Drishtant Alankar in Hindi

Drishtant Alankar in Hindi – दृष्टान्त अलंकार किसे कहते है?

Drishtant Alankar in Hindi: हेलो स्टूडेंट्स, आज हम इस आर्टिकल में दृष्टान्त अलंकार किसे कहते है? (Drishtant Alankar in Hindi) के बारे में पढ़ेंगे | यह हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसे हर एक विद्यार्थी को जानना जरूरी है |

Drishtant Alankar in Hindi

जब उपमेय और उपमान वाक्य तथा उसके साधारण धर्म का (धर्म-पार्थक्य) होते हुए भी जहां पर बिंब-प्रतिबिंब भाव (भाव-साभ्य) हो वहां दृष्टांत अलंकार होता है।

उदाहरण

रहिमन अंसुवा नयन ढरि जिय दुख प्रकट करैई।

जाहि निकारो गेह ते ,कस न भेद कहि देई। ।

 इस उक्ति में प्रथम वाक्य में एक बात कही गई है और दूसरे वाक्य में दूसरी बात। दोनों के धर्म भिन्न है इसमें समता सूचित करने के लिए ‘वाचक’ शब्द अर्थात ‘सम’ , ‘समान’आदि का प्रयोग भी नहीं हुआ है।  किंतु दोनों वाक्यों में बिंब-प्रतिबिंब स्थिति है। दूसरा वाक्य पहले वाक्य को सपोर्ट करने वाले उदाहरण की भांति है,अतः यहां दृष्टांत अलंकार है।

दृष्टान्त अलंकार के उदाहरण

1.एक म्यान में दो तलवारें, कभी नहीं रह सकती हैं।

किसी और पर प्रेम नारियाँ, पति का क्या सह सकती है।।

2.पापी मनुज भी आज मुख से राम-नाम निकालते।

देखो भयंकर भेड़िये भी आज आँसू ढालते।

स्पष्टीकरण– यहाँ पापी मनुष्य का प्रतिबिम्ब भेड़िये में तथा राम-नाम का प्रतिबिम्ब आँसू से पड़ रहा

3.एक म्यान में दो तलवारें,

कभी नहीं रह सकती है।

किसी और पर प्रेम नारियाँ,

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पति का क्या सह सकती है।।

स्पष्टीकरण– इस अलंकार में एक म्यान दो तलवारों का रहना वैसे ही असंभव है जैसा कि एक पति का दो नारियों पर अनुरक्त रहना। अतः यहाँ बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव दृष्टिगत हो रहा है।

Drishtant Alankar Video

Credit: AVINASH INSTITUTE OF EDUCATION; Drishtant Alankar

आर्टिकल में अपने पढ़ा कि दृष्टान्त अलंकार किसे कहते है? हमे उम्मीद है कि ऊपर दी गयी जानकारी आपको आवश्य पसंद आई होगी। इसी तरह की जानकारी अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करे ।

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