यहां हमने यूपी बोर्ड कक्षा 7वीं की कृषि विज्ञान एनसीईआरटी सॉल्यूशंस को दिया हैं। यह solutions स्टूडेंट के परीक्षा में बहुत सहायक होंगे | Student up board solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 1 मृदा विन्यास pdf Download करे| up board solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 1 मृदा विन्यास notes will help you. NCERT Solutions for Class 7 Agricultural Science Chapter 1 मृदा विन्यास pdf download, up board solutions for Class 7 agricultural science.
यूपी बोर्ड कक्षा 7 agricultural science के सभी प्रश्न के उत्तर को विस्तार से समझाया गया है जिससे स्टूडेंट को आसानी से समझ आ जाये | सभी प्रश्न उत्तर Latest UP board Class 7 agricultural science syllabus के आधार पर बताये गए है | यह सोलूशन्स को हिंदी मेडिअम के स्टूडेंट्स को ध्यान में रख कर बनाये गए है |
मृदा विन्यास
अभ्यास
प्रश्न 1.
सही उत्तर पर सहीं (✓) का चिहून लगाइये
(i) मृदा कणों का आकार होता है-
(क) गोलाकार (✓)
(ख) लंबाकोर
(ग) वर्गाकार
(घ) चौड़ा
(ii) केशिका जल होता है-
(क) बहता हुआ जल
(ख) स्थिर जल
(ग) गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध मिट्टी में पाए जाने वाला जल (✓)
(घ) तालाब का जल
(iii) मृदा जल संरक्षण करते हैं-
(क) कुआँ खोदकर
(ख) तालाब खोदकर
(ग) नाला बनाकर ।
(घ) जुताई के बाद पाटा लगाकर (✓)
(iv) दानेदार कणीय विन्यास होता है
(क) जब कण अलग-अलग होते हैं।
(ख) जब कण पानी में घुले होते हैं।
(ग) जब कण सूखकर ढेला बनाते हैं।
(घ) जब कण आपस में मिलकर एवं एक झुंड बनाकर दूसरे झुंडों को चार स्थानों पर छूते हैं। (✓)
(v) तिर्यक विन्यास में प्रत्येक कण दूसरे कणों को कितने स्थानों पर छूता है|
(क) दो
(ख) चार
(ग) छः (✓)
(घ) आठ
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
उत्तर
(i) स्तम्भी विन्यास में मृदा कण एक-दूसरे से चार स्थानों पर मिलते हैं। (दो/चार)
(ii) जब जल वाष्प में परिवर्तित हो जाता है, तो उसे गैस अवस्था कहते हैं। (ठोस/गैस)
(iii) मृदा के खाली भाग को रन्ध्रावकाश कहते हैं। (मृदा के ठोस भाग/मृदा के खाली भाग)
(iv) उर्वरकों के लगातार अधिक प्रयोग से मृदा खराब हो जाती है। (अच्छी/खराब)
(v) पौधे केशिका जल को आसानी से ग्रहण करते हैं। (केशिका जल/आर्द्रताग्राही जल)
प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों में सही पर सही (✓) तथा गलत पर गलत (✗) का चिह्न लगाइए-
उत्तर
(i) तिर्यक विन्यास में मृदाकण आपस में एक-दूसरे को छः स्थानों पर छूते हैं। (✓)
(ii) जुताई, गुड़ाई, निराई करके मृदा में जल संरक्षण किया जाता है। (✓)
(iii) खेत की मेड़बन्दी करके वर्षा जल को नष्ट होने से बचाया जा सकता है। (✓)
(iv) जल एक अच्छा विलायक है। (✓)
(v) कार्बनिक पदार्थ का मृदा विन्यास पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। (✗)
(vi) रन्ध्रावकाश पौधों को समुचित पोषक तत्व पहुँचाने में सहायता करता है। (✓)
(vii) रूफ-टॉप जल संचय वर्षा जल संचय की विधि नहीं है। (✗)
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में स्तम्भ ‘क’ का स्तम्भ ‘ख’ से सुमेल कीजिए (सुमेल करके)-
उत्तर

प्रश्न 5.
(i) प्रकृति में जल किन-किन रूपों में पाया जाता है?
उत्तर
प्रकृति में जल ठोस (बर्फ), द्रव (पानी) व वाष्प (भाप) तीन रूपों में पाया जाता है।
(ii) मृदाकणों के चारों ओर महीन परत के रूप में पाए जाने वाले जल को क्या कहते हैं?
उत्तर
आर्द्रताग्राही जल।।
(iii) रंधावकाश किसे कहते हैं?
उत्तर
मृदा में ठोस पदार्थों से रहित जों खाली स्थान होता है, उसे रंधावकाश कहते हैं।
(iv) भूमि के ऊपरी सतह पर भरा हुआ जल नीचे क्यों चला जाता है?
उत्तर
रन्ध्रावकाश में जल भरने के बाद जल, पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण नीचे बह जाता है।
(v) क्या जल को आपने ठोस अवस्था में देखा है? उसका नाम लिखिए।
उत्तर
हाँ, जल की ठोस अवस्था बर्फ होती है।
(vi) “जल ही जीवन है” क्यों कहा जाता है?
