क्रिया विशेषण कितने भेद होते हैं? – Kriya Visheshan Ke Bhed

Kriya Visheshan Ke Bhed: क्रिया विशेषण के कितने भेद होते हैं? परीक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण टॉपिक है. अक्सर इस विषय से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते है. अतः परीक्षार्थियों को क्रिया विशेषण के कितने भेद होते हैं? से जुड़े सभी सम्बंधित प्रश्नों का भलीभांति तैयार कर लेना चाहिए।

क्रिया विशेषण कितने भेद होते हैं? – Kriya Visheshan Ke Bhed

क्रिया विशेषण कितने भेद होते हैं?

ऐसे शब्द जिनके माध्यम से क्रियाओं की विशेषता का बोध होता है, उन शब्दों को क्रिया विशेषण कहा जाता है।

साधारण शब्दों में बात की जाए तो जिन शब्दों के माध्यम से क्रिया की विशेषता का पता चलता है। उन शब्दों को क्रिया विशेषण कहते हैं।

उदाहरण : घोड़ा तेज भागता है।

उदाहरण के रूप में दिए गए इस वाक्य में भागना क्रिया है और तेज भागना क्रिया की विशेषता बता रहा है कि घोड़ा कितना तेज भागता है। अतः यह उदाहरण क्रिया विशेषण के अंतर्गत आएगा। क्योंकि इसमें तेज शब्द का प्रयोग किया विशेषण के रूप में किया गया है।

उदाहरण: वह तेज़ दौड़ती है।

यहां पर क्रिया ‘दौड़ती’ है और क्रिया की विशेषता ‘तेज़’ शब्द बता रहा है। इसलिए यह एक क्रिया-विशेषण है

क्रिया विशेषण के भेद

क्रियाविशेषण के चार भेद होते हैं:

  • कालवाचक क्रियाविशेषण
  • रीतिवाचक क्रियाविशेषण
  • स्थानवाचक क्रियाविशेषण
  • परिमाणवाचक क्रियाविशेषण

कालवाचक क्रियाविशेषण की परिभाषा :-

जो क्रियाविशेषण क्रिया के होने या न होने के समय के सम्बन्ध में कुछ कहें, उसे कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

इसे भी पढ़ें- क्रिया विशेषण किसे कहते हैं? 

कालवाचक क्रियाविशेषण के उदाहण

  •  तुम कल विद्यालय जरूर जाना।

आप देख सकते हैं की यहां ‘जाना’ एक क्रिया है और ‘कल ‘ शब्द समय के सम्बन्ध को बता रहा है की व्यक्ति को कब विद्यालय जाना है? इसलिए यहां पर ‘कल’ एक कालवाचक क्रियाविशेषण है।

स्थानवाचक क्रिया विशेषण :-

स्थानवाचक क्रियाविशेषण की परिभाषा

जो शब्द क्रिया की स्थान सम्बन्धी विशेषता बताते हैं, वे स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं।

 स्थानवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण

आप यहां से चले जाइये। (इस वाक्य में ‘यहां’ शब्द क्रिया की स्थिति बता रहा है, इसलिए यह एक स्थितिसूचक स्थानवाचक क्रियाविशेषण है)

रीतिवाचक क्रियाविशेषण

रीति का अर्थ है तरीका। जो शब्द क्रिया के करने की विधि के सम्बन्ध में बताए, उसे रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं। ये क्रियाविशेषण  साथ रहते हैं।

उदाहरण:- आप ठीक से बैठिये।

रीतिवाचक क्रियाविशेषण के भेद

1 .निश्चयवाचक क्रियाविशेषण

यह क्रियाविशेषण शब्द तब प्रयोग होते हैं जब हमें कोई निश्चय व्यक्त करना होता है।

जैसे : अवश्य , बेशक , सचमुच , वस्तुतः , निसंदेह , सही , जरुर , अलबत्ता , यथार्थ में , दरअसल आदि।

उदाहरण –

मैं अवश्य ही वहां जाऊँगा।

तुम निश्चित ही सफल होगे।

जैसा की आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं, यहाँ वक्ताओं द्वारा निश्चय व्यक्त किया जा रहा है क्योंकि इन वाक्यों में अवश्य, निसंदेह,एवं बेशक जैसे शब्दों अक प्रयोग किया गया है।

