RBSE Solutions for Class 12 Political Science Chapter 5 राजनीतिक समाजीकरण

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Rajasthan Board RBSE Class 12 Political Science Chapter 5 राजनीतिक समाजीकरण

RBSE Class 12 Political Science Chapter 5 पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

RBSE Class 12 Political Science Chapter 5 बहुंचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
इनमें से कौन – सा विचारक राजनीतिक समाजीकरण की व्याख्या करता है?
(अ) हरबर्ट साइमन
(ब) कावानाद्य
(स) आमण्ड और पावेल
(द)ये सभी

प्रश्न 2.
कौन – सा अभिकरण राजनीतिक समाजीकरण में सहायक नही है?
(अ) परिवार
(ब)शिक्षक संस्था
(स) राजनीतिक दल
(द)अनियन्त्रित भीड़

प्रश्न 3.
‘पोलिटिकल सोशलाइजेशन’ पुस्तक के लेखक हैं
(अ) डेविड ईस्टन
(ब) अमर्त्य सेन
(स)हरबर्ट साइमन
(द) लीकाक

उतर:
1. (द), 2. (द), 3. (स)

RBSE Class 12 Political Science Chapter 5 अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
राजनीतिक समाजीकरण के दो अभिकरण / साधन बताइये। उतर-राजनीतिक समाजीकरण के दो अभिकरण / साधन हैं
(1) परिवार,
(2) शिक्षण संस्थाएँ।

प्रश्न 2.
जनसंचार के तीन माध्यम बताइए। उतर – आधुनिक समय में जनसंचार के तीन प्रमुख माध्यम हैं
1.समाचार पत्र
2.टेलीविजन तथा
3. रेडियो.

प्रश्न 3.
विद्यार्थी का राजनीतिक समाजीकरण किस संस्था में होता है?
उतर:
विद्यार्थी का राजनीतिक समाजीकरण शिक्षण संस्थाओं में होता है।

RBSE Class 12 Political Science Chapter 5 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
परिवार राजनीतिक समाजीकरण की प्रक्रिया को कैसे पूर्ण करते हैं?
उत्तर:
परिवार राजनीतिक समाजीकरण का प्रथम अभिकर्ता माना जाता है। परिवार बालक की प्रथम पाठशाला होती है। जिसमें वह रीति-रिवाज और परम्पराओं, परिवार की संस्कृति व संस्कार आदि को सीखता है। इसके अलावा वह परिवार का सहयोग करने और अपनी माँगों को मनवाने के तरीकों को सीखकर राजनीतिक क्रियाओं की क्षमता विकसित करता है।

सामान्यतः यह देखा जाता है कि परिवार का मुखिया जिस राजनीतिक दल का समर्थक होता है, परिवार के अन्य सदस्य भी उसी का अनुसरण करते हैं। इस प्रकार बालक को राजनीति की प्रारम्भिक समझ परिवार से ही प्राप्त होती है।

प्रश्न 2.
राजनीतिक समाजीकरण में संचार माध्यमों की भूमिका बताइए।
उतर:
राजनीतिक समाजीकरण में संचार माध्यमों की भूमिका: वर्तमान समय में समाचार – पत्र, रेडियो, दूरदर्शन एवं इन्टरनेट आदि सशक्त लोकमत निर्माण में महत्वपूर्ण साधन होने के कारण राजनीतिक समाजीकरण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये संचार माध्यम लोगों की राजनीतिक अभिरुचि एवं विचारधारा के निर्धारण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राजनीतिक व्यवस्था का स्वरूप चाहे कैसा भी हो, समस्त प्रकार की राजनीतिक व्यवस्थाएँ अपने अनुकूल राजनीतिक अभिमुखीकरण का प्रयत्न करती हैं। ताकि व्यवस्था को सुदृढ़ता प्राप्त हो।

