हेलो स्टूडेंट्स, आज हम इस आर्टिकल में वाच्य परिवर्तन की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण ( Vachya Parivartan Kise Kahate Hain) के बारे में पढ़ेंगे | यह हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसे हर एक विद्यार्थी को जानना जरूरी है |
Table of Contents
Vachya Parivartan in Hindi
1 . कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाना –
कर्तृवाच्य को कर्मवाच्य में परिवर्तन हेतु वास्तविक कर्म को कर्ता के रूप में हुए क्रिया के लिंग, वचन, कर्म के अनुसार परिवर्तित कर वास्तविक कर्ता को करण कारक के रूप में प्रयुक्त करते हुए उसके साथ ‘से’, ‘द्वारा या के द्वारा’ शब्द प्रयुक्त किये जाते हैं –
कर्तृवाच्य | कर्मवाच्य |
गौरी फल खाती है। | फल गौरी द्वारा खाये जाते हैं। |
दीपिका ने चित्र बनाया। | चित्र दीपिका द्वारा बनाया गया। |
निखिल चाय पीता है। | चाय निखिल द्वारा पी जाती है। |
दादी कहानी सुनायेगी। | कहानी दादी द्वारा सुनाई जायेगी। |
मैं खाना खाता हूँ। | मेरे द्वारा खाना खाया जाता है। |
रोगी पानी नहीं पी सकता। | रोगी से पानी नहीं पीया जाता। |
हम सामान नहीं उठा सकते। | हमसे सामान नहीं उठाया जा |
प्रशान्त पुस्तक खरीदता है। | पुस्तक प्रशान्त से खरीदी जाती है। |
2 . कर्तृवाच्य से भाववाच्य बनाना –
भाववाच्य में क्रिया सदैव अकर्मक होती है, प्रायः निषेध का भाव रहता है तथा क्रिया सदैव एकवचन, पुल्लिंग एवं अन्य पुरुष में प्रयुक्त होती है,
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अतः कर्तृवाच्य को भाववाच्य में परिवर्तित करते समय कर्ता के साथ ‘से’ प्रयुक्त कर क्रिया को एकवचन, पुल्लिंग, अन्य पुरुष में परिवर्तित कर दिया जाता है।
कर्तृवाच्य | भाववाच्य |
तुम नहीं खेलते। | तुमसे खेला नहीं जाता। |
गुंजन नहीं गाती। | गुंजन से गाया नहीं जाता। |
क्या वे लिखेंगे ? | क्या उनसे लिखा जायेगा? |
मैं उठ नहीं सकता। | मुझसे उठा नहीं जाता। |
अभिषेक कुर्सी पर बैठता है। | अभिषेक से कुर्सी पर बैठा जाता है। |
3. कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य बनाना
कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य बनाने हेतु वास्तविक कर्ता जो करण के रूप में प्रयुक्त था, उसे पुनः कर्ता के रूप में तथा वास्तविक कर्म जो कर्ता कारक के रूप में प्रयुक्त था, उसे कर्म कारक के रूप में प्रयुक्त कर क्रिया का लिंग, वचन कर्ता के अनुसार परिवर्तित करने होंगे –
कर्मवाच्य | कर्तृवाच्य |
कार्तिका द्वारा गीत गाया गया। | कार्तिका ने गीत गाया। |
चिराग द्वारा चाय पी गयी। | चिराग ने चाय पी। |
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4. भाववाच्य से कर्तृवाच्य बनाना
वाक्य को भाव (वाच्य) की अपेक्षा कर्तृवाच्य बनाने हेतु पहले भाव के स्थान पर कर्ता को प्रधानता देते हुए वाक्य की क्रिया के लिंग, वचन, कर्ता के अनुसार परिवर्तित कर देंगे।
भाववाच्य | कर्तृवाच्य |
गीता से गाया नहीं जाता। | गीता से गाया नहीं जाता। |