Biology Notes For Class 12 in Hindi

रूपान्तरीय सिद्धान्त के जीव रासायनिक लक्षण | RNA संसार

RNAसंसार रूपान्तरीय सिद्धान्त के जीव रासायनिक लक्षण :- आनुवाँशिक पदार्थ की खोज:- 1- रूपान्तरीय सिद्धान्त:- फेडरिक ग्रिफिथ 1928 2- स्ट्रेेप्टोकोकस निमोनी न्यूमोकोकत प्रभेद 3- जीवाणु प्रभेद का संवर्धन क्रिया S  प्रभेद चूहे में प्रवेश चूहा मर गया R प्रभेद चूहे में प्रवेश चूहा जीवित रहना S  प्रभेद तापमृत चूहों में प्रवेश चूहा जीवित रहना S  प्रभेद तापृमृत …

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मेन्डल की सफलता के कारण | पनेट वग विधि | मेण्डल ने उधान मटर के उपलक्षणों का चुनाव किया | 7 लक्षणों पर प्रयोग किये

मेण्डल की सफलता के कारण:- 1- मेण्डल ने अपने अध्ययन के लिए उधान मटर पाइसम सेयइवन का चुनाव किया क्योकि:- 1- शकीय पादप:- कम जगह घेरता है। 2- वार्षिकी पादप कई पीढीयों का अध्ययन 3- द्वितलिंगी/स्व-परागण होता है किन्तु परमपरागत कराया जा सकता है। 4- विर्षर्यासी युग्म विकल्पी लक्षण अलग-2 लक्षण 5- मेण्डल द्वारा चुने …

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DNA  कुण्डली का पैकेजिंग | इरविन चारण का तुल्यता नियम

इरविन चारण का तुल्यता नियम DNA  कुण्डली का पैकेजिंग:- न्यूक्लिक अम्ल DNA RNA न्यूक्लिऑक्साइड न्यूक्लिओसाइड फास्फेट  न्यूक्लिओसाइड शर्करा नाइट्रोजनी क्षारक राइबोस डि ऑक्सी राइबोस नाइट्रोजनी क्षारक प्यूरिन पिरिमिडीन वाटसन व क्रिका का द्विकुण्डलिनी माॅडल:- नाइट्रोजनी क्षरक प्यूरीन – पिरिमीडीन = हाइड्रोजन बंध A = T   एडीनोसीन G = C    ग्वानोसीन साइटीडिन क्षारक ग्लाइकोसिडिक बंध शर्करा  न्यूकिलओलाइड =    थाइमीडिन …

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आनुवांशिक लक्षण | आनुवांशिकी | आनुवाँशिक का जनक | आनुवांशिकता | वंशागति

आनुवांशिक लक्षण:- वे लक्षण जो माता-पिता से संतान में आते है उन्हें आनुवाँशिक लक्षण कहते है। ये लक्षण सतत् रूप में एक पीढी से दूसरी पीढी में जाते है। आनुवांशिकता /वंशागति (heredity):– एक पीढी से दूसरी पीढी में आनुवाँशिक लक्षणों के प्राप्त होने की क्रियाएं आनुवाँशिकता कहलाती है। आनुवांशिकी (genetics):-  जीव विज्ञान की वह शाखा जिसमें आनुवाँशिक लक्षणों …

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भ्रूण का विकास | प्रसव व दुग्ध रक्तवर्ण | दुग्ध स्त्रवण | गर्भाविधि

भ्रूण का विकास:- दिन :- युग्मनज 1. दिन :- दो कोशिका 2. दिन :- 16 कोशिका 3. दिन 4. दिन :- गर्भाशय में प्रवेश 7-8 दिन :- अंतर्रोपण 1 माह बाद :- हदय की धडकन 2 माह बाद :- पाद व अगुंलिया 5माह बाद :- जननाँग सलित सभी अंग 5 माह बाद:-गतिशीलता 6 माह बाद …

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विदलन व अंतरोर्पण | सगर्भता व भ्रूणीय परिवर्तन | अपरा के कार्य

विदलन व अंतरोर्पण:- निषेचन के पश्चात् बना युग्मनज तेजी से अण्डवाहिनी के संकीर्ण पथ से गर्भाशय की ओर गति करता है। इस दौरान उसमें होने वाले समसूत्री विभजनों को विदलन कहते है। इससे क्रमशः 2, 4, 8, 16 कोव व दण्ड बनाते है। 8-10 को वक्र खण्डों से बनी संरचना तूतक (माॅरूसा) कहलाती है यह …