अधिनायकवादी व्यवस्थाओं में संचार के माध्यम से शासक वर्ग की रक्षा के अनुरूप ही सूचनाएँ दी जाती हैं। विचारधारा विशेष पर आधारित शासन व्यवस्थाएँ अपने अनुरूप ही लोगों की विचारधारा निर्माण एवं प्रतिबद्धता निर्माण का प्रयत्न करती हैं। साम्यवादी देशों में साम्यवादी दल बाल्यकाल से ही लोगों का अपने अनुकूल राजनीतिक समाजीकरण करने का प्रयास करता है।

संचार माध्यमों की निष्पक्षता एवं विश्वसनीयता का राजनीतिक सामाजीकरण पर दीर्घकालीन प्रभाव पड़ता है। भारत में ऐसा माना जाता है कि चुनाव आजकल मीडिया के कार्यालयों में से लड़े जाते हैं क्योंकि वे विभिन्न कार्यलयों से जनमत को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं।

RBSE Class 12 Political Science Chapter 5 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
राजनीतिक समाजीकरण की प्रक्रिया पर एक लेख लिखिए।
उत्तर:
राजनीतिक समाजीकरण की प्रक्रिया: राजनीतिक समाजीकरण की समाजशास्त्रीय संकल्पना, समाजीकरण से प्रेरित है। समाजीकरण एक प्रक्रिया है जिससे व्यक्ति सामाजिक, सांस्कृतिक संसार में प्रवेश करता है और जिसके द्वारा वह समाज और उसके विभिन्न समूहों की विभिन्न क्रियाओं में हिस्सा लेने लगता है। जिसके द्वारा वह समाज के मूल्यों और व्यवहार प्रतिमानों को स्वीकार करने के लिए अग्रसर होता है।

राजनीतिक समाजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति में राजनीतिक समझ विकसित होती है। साथ ही राजनीतिक जीवन और पद्धति के प्रति उसके दृष्टिकोण का विकास होता है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि राजनीतिक समाजीकरण राजनीतिक संस्कृति को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तान्तरित करने का एक साधन है।

हरबर्ट साइमन के अनुसार, “राजनीतिक समाजीकरण, जो सम्पूर्ण ज्ञान की प्रक्रिया का अंग है, उससे उस प्रक्रिया का बोध होता है जिसके माध्यम से राजनीतिक व्यवस्था के सम्बन्ध में ज्ञान की प्राप्ति होती है। इस ज्ञान के अन्तर्गत व्यक्तियों, घटनाओं, नीतियों और आवश्यकताओं से सम्बद्ध ज्ञान भी सम्मिलित है।” कावानाद्य के अनुसार, “राजनीतिक समाजीकरण वह शब्द है जो उस प्रक्रिया का वर्णन करता है, जिस प्रक्रिया के माध्यम से व्यक्ति राजनीति से सम्बन्धित अपना ज्ञान प्राप्त करता है।”

आमण्ड एवं पावेल के अनुसार,“राजनीतिक समाजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से राजनीतिक संस्कृति में प्रवेश कराया जाता है तथा उनकी राजनीतिक उद्देश्यों के प्रति अभिप्रेरणाओं को बनाया जाता है।” राजनीतिक समाजीकरण का उद्देश्य है व्यक्तियों को राजनीतिक व्यवस्था की शिक्षा प्रदान करना तथा विकसित करना जिससे वे राजनीतिक व्यवस्था के सुचारु संचालन में सहयोग कर सकें। राजनीतिक समाजीकरण की यह प्रक्रिया निम्न प्रकार संचालित होती है

  1. परिवार में परिवार के मुखिया व अन्य वरिष्ठ सदस्यों द्वारा। वस्तुत: वरिष्ठ लोगों का रुझान जिसे राजनीतिक दल के प्रति होता है, बालक उसी का अनुसरण करता है।
  2. विद्यार्थियों का राजनीतिक समाजीकरण शिक्षण संस्थाओं में होता है। इसमें बालक की मित्र मण्डली, शिक्षण संस्थाओं का पाठ्यक्रम तथा शिक्षकों के राजनीतिक दृष्टिकोण का प्रत्यक्ष प्रभाव बालक के राजनीतिक समाजीकरण पर पड़ता है।
  3. राजनीतिक दलों की विचारधाराएँ राजनीतिक समाजीकरण को प्रभावित करती हैं।  राष्ट्रीय प्रतीकों द्वारा राजनीतिक समाजीकरण प्रभावित होता है।
  4. जनसंचार के विभिन्न साधन आज राजनीतिक समाजीकरण की प्रक्रिया में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
  5. स्पष्टतः राजनीतिक समाजीकरण राजनीतिक व्यवस्था को प्रभावित करता है। राजनीतिक संस्कृति का निर्धारण राजनीतिक समाजीकरण द्वारा ही होता है।

