UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 15 भारतीय रिजर्व बैंक

यहां हमने यूपी बोर्ड कक्षा 10वीं की वाणिज्य एनसीईआरटी सॉल्यूशंस को दिया हैं। यह solutions स्टूडेंट के परीक्षा में बहुत सहायक होंगे | Student up board solutions for Class 10 Commerce Chapter 15 भारतीय रिजर्व बैंक pdf Download करे| up board solutions for Class 10 Commerce Chapter 15 भारतीय रिजर्व बैंक notes will help you. NCERT Solutions for Class 10 Commerce Chapter 15 भारतीय रिजर्व बैंक pdf download, up board solutions for Class 10 commerce.

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1.
रिज़र्व बैंक की स्थापना हुई
(a) सन् 1901 में
(b) सन् 1919 में
(c) सन् 1935 में
(d) सन् 1949 में
उत्तर:
(c) सन् 1935 में

प्रश्न 2.
भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशक मण्डल में सदस्य होते हैं।
(a) 15
(b) 20
(c) 25
(d) 30
उत्तर:
(b) 20

प्रश्न 3.
भारतीय रिज़र्व बैंक का मुख्य कार्यालय ……….. में है।
(a) मुम्बई
(b) दिल्ली
(c) कोलकाता
(d) चेन्नई
उत्तर:
(a) मुम्बई

प्रश्न 4.
भारत में नोट निर्गमन का अधिकार किस बैंक को है?
(a) सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया
(b) भारतीय रिज़र्व बैंक
(c) सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक
(d) स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया
उत्तर:
(b) भारतीय रिज़र्व बैंक

प्रश्न 5.
साख नियन्त्रण का कार्य निम्न में से किसका है?
(a) भारतीय स्टेट बैंक
(b) भारतीय रिज़र्व बैंक
(c) जिला सहकारी बैंक
(d) सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया
उत्तर:
(b) भारतीय रिज़र्व बैंक

प्रश्न 6.
“पाँच सौ रुपये के नोट का विमुद्रीकरण ………. हुआ था। (2018)
(a) 15 अगस्त, 2016 को
(b) 2 अक्टूबर, 2016 को
(c) 8 नवम्बर, 2016 को
(d) 30 दिसम्बर, 2016 को
उत्तर:
(c) 8 नवम्बर, 2016 को

निश्चित उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1.
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सन् 1934/1935 में केन्द्रीय बैंक के रूप में कार्य करना आरम्भ कर दिया था। (2009)
उत्तर:
सन् 1935 में

प्रश्न 2.
भारतीय रिज़र्व बैंक के प्रतिनिधि बैंक का नाम लिखिए। (2014, 12)
उत्तर:
भारतीय स्टेट बैंक

प्रश्न 3.
सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया भारत का केन्द्रीय बैंक है/नहीं है। (2010)
उत्तर:
नहीं है

प्रश्न 4.
भारत में नोट निर्गमन का कार्य भारतीय रिज़र्व बैंक/स्टेट बैंक करता है। (2008, 07)
उत्तर:
भारतीय रिज़र्व बैंक

प्रश्न 5.
बैंकों के बैंकर का नाम लिखिए। (2013)
उत्तर:
भारतीय रिज़र्व बैंक

प्रश्न 6.
एक रुपये का नोट भारतीय रिज़र्व बैंक/केन्द्रीय सरकार निर्गमित . करता/करती है। (2011, 09, 08)
उत्तर:
केन्द्रीय सरकार निर्गमित करती है।

प्रश्न 7.
क्या सभी नोटों का निर्गमन भारतीय रिज़र्व बैंक करता है? (2017)
उत्तर:
नहीं

प्रश्न 8.
रिज़र्व बैंक में कोई भी व्यक्ति अपना खाता खोल सकता है/नहीं खोल – सकता है। (2008, 07)
उत्तर:
नहीं खोल सकता है।

प्रश्न 9.
भारतीय रिज़र्व बैंक के वर्तमान गवर्नर का नाम लिखिए। (2016)
उत्तर:
उर्जित पटेल

प्रश्न 10.
भारत के वर्तमान वित्तमंत्री का नाम लिखिए। (2018)
उत्तर:
अरुण जेटली

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

प्रश्न 1.
भारत के केन्द्रीय बैंक और केन्द्रीय बैंक के प्रतिनिधि बैंक के नामों को लिखिए। (2013)
उत्तर:
भारत के केन्द्रीय बैंक का नाम ‘भारतीय रिज़र्व बैंक’ है। केन्द्रीय बैंक के प्रतिनिधि बैंक का नाम भारतीय स्टेट बैंक’ है।

प्रश्न 2.
भारतीय रिज़र्व बैंक के किन्हीं चार कार्यों को लिखिए। (2016,12)
उत्तर:
भारतीय रिज़र्व बैंक के चार कार्य निम्नलिखित हैं

