कवक (Fungi )क्या है | उदाहरण | प्रकार | प्रोटोजोआ | अमीबीय | कशायी | पक्ष्मायी | स्पोरोजोआ

प्रोटोजोआ : प्रोटिस्टा में रखे गये ये जीव परपोषी होते है , गति करने के आधार पर ये चार प्रकार के होते है।

1. अमीबीय प्रोटोजोआ : ये स्वच्छ जल , समुद्री जल व नम मृदा में पाये जाते है।  कुटपाडो की सहायता से गमन व शिकार करते है , इनके कुछ सदस्य परजीवी होते है।

उदाहरण : अमीबा

2. कशायी प्रॉटोजोआ : ये स्वतंत्र या परजीवी होते है , इनमे गति करने के लिए कशाय पाये जाते है।  इनके कुछ सदस्य निद्रालुरोग उत्पन्न करते है।

जैसे : टिपैनोसीमा।

3. पक्ष्मायी प्रोटोजोआ : ये जलीय व तीव्र गति करने वाले जीव है , इनके शरीर पर हजारों की संख्या में पक्ष्माय पाये जाते है , जिनकी सहायता से ये गति व भोजन प्राप्त करते है।

जैसे : पैरामिशियम

4. स्पोरोजोआ : ये संक्रमणकारी प्रोटोजोआ होते है , इनमे गमन के लिए कोई अक्ष नहीं होते है , ये अपना जीवन चक्र कम से कम दो परपोषीयों में पूरा करते है , ये अधिकांशत रोग जनक होते है।

जैसे : प्लाज मेडियम (मलेरिया परजीवी )

कवक (Fungi ) (Fungi in hindi) :

1. कवक में पर्णहरित का अभाव होता है , अत: ये प्रकाश संश्लेषण नहीं कर पाते है।

2. इनकी कोशिका भित्ति सेलुलोस व काइटिन की बनी होती है।

3. इनका शरीर धागे के समान संरचनाओं से मिलकर बना होता है जिन्हें कवक तन्तु कहते है।

4. कवक तन्तु आपस में मिलकर कवक जाल का निर्माण करते है।

5. कवक गर्म , नम , छायदार अथवा कम प्रकाश वाले स्थानों पर पाये जाते है।

6. पोषण के आधार पर कवक परजीवी या मृतोपजीवी होते है।

7. कभी कभी कार्बोहाइड्रेट , प्रोटीन व ग्लाइकोजन भी पाया जाता है।

8. कवक में कायिक जनक खंडन , विखंडन या मुलुकन द्वारा होता है।

9. अलैंगिक जनन बीजाणु (कोनेडिया) द्वारा होता है।

Remark:

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