RBSE Class 12 Political Science Chapter 5 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 12 Political Science Chapter 5 बहुंचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न में से किस देश में साम्यवादी व्यवस्था है?
(अ) भारत
(ब) चीन
(स) संयुक्त राज्य अमेरिका
(स) जापान।

प्रश्न 2.
राजनीतिक समाजीकरण की प्रथम व्याख्या करने वाले विद्वान हैं?
(अ) हरबर्ट साइमन
(ब) कार्ल मार्क्स
(स) आमण्ड एवं पावेल
(द) कावानाद्य।

प्रश्न 3.
निम्न में से कौन – सा साधन राजनीतिक समाजीकरण से सम्बद्ध है?
(अ) परिवार
(ब) शिक्षण संस्थाएँ
(स) राजनीतिक दल
(द) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 4.
निम्न में से किस साधन को समाजीकरण की प्रथम पाठशाला कहा जाता है?
(अ) परिवार
(ब) राष्ट्रीय प्रतीक
(स) शिक्षण संस्थाएँ
(द) राजनीतिक दल।

प्रश्न 5.
राजनीतिक दलों की बहुलता होती है
(अ) साम्यवादी शासन में
(ब) सर्वाधिकारवादी राज्यों में
(स) लोकतान्त्रिक राज्यों में
(द) उपर्युक्त सभी में।

प्रश्न 6.
राजनीतिक समाजीकरण से तात्पर्य है
(अ) राजनीतिक प्रशिक्षण प्रक्रिया
(ब) समाजीकरण का एक अभिन्न अंग
(स) राजनीतिक मूल्यों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तान्तरित करने की प्रक्रिया
(द) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 7.
किसी समाज में मूल्यों को सीखने एवं अंगीकार करने की प्रक्रिया को कहा जाता है
(अ) आधुनिकीकरण
(ब) अभिमुखीकरण
(स) नवीनीकरण
(द) समाजीकरण।

उत्तर:
1. (ब), 2. (अ), 3. (द), 4. (अ), 5. (स), 6. (द), 7. (द)।

RBSE Class 12 Political Science Chapter 5 अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
राजनीति विज्ञान में सम्मिलित प्रमुख समाजशास्त्रीय अवधारणाओं के नाम बताइए।
उत्तर:
राजनीति विज्ञान में वर्तमान समय में निम्न समाजशास्त्रीय अवधारणाओं को सम्मिलित किया गया है

  1. राजनीतिक संस्कृति
  2. राजनीतिक सहभागिता
  3. राजनीतिक विकास तथा
  4. राजनीतिक समाजीकरण

प्रश्न 2.
सामाजिक संस्कृति के प्रमुख कारक कौन – कौन से हैं?
उत्तर:
सामाजिक संस्कृति के प्रमुख कारक हैं – समाज के रीति – रिवाज, परम्पराएँ, मूल्य एवं मान्यताएँ आदि।

प्रश्न 3.
समाजीकरण की पारिभाषा दीजिए।
उत्तर:
समाजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा बालक मानव समाज से एक समाज विशेष का सदस्य बनता है।

प्रश्न 4.
राजनीतिक समाजीकरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जिस प्रक्रिया के द्वारा व्यक्ति राजनीति के प्रति अपना ज्ञान प्राप्त करता है, उस प्रक्रिया को राजनीतिक समाजीकरण कहते हैं।

प्रश्न 5.
राजनीतिक संस्कृति को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हस्तान्तरित करने वाले साधन का नाम बताइए।
उत्तर:
राजनीतिक समाजीकरण

प्रश्न 6.
राजनीतिक समाजीकरण की कोई दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:

