Charu Chandra Ki Chanchal Kirne Alankar: हेलो स्टूडेंट्स, आज हम इस आर्टिकल में “चारू चन्द्र की चंचल किरणें” मे किस अलंकार का प्रयोग किया गया है? (Charu Chandra Ki Chanchal Kirne Alankar) के बारे में पढ़ेंगे | यह हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसे हर एक विद्यार्थी को जानना जरूरी है |
Charu Chandra Ki Chanchal Kirne Alankar
अलंकार को काव्य का आभूषण माना गया है। इसके प्रयोग से काव्य में चमत्कार तथा रोचकता उत्पन्न होती है। अलंकार काव्य की शोभा को बढ़ाने का कार्य भी करते हैं।यहाँ हम “चारू चन्द्र की चंचल किरणें” मे उपयोग अलंकार के बारे मे पढेंगे।
“चारु चंद्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में”
चारू चन्द्र की चंचल किरणें नामक कविता के विषय में अनुप्रास अलंकार अति प्रसिद्ध है। वह छंद या पंक्तियां जिसमें वर्णों की आवृत्ति (बार बार प्रयोग होना) होती है उसमें अनुप्रास अलंकार होता है। और चारू चन्द्र की चंचल किरणें कविता जो कि मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित है; में अनुप्रास अलंकार है।
आर्टिकल में अपने पढ़ा कि “चारू चन्द्र की चंचल किरणें” मे किस अलंकार का प्रयोग किया गया है? हमे उम्मीद है कि ऊपर दी गयी जानकारी आपको आवश्य पसंद आई होगी। इसी तरह की जानकारी अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करे ।