आण्विक बलों तथा बहुलकन के आधार पर बहुलक के प्रकार

आण्विक बलों के आधार पर बहुलक के प्रकार :

इन्हे चार भागों में बांटा गया है।

1. प्रत्यास्थ बहुलक :
  • इनके अणुओं के मध्य अन्तराणविक बल सबसे दुर्बल होते है।
  • ये खींचने पर खींच जाते है तथा छोडने पर वापस अपनी पूर्व अवस्था में आ जाते है।
  • इनमें बहुत कम सेतु बंध पाए जाते है।

उदाहरण : प्राकृतिक रबर , वल्कनीकृत रबड़ , ब्यूना S , ब्यूना N , निओप्रिन आदि।

2. रेशेदार बहुलक :
  • इनमें प्रबल अन्तराणुक हाइड्रोजन बंध पाये जाते है।
  • ये क्रिस्टलीय होते है तथा तीक्ष्ण गलनांक होता है।
  • ये रेशेदार के रूप में होते है।

उदाहरण : नायलॉन 6, 6 , नायलॉन 6 , टेफ्लोन

3. तापघट्य या थर्मोप्लास्टिक बहुलक :
  • इनके अणुओं के मध्य अंतराआण्विक , बल प्रत्यास्थ बहुलकों से प्रबल तथा रेशेरदार बहुलकों से दुर्बल होते है।
  • इन्हे बार बार गर्म करके नर्म तथा ठंडा करने पर पुन: ठोस अवस्था में प्राप्त किया जा सकता है।
  • इनमें स्रेतु बंधो का अभाव होता है।
  • इन्हे कचरे से पुन: प्राप्त कर सकते है।

उदाहरण : PVC , पॉलीथिन , पॉलीस्टाइरीन आदि।

4. तापदृढ या थर्मोसेटिंग बहुलक :
  • इन्हे अर्द्ध ठोस पदार्थो को गर्म करके बनाया जाता है तथा ठंडा करने पर बहुत सारे स्रेतु बंध बन जाते है जिससे ये अधिक कठोर तथा दुर्गलनीय हो जाते है।
  • इन्हे बार बार गर्म करके इच्छित आकृति में नहीं बदला जा सकता।
  • इन्हे कचरे से पुन: प्राप्त नहीं किया जा सकता।

उदाहरण : मेलैमिन , बैकेलाइट , यूरिया फार्मेल्डिहाइड रेजिन।प्रश्न  : निम्न बहुलकों को अंतरा आण्विक बलों को बढ़ते क्रम में लिखो।1. नायलॉन 6,6 , ब्यूना S , पॉलीथिनउत्तर :  ब्यूना S > पॉलीथिन > नॉयलोन 6 , 62. नाइलॉन 6 , नियोप्रीन , PVCउत्तर : नियोप्रिन > PVC > नाइलॉन 6

बहुलकन के आधार पर :

बहुलकों को दो भागो में बांटा गया है।

1. योगात्मक बहुलक या यौगज बहुलक :
  • असंतृप्त एकलक के अणुओं की बार बार पुनरावृति से बने बहुलक को यौगात्मक बहुलक कहते है।
  • इन बहुलकों के बनने पर अन्य छोटे अणु जैसे जल , HCl , एल्कोहल (OH) आदि बाहर नहीं निकलते
  • इन्हे श्रृंखला वृद्धि बहुलक भी कहते है।

नोट : जब कोई बहुलक एक ही प्रकार के एकलक के अणुओं से मिलकर बना होता है तो उसे समबहुलक कहते है , परन्तु यह अलग अलग प्रकार के एकलक के अणुओ से मिलकर बना हो तो उसे सहबहुलक कहते हैं।

उदाहरण : पॉलीथिन

2. संघनन बहुलक :
  • दो या दो से अधिक क्रियात्मक समूह वाले एकलक की पुनरावृति से बने बहुलक को संघनन बहुलक कहते है।
  • इन बहुलकों के बनने पर जल , HCl , OH आदि छोटे अणु बाहर निकलते है।
  • इन्हे पदश:वृद्धि बहुलक भी कहते है क्यूँकि प्रत्येक पद में एक नया उत्पाद बनता है तथा छोटे अणु बाहर निकलते है।

उदाहरण : नायलॉन-6,6

Remark:

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