  1. राजनीतिक समाजीकरण निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है।
  2. यह प्रशिक्षण की प्रक्रिया है।

प्रश्न 7.
किस प्रकार की शासन व्यवस्था में राजनीतिक समाजीकरण द्वारा नागरिकों को लोकतंत्र और स्वतंत्र समाज के प्रति निष्ठावान बनाने का प्रयास किया जाता है?
उत्तर:
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में

प्रश्न 8.
राजनीतिक समाजीकरण की अवधारणा का सर्वप्रथम प्रयोग किस विद्वान ने किया?
उत्तर:
हरबर्ट साइमन ने।

प्रश्न 9.
आमण्ड और पावेल ने राजनीतिक समाजीकरण को किस प्रकार परिभाषित किया है?
उत्तर:
आमण्ड और पावेल के अनुसार, “राजनीतिक समाजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से राजनीतिक संस्कृति में प्रवेश कराया जाता है तथा उनकी राजनीतिक उद्देश्यों के प्रति अभिप्रेरणाओं को बनाया जाता है।”

प्रश्न 10.
कावानाद्य ने राजनीतिक समाजीकरण की क्या परिभाषा दी है?
उत्तर:
कावानाद्य के अनुसार, “राजनीतिक समाजीकरण वह शब्द है जो उस प्रक्रिया का वर्णन करता है जिस प्रक्रिया के माध्यम से व्यक्ति राजनीति से सम्बन्धित अपना ज्ञान प्राप्त करता है।”

प्रश्न 11.
राजनीतिक समाजीकरण के दो उद्देश्य बताइये।
उत्तर:
राजनीतिक समाजीकरण के दो उद्देश्य निम्नलिखित हैं

  1. व्यक्तियों को राजनीतिक व्यवस्था की शिक्षा प्रदान करना तथा
  2. राजनीतिक ज्ञान को विकसित करना ताकि वे राजनीतिक व्यवस्था के सुचारु संचालन में सहायक हो सकें।

प्रश्न 12.
राजनीतिक समाजीकरण की दो अनौपचारिक संस्थाओं के नाम बताइये।
उत्तर:
राजनीतिक समाजीकरण की दो अनौपचारिक संस्थाएँ हैं –

  1. परिवार
  2. पड़ोस।

प्रश्न 13.
किन शासन व्यवस्थाओं में राजनीतिक संस्कृति थोपी जाती है?
उत्तर:
चीन जैसे साम्यवादी देश तथा पाकिस्तान जैसे कट्टरपन्थी देशों में सरकारी तन्त्रों के माध्यम से राजनीतिक संस्कृति थोपी जाती है

प्रश्न 14.
राजनीतिक समाजीकरण के एक साधन के रूप में बालक की प्रथम पाठशाला किसे माना जाता है?
उत्तर:
परिवार को।

प्रश्न 15.
किन राज्यों में समाजीकरण के साधनों पर नियन्त्रण होता है?
उत्तर:
साम्यवादी तथा सर्वाधिकारवादी राज्यों में समाजीकरण के साधनों पर राज्य का कठोर नियन्त्रण होता है।

प्रश्न 16.
किन्हीं दो राजनीतिक प्रतीकों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. राष्ट्रीय ध्वज
  2. राष्ट्रगीत।

प्रश्न 17.
जनमत को प्रभावित करने वाले दो संचार साधनों के नाम बताइये।
उत्तर:
जनमत को प्रभावित करने वाले दो प्रमुख संचार के साधन हैं –

  1. समाचार पत्र तथा
  2. टेलीविजन।

प्रश्न 18.
किसी देश की राजनीतिक व्यवस्था को प्रभावित करने वाला महत्वपूर्ण कारक कौन – सा है?
उत्तर:
राजनीतिक समाजीकरण।

प्रश्न 19.
राजनीतिक समाजीकरण के कोई दो महत्व बताइए।
उत्तर:

  1. किसी देश की राजनीतिक व्यवस्था को प्रभावित करना।
  2. समाज की राजनीतिक संस्कृति को निर्धारित करना।

