Biology Notes For Class 11 in Hindi

मेखला व मेखलाएँ क्या है | परिभाषा | प्रकार | संरचना चित्र | संधियाँ

मेखलाएँ (मेखला) (girdle) : मनुष्य के अक्षीय कंकाल व अनुबंधी कंकाल को जोड़ने वाली अस्थियाँ मेखलाएँ कहलाती है , ये दो प्रकार की होती है – अंश मेखला (pectoral girdle) : यह अक्षीय कंकाल व अग्र पाद (हाथ) को जोड़ने वाली मेखला होती है , अंश मेखला दो प्रथक अस्थियों से निर्मित होती है – …

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मनुष्य में कंकाल तंत्र | कार्य | प्रकार | चित्र | संरचना | गमन एवं संचालन | अस्थि के प्रकार

गमन : ऐसी गति जिसमे प्राणी का सम्पूर्ण शरीर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता है अर्थात स्थान परिवर्तन होता है , गमन कहा जाता है | गति के प्रकार – अमीबीय गति (Amoebaid movement) : यह गति कूटपादों द्वारा होती है जो अस्थायी प्रवर्ध होते है , कुपादों का निर्माण कोशिका द्रव्य के …

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वृषण तथा अण्डाशय क्या है | कार्य | प्रभाव | लक्षण | संरचना | चित्र

वृषण (Testes) : वृषण शुक्रजनन द्वारा शुक्राणु उत्पन्न करने के अतिरिक्त हार्मोन का स्त्राव भी करते है , वृषण की शुक्रजनन नलिकाओ (सेमेनीफेरस नलिकाओं) द्वारा शुक्राणु उत्पन्न होते है इन कोशिकाओ के बीच अनेक अन्तस्त्रावी कोशिकाएँ धँसी रहती है जिन्हें अन्तराली कोशिकाएँ या लैंडिंग कोशिकाएं कहते है | अन्तराली कोशिकाओ द्वारा नर लिंगी हार्मोन का …

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अग्नाशय ग्रंथि | कार्य | स्थिति | संरचना चित्र | अधिवृक्क ग्रन्थि | हार्मोन

स्थिति : यह ग्रहणी के समीप स्थित होती है | संरचना : यह मिश्रित ग्रन्थि होती है , यह पत्ती के समान लगभग 15cm लम्बी व 85gm भार की होती है , इसकी पालियो के बीच बीच में अन्त: स्त्रावी कोशिकाएँ होती है जिन्हें लैंगर हैन्स के द्वीप कहते है | इनकी खोज 1869 में …

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थायराइड ग्रंथि | हार्मोन | कार्य | स्थिति | संरचना | प्रभाव | पैराथाइरॉइड ग्रंथि | थाइमस | पीनियल काय

संरचना : यह गुलाबी रंग की H आकार की ग्रन्थि है , यह द्विपालित ग्रन्थि है , दोनों आपस में इस्थमस द्वारा जुडी रहती है , मनुष्य में इस ग्रन्थि का भार 25-30gm तक होता है तथा लम्बाई 5cm तथा चौड़ाई 3cm होती है |  थॉयराइड ग्रन्थि में अनेक पुटिकाएँ पायी जाती है , जिन्हें …

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पीयूष ग्रंथि | हार्मोन | रोग | संरचना | ग्रंथियों के प्रकार | कार्य |

प्राणियों में रासायनिक समन्वय एवं एकीकरण :- परिचय : जन्तुओं में विभिन्न क्रियाओ का नियमन व नियंत्रण दो तंत्रों द्वारा किया जाता है , जिन्हें तन्त्रिका तंत्र व अन्त: स्त्रावी तंत्र कहते है | ये तंत्र समस्थापन (homeostatis) बनाये रखने में सहायक होते है | अन्त: स्त्रावी ग्रीक भाषा का शब्द है जो Endo (एन्डो) …

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मूत्र निर्माण व उत्सर्जन | मूत्र का संगठन  | उत्सर्जन सम्बन्धित विकार या रोग

परानिस्पंदन (ultratilisration) : परानिस्यंदन ग्लोमेरुलस तथा बोमेन सम्पुट द्वारा होता है , ग्लोमेरुलस में लगभग 50 समान्तर रुधिर कोशिकाएँ पायी जाती है | ग्लोमेरुलस में अनेक छिद्र होते है जिनका व्यास 0.1u – 0.5u तक होता है , जिससे ग्लोमेरुलस की पारगम्यता बढ़ जाती है | अभिवाही धमनी का व्यास , अपवाही धमनी से अधिक …

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फेफडो के आयतन एवं क्षमता | फेफडो की क्षमताएँ | श्वसन का नियमन | श्वसन में विकार

फेफडो के आयतन एवं क्षमता : फेफड़ो के आयतन एवं क्षमताएँ मापने के लिए स्पाईरोमीटर उपकरण का उपयोग किया जाता है | फेफड़ो के निम्न आयतन होते है – ज्वारीय आयतन (TV) : निश्वसन में ली जाने वाली वायु या उच्छ श्वसन में निकाली जाने वायु के आयतन को ज्वारीय आयतन कहते है , इसका …

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श्वसन की क्रियाविधि | कार्यविधि | रुधिर व CO2 का परिवहन

श्वसन की क्रियाविधि : फुफ्फुसीय श्वसन : फेफडो में वायु भरने एवं बाहर निकालने को संवातन कहते है , यह दो क्रियाओं द्वारा होता है – निश्वसन (inspiration) : यह सक्रीय प्रावस्था है , इसमें डायफ्राम चपटा व संकुचित हो जाता है जिससे वक्ष गुहा का आयतन बढ़ जाता है | साथ ही बाह्य अन्तरापर्शुक …

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श्वसन की परिभाषा क्या है | प्रकार | उदाहरण | मनुष्य में श्वसन तंत्र

श्वसन : वे सभी क्रियाएँ जो ऑक्सीकरण द्वारा खाद्य पदार्थों से रासायनिक ऊर्जा मुक्त करने से सम्बन्धित होती है , श्वसन कहलाती है | श्वसन दो प्रकार का होता है – बाह्य श्वसन : वातावरण से ऑक्सीजन ग्रहण करने तथा CO2 बाहर निकालने की क्रिया को बाह्य श्वसन कहते है | आन्तरिक श्वसन : ऑक्सीजन …

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पाचक एंजाइम एवं पाचन क्या है | परिभाषा | पचित भोजन का अवशोषण | स्वांगीकरण | विकार

पाचक एंजाइम एवं पाचन : मानव में पाचन की क्रिया दो चरणों में पूर्ण होती है – यांत्रिक क्रिया : मुखगुहिका एवं आमाशय में यान्त्रिक क्रिया द्वारा भोजन को छोटे छोटे टुकड़ो में तोडा जाता है | रासायनिक क्रिया : भोजन के जटिल अणुओं को सरल अणुओं में बदला जाता है , यह क्रिया एन्जाइमो …

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पाचन क्या है | मनुष्य का पाचन तंत्र |मुख | ग्रसनी | आमाशय | बड़ी आंत्र | छोटी आंत्र \ पाचक ग्रंथियाँ

पाचन (Digestion in hindi) : पाचन वह क्रिया है जिसमें भोजन के बड़े एवं जटिल अणुओं को सरल व घुलनशील अणुओं में तोड़ा जाता है जो आंत्र उपकला द्वारा आसानी से अवशोषित हो सके | पाचन मुख्यतः दो प्रकार का होता है – बाह्य कोशिकीय पाचन अन्त: कोशिकीय पाचन बाह्य कोशिकीय पाचन : जब भोजन …

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