Biology Notes For Class 11 in Hindi

कवक (Fungi )क्या है | उदाहरण | प्रकार | प्रोटोजोआ | अमीबीय | कशायी | पक्ष्मायी | स्पोरोजोआ

प्रोटोजोआ : प्रोटिस्टा में रखे गये ये जीव परपोषी होते है , गति करने के आधार पर ये चार प्रकार के होते है। 1. अमीबीय प्रोटोजोआ : ये स्वच्छ जल , समुद्री जल व नम मृदा में पाये जाते है।  कुटपाडो की सहायता से गमन व शिकार करते है , इनके कुछ सदस्य परजीवी होते …

कवक (Fungi )क्या है | उदाहरण | प्रकार | प्रोटोजोआ | अमीबीय | कशायी | पक्ष्मायी | स्पोरोजोआ Read More »

माइकोप्लाज्मा क्या है | परिभाषा | प्रकार | प्रॉटिस्टा | क्राइसोफाइट | डाइनो प्लैजिलेट | युग्लिनॉइड

 माइकोप्लाज्मा : ये ऐसे जीवधारी होते है जिनमे कोशिका भित्ति नहीं पायी जाती है , ये सबसे छोटे सजीव होते है।  ये ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में भी जीवित रह सकते है।  ये पादपों व जन्तुओं में अनेक रोग उत्पन्न करते है। प्रॉटिस्टा (protista) : सामान्य लक्षण 1.  इसमें एक कोशिकीय यूकेरियोटिक सजीवों को रखा गया है। …

माइकोप्लाज्मा क्या है | परिभाषा | प्रकार | प्रॉटिस्टा | क्राइसोफाइट | डाइनो प्लैजिलेट | युग्लिनॉइड Read More »

ब्रायोफाइटा क्या है | परिभाषा | उदाहरण | गुण | लक्षण

ब्रायोफाइटा (bryophytes in hindi) : ब्रायोफाइटा को पादप जगत के उभयचर भी कहा जाता है क्योंकि ये भूमि पर जीवित रहते है , परन्तु लैंगिक जनन के लिए जल पर निर्भर होते है। ये नम , छायादार पहाड़ियों पर पुरानी व नम दीवारों पर पाये जाते है। इनका शरीर थैलस के रूप में होता है …

ब्रायोफाइटा क्या है | परिभाषा | उदाहरण | गुण | लक्षण Read More »

वनस्पति जगत क्या है | परिभाषा | शैवाल) , क्लोरोफाइसी | फियोफाइसी | रोडोफाइसी

वनस्पति जगत (plant kingdom in hindi  )1. कृत्रिम वर्गीकरण : थ्रियोफ्रेस्ट्स , सिसलपिनो व केरोल्स लिनियस का वर्गीकरण कृत्रिम वर्गीकरण पर आधारित है।  इस वर्गीकरण में कृत्रिम गुणों को ध्यान में रखा गया है।  इस वर्गीकरण में कई पादप समानताएँ रखते हुए भी दूर के वर्गों में रख दिए जाते है तथा कई जीव असमानताएं …

वनस्पति जगत क्या है | परिभाषा | शैवाल) , क्लोरोफाइसी | फियोफाइसी | रोडोफाइसी Read More »

उभयचर क्या है | परिभाषा |उदाहरण | लक्षण | रेप्टीलिया |सरीसृप |  वर्ग – एवीज

वर्ग – उभयचर (Amphibians in hindi) सामान्य लक्षण :1. ये जल व थल दोनों आवासों में रह सकते है इसलिए ये उभरचर (Amphibians) कहलाते है।2. इनका शरीर सिर ,धड व पूंछ में विभेदित होता है।3. इनमें गमन हेतु दो जोड़ी पैर पाये जाते है।4. इनकी त्वचा नम व लसलसी होती है।5. नेत्र पलक युक्त , …

उभयचर क्या है | परिभाषा |उदाहरण | लक्षण | रेप्टीलिया |सरीसृप |  वर्ग – एवीज Read More »

यूरोकॉड्रेटा | ट्युनिकेटा | सैफेलोकॉड्रेटा | वर्ग – साइक्लोस्टेमिटा | वर्रीब्रेटा महावर्ग – पिसीज  वर्ग – कोंड्रीक्थिंज

संघ – यूरोकॉड्रेटा / ट्युनिकेटा :1. इन्हे सामान्यत: प्रोटोकॉड्रेटा कहते है।2. ये समुद्रवासी होते है।3. इन जन्तुओं में पृष्ठ रज्जु केवल लार्वा की पुंछ में पायी जाती है।  इसलिए इन्हे यूरोकॉड्रेटा कहते है।उदाहरण – एनसीडिया , सैल्फा। सैफेलोकॉड्रेटा 1. इन्हें भी सामान्यत: प्रोटोकॉड्रेटा कहते है। 2. ये समुद्रवासी होते है। 3. इन जन्तुओं में पृष्ठ रज्जु …