प्रश्न 20.
राजनीतिक समाजीकरण के दो प्रमुख कार्य बताइये।
उत्तर:

  1. राजनीतिक संस्कृति का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हस्तान्तरण करना तथा
  2. राजनीतिक व्यवस्था के सुचारु संचालन में सहयोग करना।

प्रश्न 21.
राजनीतिक समाजीकरण में शिक्षण-संस्थाओं की दो भूमिकाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:

  1. बालक परिवार में जिन राजनीतिक सुदृढ़ बन जाती हैं।
  2. अलग – अलग पृष्ठभूमि के सहभागियों के साथ अनुकूलन करने की आवश्यकतार्थ बालक राजनीतिक व्यवस्थाओं की विविधताओं और विरोधाभासों के साथ अनुकूलन करना सीखता है।

प्रश्न 22.
शिक्षण संस्थाओं में राजनीतिक समाजीकरण को कौन से कारण प्रभावित करते हैं?
उत्तर:
शिक्षण संस्थाओं में राजनीतिक समाजीकरण को प्रभावित करने में निम्नलिखित कारकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है –

  1. शिक्षण संस्थाओं का पाठ्यक्रम
  2. छात्रों की मित्र मण्डली
  3. शिक्षकों का राजनीतिक व्यवस्था के प्रति दृष्टिकोण तथा वैचारिक अभिमुखीकरण

RBSE Class 12 Political Science Chapter 5 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
समाजीकरण की प्रक्रिया को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
समाजीकरण निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है। इसके द्वारा व्यक्ति समाज के रीति – रिवाजों, परम्पराओं, मूल्यों तथा मान्यताओं को स्वीकार कर समाज का एक क्रियाशील सदस्य बन जाता है। प्रत्येक समाज अपनी संस्कृति के अनुरूप बालक को बोलना, अभिवादन करना, पूजा – पद्धति, पहनावा, खान – पान आदि को सिखाता है।

इस प्रकार वह प्रक्रिया जिसके द्वारा बालक समाज विशेष का सदस्य बनता है, समाजीकरण कहलाती है। समाजीकरण अध्ययन और विश्लेषण का एक नवीन क्षेत्र नहीं है। मनोविज्ञान समाजशास्त्र एवं मानवशास्त्र में समाजीकरण से सम्बद्ध अनेक अन्वेषण होते रहे हैं। राजनीतिक समाजीकरण भी इसी से सम्बन्धित है।

प्रश्न 2.
राजनीतिक समाजीकरण को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
राजनीतिक समाजीकरण की परिभाषा-जिस प्रक्रिया के द्वारा व्यक्ति राजनीति के सम्बन्ध में ज्ञान प्राप्त करता है, उस प्रक्रिया को राजनीतिक समाजीकरण कहते हैं। हरबर्ट साइमन के अनुसार, “राजनीतिक समाजीकरण, जो सम्पूर्ण ज्ञान की प्रक्रिया का अंग है, उससे उस प्रक्रिया का बोध होता है, जिसके माध्यम से राजनीतिक व्यवस्था के सम्बन्ध में ज्ञान की प्राप्ति होती है। इस ज्ञान के अन्तर्गत व्यक्तियों, घटनाओं, नीतियों और आवश्यकताओं से सम्बद्ध ज्ञान भी सम्मिलित है।”

आमण्ड और पॉवेल के अनुसार, “राजनीतिक समाजीकरण वह प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से राजनीतिक संस्कृति में प्रवेश कराया जाता है तथा उनकी राजनीतिक उद्देश्यों के प्रति अभिप्रेरणाओं को बनाया जाता है।” कावानाद्य के अनुसार, “राजनीतिक समाजीकरण वह शब्द है जो उस प्रक्रिया का वर्णन करता है, जिस प्रक्रिया के माध्यम से व्यक्ति राजनीति से सम्बन्धित अपना ज्ञान प्राप्त करता है।”

प्रश्न 3.
राजनीतिक समाजीकरण में शिक्षण संस्थाओं का महत्व बताइए।
उत्तर:
राजनीतिक समाजीकरण में शिक्षण संस्थाओं का महत्व-राजनीतिक समाजीकरण में शिक्षण संस्थाओं का महत्व निम्नलिखित हैं