2. अनिश्चयवाचक क्रियाविशेषण

 यह क्रियाविशेषण शब्द तब प्रयोग होते हैं जब हमें क्रिया के होने कि अनिश्चितता होती है। जैसे : शायद , कदाचित , संभवतः , अक्सर , बहुतकर , यथासंभव आदि।

मुझे अक्सर विद्यालय जाने में देरी होती है।

मैं शायद आज ही जयपुर आऊंगा।

ऊपर दिए गए उदाहरण अनिश्यवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आयेंगे क्योंकि इनमे संभव, अक्सर आदि शब्दों का प्रयोग किया गया है।

3. कारणात्मक क्रियाविशेषण

कारणात्मक क्रियाविशेषण तब प्रयोग किये जाते हैं जब हमें किसी क्रिया के होने का कारण व्यक्त करना होता है। जैसे : क्योंकि , अत: , अतएव , इसलिए , चूँकि , किसलिए , क्यों , काहे को आदि।

वह असफल हुआ क्योंकि उसने बहुत मेहनत नहीं की।

वह देरी से पहुंचा इसलिए उसे सज़ा मिली।

जैसा की आप ऊपर दिए गए वाक्यों में देख सकते हैं, यहाँ क्योंकि, इसलिए जैसे शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है इस वजह से ये कारणात्मक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आयेंगे।

4. आक्स्मिकतात्म्क क्रियाविशेषण

ये क्रियाविशेषण शब्द हम तब प्रयोग करते हैं जब हमें किसी क्रिया के आकस्मिक होने का बोध कराना होता है। जैसे : सहसा , अकस्मात

, अचानक , एकाएक आदि।

जैसे ही रमेश को फेल होने की सुचना मिली

उसे अचानक ही दिल का दौरा पड गया।

ऊपर दिए वाक्यों में जैसा की आप देख सकते हैं अचानक जैसे शब्दों का प्रयोग हुआ है जिससे किसी घटना केअचानक होने का पता चलता है।

परिमाणवाचक क्रिया विशेषण की परिभाषा

ऐसे अविकारी शब्द जो हमें क्रिया के क्रिया के परिमाण या उसकी मात्र, संख्या के बारे में बताते हैं वे शब्द परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं।

जैसे: तुम्हे अधिक खाना चाहिए।

आप दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं की अधिक शब्द से हमें खाना खाने कि क्रिया की मात्रा के बारे में बता रहा है। अतः यह परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहलाता है।

कुछ परिमाणवाचक शब्द: थोड़ा-थोड़ा, अत्यंत, अधिक, अल्प, बहुत, कुछ, पर्याप्त, प्रभूत, कम, न्यून, बूँद-बूँद, स्वल्प, केवल, प्रायः अनुमानतः, सर्वथा आदि

परिमाणवाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण

तुम्हे थोडा अधिक पढ़ना है।

  • ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा कि आप देख सकते हैं कि अधिक शब्द श्रोता को बता रहा है कि उसे पढ़ाई करने कि क्रिया कितनी मात्रा में करनी चाहिए।

जब शब्द क्रिया के परिमाप या मात्र के बारे में बताते है तब वे शब्द परिमाणवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आयेंगे।

तम्हे ज्यादा सुनना चाहिए ।

  • जैसा कि आप उपर्युक्त उदाहरण में देख सकते हैं कि ज्यादा शब्द श्रोता को बता रहा है कि उसे सुनने कि क्रिया थोड़ी ज्यादा मात्र में करनी चाहिए। अतः यह शब्द परिमाणवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आएगा।

केवल एक घंटे सोना स्वास्थ के लिए हानिकारक है।

  • ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा कि आप देख सकते हैं केवल शब्द से हमें सोने कि क्रिया कि मात्र के बारे में पता चल रहा है।
  • जो शब्द हमें क्रिया की मात्रा के बारे मैं बताते हैं वे परिमाणवाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं। अतः यह उदाहरण परिमाणवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आयेगा।

रोज़ अधिक पानी पियो।

इस आर्टिकल में अपने पढ़ा कि, क्रिया विशेषण के कितने भेद होते हैं? हमे उम्मीद है कि उपर दी गयी जानकारी आपको आवश्य पसंद आई होगी। इसी तरह की जानकारी अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करे ।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *