायनिक अभिक्रियाओ को उपापचय कहते है।

Remark:

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