शोर (ध्वनि) प्रदूषण क्या है | परिभाषा | कारण | प्रभाव | रोकथाम | नियम

ध्वनि प्रदूषण :

अवाँछित उच्च स्तर को शोर प्रदूषण कहते है। इसका मानक डेसीबल कइ है तथा 80 db से अधिक ध्वनि स्तर को ध्वनि प्रदूषण कहा जाता है।

ध्वनि प्रदूषण के कारण(noise pollution causes):-

1    उद्योगों के कारण

2     स्वचालित वाहनों के कारण

3     जेट विमान, राॅकेट आदि

4     जनरेटर के कारण

5     ध्वनि विस्तारक यंत्रों के कारण

6     पठाखों के कारण

प्रभाव(noise pollution effects):

ए-  श्रवण संबंधित:- अस्थाई बहरापन, कान का परदा फटना तथा स्थाई बहरापन होना।

ब-  अन्य प्रभाव:- सिरदर्द हदृय स्पंदन दर बढ़ना, श्वसन दर बढ़़ना उल्टी, चक्कर आना, नींद न आना, तनाव व चिड़चिड़ापन।

रोकथाम(noise pollution prevention):-

1     वाहनों में साइलेंसर का प्रयोग।

2     उद्योगों में ध्वनि अवशोधक यंत्रों का प्रयोग।

3     ध्वनि विस्तारक यंत्रों की समय सीमा व ध्वनि स्तर का निर्धारण

4     साइलेंसर जनरेटर का प्रयोग

5     उच्च ध्वनि उत्पादन करने वाले प्रदूषणों के प्रयोग पर रोक।

उपाय(noise pollution solution):-

1     उद्योगों को आबादी से दूर स्थापित करना।

2     उद्योगों के आस-पास एवं सडकों के किनारे सघन वृक्षारोपण करना।

3     नियमों का कठोरता से पालन करना।

नियम(noise pollution rules and regulations):-

वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए वायु प्रदूषण निबोध व नियंत्रण अधिनियम 1981 में साकर किया गया। 1981 में इसमें ध्वनि प्रदूषण को भी शामिल किया गया।

Remark:

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