  1. बालक परिवार में जिन राजनीतिक अभिवृत्तियों को ग्रहण करता है, शिक्षण संस्थाओं में वे और मजबूत हो जाती हैं।
  2.  विभिन्न पृष्ठभूमि के सहभागियों के साथ अनुकूलन करने की आवश्यकताओं से बालक राजनीतिक व्यवस्थाओं की विविधताओं और विरोधाभासों के साथ अनुकूलन करना सीखता है।
  3. बालक शिक्षण संस्थाओं में जो सीखता है, वही उसके राजनीतिक समाजीकरण की दिशा निर्धारित करता है।
  4.  विद्यार्थी जीवन में संगठन क्षमता, नेतृत्व एवं निर्णय प्रक्रिया में सफल विद्यार्थी राजनीतिक जीवन में भी कुशल तथा सफल संगठनकर्ता होते हैं।
  5. विचारधाराओं के प्रति निष्ठा का निर्धारण भी छात्र जीवन में ही हो जाता है।
  6.  शिक्षित लोग अशिक्षित लोगों की तुलना में राजनीति के प्रति अधिक जागरुक व सहभागी होते हैं।

प्रश्न 4.
राजनीतिक दल राजनीतिक समाजीकरण के महत्वपूर्ण साधन हैं? कैसे।
अथवा राजनीतिक समाजीकरण में राजनीतिक दलों का महत्व बताइए।
उत्तर:
राजनीतिक दल राजनीतिक समाजीकरण के महत्वपूर्ण साधन हैं। इनको महत्व अग्रलिखित है

  1. राजनीतिक दल सत्ता प्राप्ति के लिए लोगों का राजनीतिक समाजीकरण करने का प्रयत्न करते हैं। ये चुनावों के समय नारे व दीवार लेखन, पोस्टर, रैलियों, चुनाव सभाओं एवं हित समूहों के द्वारा जनता की अभिवृत्तियों को अपने अनुकूल बनाने का प्रयत्न करते हैं।
  2. नवोदित राष्ट्रों में राजनीतिक दलों द्वारा राजनीतिक संस्कृति के निर्माण एवं परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी जाती है।
  3. लोकतांत्रिक देशों एवं साम्यवादी सर्वाधिकारवादी राज्यों में राजनीतिक दलों की भूमिका अलग – अलग होती है।
  4. साम्यवादी सर्वाधिकावादी राज्यों में समाजीकरण के साधनों पर राज्य का कठोर नियंत्रण रहता है।
  5. लोकतांत्रिक राज्यों में राजनीतिक दलों की बहुलता होती है एवं वे स्वतंत्रतापूर्वक अपने-अपने विचारों के अनुरूप समाजीकरण के लिए स्वतंत्र होते हैं।

प्रश्न 5.
राजनीतिक समाजीकरण के महत्व की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
राजनीतिक समाजीकरण का महत्व-राजनीतिक समाजीकरण के महत्व का वर्णन निम्न बिन्दुओं के अन्तर्गत प्रस्तुत है
(i) राजनीतिक व्यवस्था के अध्ययन में सहायता – राजनीतिक समाजीकरण के अध्ययन से राजनीतिक व्यवस्था के अध्ययन में सहायता प्राप्त होती है। यह लोगों को राजनीति में शिक्षित करता है।

(ii) राजनीतिक संस्कृति के अध्ययन में सहायक – समाज की राजनीतिक संस्कृति को निर्धारित करने में राजनीतिक समाजीकरण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। राजनीतिक समाजीकरण राजनीतिक संस्कृति को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तान्तरित करने के एक साधन के रूप में कार्य करता है।

(iii) राजनीतिक प्रक्रियाओं को समझने में सहायक – राजनीतिक समाजीकरण के द्वारा राजनैतिक भर्ती एवं राजनैतिक सहभागिता को समझने में सहायता मिलती है।

