हेलो स्टूडेंट्स, आज हम इस आर्टिकल में वाच्य की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण ( Vachya Kise Kahate Hain) के बारे में पढ़ेंगे | यह हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसे हर एक विद्यार्थी को जानना जरूरी है | यह क्लास १० में बहुत ही ज्यादा पूछे जाने वाले प्रश्न है |
Vachya in Hindi – वाच्य किसे कहते है?
‘वाच्य’ शब्द का शब्दार्थ होता है – ‘बोलने का विषय’। हिन्दी व्याकरण के अनुसार वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के जिस रूप से यह बोध हो कि क्रिया का मुख्य विषय – कर्ता, कर्म या भाव में से कौन है, उसे वाच्य कहते हैं ।
Vachya Ki Paribhasha :क्रिया के जिस रूप से यह जाना जाए कि वाक्य में क्रिया का मुख्य सम्बन्ध कर्ता, कर्म या भाव से है, वह वाच्य कहलाता है |
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‘लिंग, वचन और पुरुष के कारण क्रिया के रूप में जो परिवर्तन होता है, उसे वाच्य कहा जाता हैं।
वाच्य के भेद – Vachya ke Bhed/ Prakar
हिंदी व्याकरण में वाच्य के तीन भेद होते है
- कर्तृवाच्य
- कर्मवाच्य
- भाववाच्य
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1. कर्तृवाच्य – krit vachya Kise kahate hai
जब वाक्य में कर्ता की प्रधानता होती है अर्थात् वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का सीधा व प्रत्यक्ष सम्बन्ध कर्ता से होता है। क्रिया के लिंग, वचन एवं पुरुष कर्ता के लिंग, वचन एवं पुरुष के अनुसार प्रयुक्त होते हैं, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं।
krit vachya Examples in Hindi
जैसे –
a) लड़किया बाजार जा रही है।
b) मै रामायण पढ़ रही है।
c) कुमकुम खाना खाकर सो गई।
इन वाक्यों में जा रही है, पढ़ रहा हूँ, सो गई ये सभी क्रियाएं कर्ता के अनुसार आई है।
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2. कर्मवाच्य – Karm Vachya Kise Kahate Hai
जब वाक्य में प्रयुक्त कर्ता की अपेक्षा कर्म की प्रधानता होती है अर्थात् क्रिया का केन्द्र बिन्दु कर्ता न होकर कर्म होता है, क्रिया के लिंग, वचन, पुरुष कर्ता के लिंग वचन के अनुसार न होकर कर्म के अनुसार होते हैं, उसे कर्मवाच्य कहते हैं।
Karm Vachya Examples in Hindi
जैसे –
a) लड़कियों द्वारा बाजार जाया जा रहा है।
b) मेरे द्वारा रामायण पढ़ी जा रही है।
c) वर्षा से पुस्तक पढ़ी गई।
इन वाक्यों में पढ़ी जा रहीं है, पढी गई क्रियाएं कर्म के लिंग, वचन, पुरूष के अनुसार आई है।
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3. भाववाच्य – Bhav Vachya kise Kahate hai
जब वाक्य में न तो कर्ता की प्रधानता होती है और न कर्म की, बल्कि क्रिया का भाव प्रधान होता है, उसे भाववाच्य कहते हैं।
भाववाच्य में क्रिया सदैव एकवचन, पुल्लिंग, अकर्मक एवं अन्यपुरुष में भाव के अनुसार प्रयुक्त होती है। कभी क्रिया सकर्मक भी हो सकती है, उस परिस्थिति में कर्ता व कर्म के साथ विभक्तियाँ अवश्य प्रयुक्त होगी|
Bhav Vachya Examples in Hindi
जैसे –
a) हमसे वहाँ नहीं ठहरा जाता।
b) उससे आगे क्यों नहीं पढ़ा जाता। ‘
c) मुझसे शोर में नहीं सोया जाता।
इन वाक्यों में ठहरा जाता, पढ़ा जाता और सोया जाता क्रियाएं भाववाच्य की है।
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FAQs
वाच्य किसे कहते हैं कितने प्रकार के होते हैं?
क्रिया के उस परिवर्तन को वाच्य कहते हैं, जिसके द्वारा इस बात का बोध होता है कि वाक्य के अन्तर्गत कर्ता, कर्म या भाव में से किसकी प्रधानता है। इनमें किसी के अनुसार क्रिया के पुरुष, वचन आदि आए हैं।
वाच्य का क्या अर्थ होता है?
वाच्य– वाच्य का अर्थ है ‘बोलने का विषय। ‘ क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि उसके द्वारा किए गए विधान का विषय कर्ता है, कर्म है या भाव है, उसे वाच्य कहते हैं। दूसरे शब्दों में क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि उसके प्रयोग का आधार कर्ता, कर्म या भाव है, उसे वाच्य कहते हैं।
संस्कृत में वाच्य कितने प्रकार के होते हैं?
सस्कृत वाक्य में क्रिया द्वारा जो कहा जाता है, वही क्रिया का वाच्य होता है। संस्कृत भाषा में तीन वाच्य होते हैं-(1) कर्तवाच्य, (2) कर्मवाच्य, (3) भाववाच्य।
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