यूरोकॉड्रेटा | ट्युनिकेटा | सैफेलोकॉड्रेटा | वर्ग – साइक्लोस्टेमिटा | वर्रीब्रेटा महावर्ग – पिसीज  वर्ग – कोंड्रीक्थिंज Read More »

कॉर्डेटा | रज्जुकी क्या है | रज्जुकी और अरज्जुकी में अंतर 

कॉर्डेटा / रज्जुकी :Chordata = chord (रस्सी) + ata (धारक ) = पृष्ठ रज्जु धारी प्राणीबॉल्फर ने 1880 में Chordate शब्द का प्रयोग किया था।इस संघ में लगभग 55 हजार जातियाँ शामिल है।कशेरुकीयो के तीन मूलभूत लक्षण :-1. पृष्ठ रज्जू (natochord) नोटोकॉर्ड : पृष्ठ वंशी जन्तुओं में जीवन की किसी न किसी अवस्था में मध्य पृष्ठ …

कॉर्डेटा | रज्जुकी क्या है | रज्जुकी और अरज्जुकी में अंतर  Read More »

संघ – मौलस्का | एकाइनोडर्मेटा  | हेमीकार्डेटा लक्षण

संघ – मौलस्का (mollusca in hindi) : सामान्य लक्षण :1. यह जंतु जगत का दूसरा सबसे बड़ा संघ है।2. इसकी लगभग 80 हजार प्रजातियाँ ज्ञात है।3. इस संघ की स्थापना जोनसटन ने की।4. ये जलीय या स्थलीय होते है।5. इनका शरीर कोमल व खण्डहिन होता है।6. शरीर सिर , पेशीय पाद व अन्तरांग कुकुद में …

संघ – मौलस्का | एकाइनोडर्मेटा  | हेमीकार्डेटा लक्षण Read More »

संघ – एस्केलमिन्थीज | संघ – ऐनेलिडा | संघ – आर्थोपोडा | लक्षण

संघ – एस्केलमिन्थीज :-सामान्य लक्षण1. इस संघ की स्थापना तोपन ने की थी।2. इस संघ की 12000 जातियाँ पायी जाती है।3. इन्हें सामान्यत: गोलकृमि कहते है।4. ये जलीय , स्थलीय स्वतंत्र या परजीवी होते है।5. ये द्विपाशर्व सममित , त्रिकोरिक , कुटगुहिया तथा अंग तंत्र स्तर का शारीरिक संगठन रखते है।6. शरीर पर क्यूटिकल का …

संघ – एस्केलमिन्थीज | संघ – ऐनेलिडा | संघ – आर्थोपोडा | लक्षण Read More »

संघ सिलेन्ट्रेटा |नाइडेरिया | टीनोफोरा | प्लेटीहोल्मिन्थिम

संघ सिलेन्ट्रेटा (Coelenterata) / नाइडेरिया : ल्यूकर्ट ने 1847 में सीलेन्ट्रेटा संघ की स्थापना की।  हेरचेक ने 1878 में इस संघ का नाम नाइडेरिया रखा।  इस संघ में लगभग 10000 जातियां ज्ञात है। सामान्य लक्षण :1. इस संघ के सदस्य समुद्री होते है।2. ये जंतु एकल , निवही , स्थानबद्ध या स्वतंत्र होते है।3. ये …

संघ सिलेन्ट्रेटा |नाइडेरिया | टीनोफोरा | प्लेटीहोल्मिन्थिम Read More »

प्रगुहा | सीलोम | खंडीभवन | संघ पोरीफेरा

प्रगुहा / सीलोम (coelom in hindi) :- 1. प्रगुही या सीलोमेट : ऐसे जन्तु जिनमे देहगुहा मिसोडर्म से आश्रित होती है तो ऐसे प्राणियों को प्रगुहि या सिलोमेट जंतु कहते है। 2. कुटगुहीक / स्यूडोसीलोमेट : वे जन्तु जिनमे देहगुहा मिसोडर्म से आश्रित नहीं होती है , ऐसे जन्तुओं को कूटगुहिक प्राणी कहते है , …

प्रगुहा | सीलोम | खंडीभवन | संघ पोरीफेरा Read More »

प्राणी जगत की परिभाषा क्या है | प्रकार , वर्गीकरण

प्राणी जगत : वर्गीकरण के आधार : जन्तुओ को उनमे पाये जाने वाले लक्षणों के आधार पर अलग अलग समूहों में वर्गीकृत किया गया है। वर्गीकरण के आधार निम्न है – 1. शारीरिक संगठन : (a) कोशिकीय स्तर का संगठन : कुछ जीवो में सभी उपापचय क्रियाएं एक या अनेक कोशिकाओ द्वारा किया जाता है …

प्राणी जगत की परिभाषा क्या है | प्रकार , वर्गीकरण Read More »