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विद्युत द्विध्रुव क्या है – Vaidyut Dwidhruv Kise Kehte Hain
यदि दो आवेश जिनके बीच की दूरी बहुत कम है और दोनों पर विपरीत आवेश है और बराबर परिमाण है तो इस व्यवस्था या सिस्टम को विद्युत द्विध्रुव कहेंगे विद्युत द्विध्रुव में एक धन आवेश और एक ऋण आवेश कम दूरी पर रखे होते हैं और दोनों आवेशों का परिमाण बराबर होता है |
परिमाण में समान एवं विजातीय बिंदु आवेशों q तथा –q का कोई युगल जिनके बीच पृथकन 2a है, वैद्युत द्विध्रुव कहलाता है। दोनों आवेशों को संयोजित करने वाली रेखा दिक्स्थान में किसी दिशा को परिभाषित करती है। परिपाटी के अनुसार -q से qकी दिशा द्विध्रुव की दिशा कहलाती है। -q तथा q की अवस्थितियों का मध्य बिंदु द्विध्रुव का केंद्र कहलाता है।
विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण क्या है?
किसी एक आवेश तथा दोनों आवेशों के मध्य की अल्प दूरी के गुणनफल को विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण कहते है | विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण की दिशा ऋण आवेश से धन आवेश की ओर होती है इसलिए यह एक सदिश राशि है|
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