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अंडाशय की आंतरिक संरचना | युग्मक जनन | शुक्रजनन | अण्डजनन

1. युग्मक जनन:- जनदों में युग्मकों के बनने की क्रिया युग्मक जनन कहलाती है। यह क्रिया दो प्रकार की होती है। 2. शुक्रजनन:- वृषण में शुक्राणु के निर्माण की क्रिया को शुक्रजनन कहते है। यौवनारंभपर:- 1 : गुणन 2n उत्परिपक्व नर जर्तकोशिका समसूत्री विभाजन 2: वृद्धि 2n  शुकाणुजन कोशिका प्राथमिक शुक्राणु कोशिका 3: परिपक्व.अर्द्धसूत्री:-I शुक्राणुजन की …

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बन्ध्यता(Obstinacy) व | सहाय जनन प्रौद्योगिकी (ART) क्या है

बन्ध्यता(Obstinacy):- दम्पतियों के लगातार 2 वर्ष तक असुरक्षित सहवास के बावजूद संतान उत्पन्न न होने की क्रिया बन्ध्यता कहलाती है इसमे किसी भी गर्भ निरोधक उपाय का प्रयोग नहीं किया जाता है यह शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, प्रतिरक्षात्मक  सहाय जनन प्रौद्योगिकी  (ART) ऐसी विधियाँ जिनमें दम्पत्ति के दोषो को दूर किये बिना उन्हें संतान सुख प्रदान किया जाता …

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लैंगिक रोग | यौन संचालित रोग (STD) | रतिज रोग (VD) | जनन मार्ग संक्रमण RTI

लैंगिक रोग /यौन संचालित रोग (STD) / रतिज रोग (VD) / जनन मार्ग संक्रमण (RTI):- वे रोग जिनका संक्रमण मैथुन क्रिया के दौरान होता है उन्हें यौन संक्रमित रोग कहते है। उदाहरण:-उपचार योग्य:- 1: गोनोरिया 2: सिफालिस 3: हार्पिस 4 :ग्रइकोमोनसता 5: क्लेमिडियल 6 :लैगिक मस्से।  उपचार योग्य नहीं:- 1: एडस 2 :यकृत शोध-बी (Hapatatis …

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आर्ताचक्र/ रजचक्र/ रजोधर्म/ मासिक धर्म/ मासिक चक्र/ माहवारी/ ऋ़तुचक्र/ऋतु स्राव

आर्ताचक्र/रजचक्र/रजोधर्म/मासिक धर्म/ मासिक चक्र/माहवारी/ ऋ़तुचक्र/ऋतु स्राव:– मादा प्राइमेट में पाये जाने वाले जनक चक्र को रज चक्र कहते है। यौवनाराम्भ होने पर मोदा में योनि मार्ग से नियमित अंतवास पर रक्त प्रवाह होता है यह क्रिया जब प्रथम बार होती है उसे रजोदर्शन ;डमदंतबीद्ध कहते है। यह क्रिया प्रायः 13-15 वर्ष की आयु में प्रारंभ …

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MTP प्रेरित गर्भपात (सगर्भता का चिकित्सकीय समापन) & कारण

प्रेरित गर्भपात (सगर्भता का चिकित्सकीय समापन) : —–विधि पूर्ण होने से पहले ही गर्भ के समापन की क्रिया को MTP कहते है। विश्व में प्रतिवर्ष 45.5 करोड MTP की जाती है जो कुल सगर्भता का 20 प्रतिशत है भारत सरकार ने 1977 में MTP को कानूनी मानरूता प्रदान की MTP के सुरक्षित अवधि 12 सप्ताह है।  कारण:-  अनचाहे गर्भ …

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मोनोसैकेराइड क्या है | परिभाषा | उदाहरण | प्रकार

मोनोसैकेराइड की परिभाषा : इनमे एकल पोलीहाइड्रोक्सी एल्डिहाइड या कीटोन इकाई होती है। प्रकृति में सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला मोनोसैकेराइड 6 कार्बन युक्त शर्करा है। उदाहरण : डी-ग्लूकोज ये साधारण और स्वाद में मीठे कार्बोहाइड्रेट होते है , ये जल में घुलनशील होते है और इनको तथा अधिक छोटे रूप में जल अपघटन …

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