एन.एल. बोवेन की अभिक्रिया श्रेणी

BOWEN’s reaction series :

मैग्मा का ठण्डा होकर क्रिस्टलीत होना एक जटिल रासायनिक प्रक्रिया है जिसमे बहुत सारे सिलिकेट मिनरल एक निश्चित क्रम में क्रिस्टलीत होते है।
इन सिलिकेट पदार्थों के ठंडा होकर क्रिस्टलीत होने की क्रिया को N.L बोवेन ने दो अभिक्रिया श्रेणियो से समझाया है।
1. संतत श्रेणी (continuous series )
2. असंतत श्रेणी (discontinuous series)

 1. संतत श्रेणी (continuous series )

मैग्मा में गलन क्रांतिक पर क्रिस्टलित द्रव का अवशिष्ट द्रव से कोई सम्बन्ध नहीं रहता है लेकिन कुछ मैग्मा से विकसित क्रिस्टल द्रव से प्रतिक्रिया करते रहते है।  कुछ स्थितियों में मिश्र क्रिस्टलो में क्रिस्टल और द्रव की प्रतिक्रिया संतत रूप से चलती रहती है।  केवल क्रिस्टलों का संघटन बदलता रहता है।  इस प्रकार के मैग्मीय सम्बन्ध को बोवेन ने संतत श्रेणी नाम दिया है।  प्लेजिओक्लेज फेल्सपार इसके उदाहरण है।

2. असंतत श्रेणी (discontinuous series)

कुछ अन्य खनिज पूर्वनिर्मित क्रिस्टल द्रव से प्रतिक्रिया कर पूर्णतया भिन्न संघटन का क्रिस्टल बनाते है।  इस प्रकार की प्रतिक्रिया सम्बंधित खनिज क्रम को असंतत श्रेणी कहते है।

ओलिविन सर्वोत्कृष्ट उदाहरण है जिसके क्रिस्टल द्रव से प्रतिक्रिया कर मैग्नीशियमी पाइराक्सिन बनाते है।  और भी कम तापक्रम होने पर मैग्नीशियमी पाइराक्सिन के क्रिस्टल द्रव से प्रतिक्रिया कर कैल्सियम पाइराक्सिन बनाते है।  इस प्रकार ओलिविन मैग्नीशियम पाइराक्सिन तथा कैल्सियमी पाइराक्सिन असंतत श्रेणी के उदाहरण है।

एन.एल. बोवेन ने शैल जनन को समझाते हुए असंतत और संतत श्रेणी खनिजो को निम्न प्रकार समझाया।

Remark:

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