RBSE Class 12 Political Science Chapter 5 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
राजनीतिक समाजीकरण की परिभाषा दीजिए तथा इसके प्रमुख साधनों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राजनीतिक समाजीकरण का आशय एवं परिभाषा: जिस प्रक्रिया के द्वारा व्यक्ति राजनीति के सम्बन्ध में ज्ञान प्राप्त करता है, उस प्रक्रिया को राजनीतिक समाजीकरण कहते हैं। दूसरे शब्दों में राजनीतिक समाजीकरण, राजनीतिक संस्कृति को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तान्तरित करने का एक साधन है।

हरबर्ट साइमन के अनुसार, “राजनीतिक समाजीकरण, जो सम्पूर्ण ज्ञान की प्रक्रिया का अंग है, उससे उस प्रक्रिया का बोध होता है जिसके माध्यम से राजनीतिक व्यवस्था के सम्बन्ध में ज्ञान की प्राप्ति होती है। इस ज्ञान के अन्तर्गत व्यक्तियों, घटनाओं, नीतियों एवं आवश्यकताओं से सम्बद्ध ज्ञान भी सम्मिलित है।”

आमण्ड एवं पावेल के अनुसार, ‘राजनीतिक समाजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से राजनीतिक संस्कृति में प्रवेश कराया जाता है तथा उनकी राजनीतिक उद्देश्यों के प्रति अभिप्रेरणाओं को बनाया जाता है।” कावानाद्य के शब्दों में – ‘राजनीतिक समाजीकरण वह शब्द है जो उस प्रक्रिया का वर्णन करता है, जिस प्रक्रिया के माध्यम से व्यक्ति राजनीति से सम्बन्धित अपना ज्ञान प्राप्त करता है।”

राजनीतिक समाजीकरण के प्रमुख साधन – राजनीतिक समाजीकरण की अनेक संस्थाएँ होती हैं; जैसे – परिवार, शिक्षण संस्थाएँ, राजनीतिक एवं सामाजिक संस्थाएँ, सरकारी प्रक्रियाएँ एवं जनसंचार के साधन आदि। इनमें से कुछ संस्थाएँ औपचारिक हैं तथा कुछ अनौपचारिक हैं। इनमें से कुछ का संक्षिप्त वर्णन निम्न प्रकार है

1. परिवार – परिवार बालक की प्रथम पाठशाला मानी जाती है जिसमें बालक पारिवारिक रीति-रिवाजों व परम्पराओं के साथ ही सहयोग, पारस्परिक निर्भरता एवं राजनीतिक क्रियाओं का पाठ भी सीखता है। इसमें वह पारिवारिक मुखिया का अनुकरण करता है।

2. शिक्षण संस्थाएँ – शिक्षण संस्थाएँ राजनीतिक समाजीकरण की एक प्रमुख संस्था है। इसमें बालक अन्य साथियों के साथ राजनीतिक व्यवस्थाओं की विविधताओं और विरोधाभासों के साथ – साथ समायोजन करना सीखता है। राजनीतिक समाजीकरण में विद्यार्थी पर शिक्षण सस्थाओं के पर्यावरण तथा शिक्षकों का प्रभाव पड़ता है।

3. राजनीतिक दल – विभिन्न राजनीतिक दलों की अलग – अलग विचारधाराएँ होती हैं। राजनीतिक दल अपनी . नीतियों, विचारधारा तथा कार्यक्रमों के माध्यम से राजनीतिक समाजीकरण का कार्य करते हैं।

4. राष्ट्रीय प्रतीक – विभिन्न राजनीतिक प्रतीकों, यथा – राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रगीत, राष्ट्रीय दिवस समारोह, सेना की परेड आदि के माध्यमों से राजनीतिक व्यवस्था एवं राजनीतिक आदर्शों के प्रति नागरिकों में राजनीतिक आस्था के भाव पैदा किए जाते हैं।

5. जनसंचार के साधन – राजनीतिक ज्ञान तथा राजनीतिक विचारों को बढ़ाने में आधुनिक समय में जनसंचार के साधनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वर्तमान समय में समाचार-पत्र, टेलीविजन, रेडियो आदि जनसंचार के प्रमुख साधन हैं जो चुनावों के दौरान जनमत को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं।

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