उत्तर
जल के बिना जीवन सम्भव नहीं है। इसके कारण जल को जीवन कहा गया है।
(vii) रूफ-टॉप जल संचय से वर्षा जल को नष्ट होने से बचाने के उपाय का चित्र बनाइए।
उत्तर
विद्यार्थी स्वयं पाठ्यपुस्तक देखकर चित्र बनाएँ।
(viii) खेत की मेड़बन्दी करके वर्षा जल को नष्ट होने से बचाने के उपाय का चित्र बनाइए।
उत्तर
विद्यार्थी स्वयं पाठ्यपुस्तक देखकर चित्र बनाएँ।
प्रश्न 6.
मृदा विन्यास को परिभाषित कीजिए।
उत्तर
मृदा, खनिजों एवं चट्टानों के टूटने-फूटने एवं उनके बारीक कणों से बनी है। ये कण बालू सिल्ट व मृत्तिका कहे जाते हैं। ये आकार में गोलाकार होते हैं और मृदा में विभिन्न प्रकार से सजे हुए होते हैं। मृदा कणों के इस प्रकार के वितरण या सजावट को मृदा विन्यास कहते हैं।
प्रश्न 7.
मृदा विन्यास कितने प्रकार का होता है? वर्णन कीजिए।
उत्तर
मृदा विन्यास चार प्रकार के होते हैं-
- स्तम्भी विन्यास
- तिर्यक (तिरछा) विन्यास
- संहत (सघन) विन्यास
- दानेदार (कणीय) विन्यास
स्तम्भी विन्यास वाली मृदा भुरभुरी व मुलायम होती है। यह मृदा खेती के लिए उत्तम व उपजाऊ होती है। तिर्यक विन्यास वाली मृदा में रंध्रावकाश कम होने से पैदावार कम होती है। सघन विन्यास वाली मृदा में जल और वायु का संचार मुश्किल से होता है। दानेदार (कणीय) विन्यास सर्वोत्तम होता है। चिकनी दोमट एवं दोमट मृदाओं में यह पाया जाता है।
प्रश्न 8.
मृदा जल को पारिभाषित करते हुए उसके विभिन्न रूपों का विस्तार से वर्णन कीजिए-
उत्तर
मृदा जल तीन प्रकार के होते हैं-
- गुरुत्वीय जल
- केशिका जल,
- आर्द्रताग्राही जल
(i) गुरुत्वीय जल- मिट्टी के रंधावकाश में पानी भरने के बाद बाकी जल को रोकने की शक्ति मृदा में नहीं होती और वह जल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण नीचे चला जाता है। यह जल पौधों के लिए अप्राप्य होता है। इसे गुरुत्वीय जल या स्वतंत्र जल कहते हैं।
(ii) केशिका जल- गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध पर्याप्त जल मिट्टी के रंध्रावकाश में रुका रहता है जिसे केशिका जल कहते हैं। यह जल विलयन के रूप में सुगमता से पौधों को प्राप्त होता है।
(iii) आर्द्रताग्राही जल- मिट्टी में कुछ जल ऐसा भी होता है, जो मृदा कणों के मध्य इतनी मजबूती से एक महीन परत के रूप में जकड़ा रहता है कि पौधों को प्राप्त नहीं होता। इस जल को आर्द्रताग्राही जल कहते हैं। सिंचाई के जल का कम भाग ही पौधों को मिल पाता है। उसका अधिकांश भाग रिसाव द्वारा बेकार चला जाता है और गुरुत्वीय जल या आर्द्रताग्राही जल के रूप में पौधों को अप्राप्य होता है।
प्रश्न 9.
वर्षा जल को नष्ट होने से बचाने के उपायों का वर्णन कीजिए।
उत्तर
वर्षा जल को नष्ट होने से बचाने के उपाय निम्न हैं
- खेत को समतल करना व मेड़बंदी करना- इससे वर्षा जल बाहर जाने से रुकता है और जल निकास धीरे-धीरे होता है।
- गहरी जुताई करना- इससे भूमि में जल का अवशोषण अधिक होता है।
- ढाल के विपरीत जुताई करना- इससे खेत में पानी रुक-रुककर निकलता है।
- छोटे-छोटे बाँधों का निर्माण- ढालू भूमि के निचले स्थानों में पानी को छोटे-छोटे बाँधों द्वारा रोककर संरक्षित किया जाता है।
- वृक्षारोपण- जल के तेज बहाव को रोका जाता है।
- झीलों, तालाबों व पोखरों को गहरा करके अधिक वर्षा जल एकत्रित किया जाता है। जो बाद में सिंचाई के काम आता है।
- छत जल संचय- कम वर्षा वाले क्षेत्रों में वर्षा जल को नष्ट होने से बचाने हेतु यह एक ऐसी विधि है जिसमें मकानों की छत से गिरने वाले पानी को मकान के पास ही गड्ढे बनाकर रोक लेते हैं जिसका प्रयोग घरेलू कार्य व बागबानी हेतु करते हैं।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित वर्ग पहेली में सही शब्दों को भरिए-
उत्तर
ऊपर से नीचे की ओर बाएँ से दाएँ
1. केशिका जल 5. रन्ध्रावकाश
2. स्तम्भीविन्यास 6. जलचक्र
3. मेंड़बंदी 7. गुरुत्वाकर्षण
4. आर्द्रताग्राही जल
प्रोजेक्ट कार्य
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।
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