  1. यह न्यूनतम कोष पद्धति के अन्तर्गत नोटों का निर्गमन करता है।
  2. यह शीर्ष बैंक होने के कारण बैंकों का बैंक के रूप में कार्य करता है।
  3. साख का नियमन व नियन्त्रण करता है।
  4. समाशोधन-गृहों का संचालन करता है।

प्रश्न 3.
बैंक दर नीति से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
बैंक दर, वह दर होती है, जिस पर देश का केन्द्रीय बैंक प्रथम श्रेणी प्रतिभूतियों तथा अनुमोदित ऋणपत्रों की जमानत के आधार पर व्यापारिक बैंकों को ऋण प्रदान करता है। यह बैंक अपनी बैंक दर नीति के द्वारा साख-मुद्रा की मात्रा व उसकी लागत पर प्रभाव डालकर देश में साख-मुद्रा का नियमन करता है।

प्रश्न 4.
वैधानिक तरलता अनुपात में परिवर्तन द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक किस प्रकार साख नियन्त्रण करता है?
उत्तर:
भारत के प्रत्येक अनुसूचित बैंक को अपनी कुल सम्पत्ति का 20% भाग तरल कोष में रखना पड़ता है। भारतीय रिज़र्व बैंक इस तरलता कोषानुपात में वृद्धि करके साख नियन्त्रण करता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (4 अंक)

प्रश्न 1.
भारतीय रिज़र्व बैंक के पाँच प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए। (2009)
अथवा
देश के केन्द्रीय बैंक के रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्यों का वर्णन कीजिए। (2011,07,06)
उत्तर:
भारतीय रिज़र्व बैंक (केन्द्रीय बैंक) से आशय भारतीय रिज़र्व बैंक देश का सर्वोच्च बैंक है। यह देश की बैंकिंग व्यवस्था पर नियन्त्रण करता है। यह अन्य बैंकों का सहयोगी तथा पथ-प्रदर्शक होता है। यह देश की साख और मुद्रानीति का संचालक भी होता है। कैण्ट के अनुसार, “केन्द्रीय बैंक वह संस्था है, जिसे सामान्य जनहित में मुद्रा की मात्रा में विस्तार तथा संकुचन की व्यवस्था करने का दायित्व सौंपा गया है।”

बैंक ऑफ इण्टरनेशनल सैटलमेण्ट के अनुसार, “केन्द्रीय बैंक वह बैंक है, जो देश में चलन तथा साख-मुद्रा की मात्रा का नियमन करे।” लिप्सी के अनुसार, “केन्द्रीय बैंक वह बैंक है, जिसका मुख्य कार्य अर्थव्यवस्था में मुद्रा तथा साख के प्रवाह को नियमित करना है।” शों के अनुसार, “केन्द्रीय बैंक देश की मुद्रा का नियन्त्रण करने वाला बैंक है।” भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्य भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यों को निम्नलिखित दो भागों में बाँटा गया है

I. केन्द्रीय बैंकिंग सम्बन्धी कार्य

भारतीय रिज़र्व बैंक के केन्द्रीय बैंकिंग सम्बन्धी कार्य निम्नलिखित हैं-

  1. नोटों का निर्गमन भारतीय रिज़र्व बैंक को नोट निर्गमन का एकाधिकार प्राप्त है। एक रुपये के नोट को छोड़कर बाकी सभी प्रकार की पत्र-मुद्रा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ही निर्गमित की जाती है।
  2. बैंकों का बैंक शीर्ष बैंक होने के नाते भारतीय रिज़र्व बैंक बैंकों का बैंक के रूप में कार्य करता है। यह सभी अनुसूचित एवं गैर-अनुसूचित बैंकों पर नियन्त्रण भी रखता है।
  3. साख नियन्त्रण देश के आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक व्यापारिक बैंकों की साख नीति पर नियन्त्रण करता है।
  4. समाशोधन कार्य बैंकों के आपसी लेन-देन का निपटारा करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समाशोधन-गृहों का संचालन किया जाता है। देश के प्रमुख 14 केन्द्रों पर भारतीय रिज़र्व बैंक स्वयं समाशोधन-गृहों का प्रबन्ध देखता है।
  5. सरकार का बैंकर, अभिकर्ता एवं सलाहकार भारतीय रिज़र्व बैंक केन्द्रीय तथा राज्य सरकारों के बैंकर, अभिकर्ता तथा वित्तीय सलाहकार के रूप में कार्य करता है। यह बैंक केन्द्रीय तथा राज्य सरकार की ओर से भुगतान स्वीकार करता है।
  6. विदेशी विनिमय नियन्त्रण भारतीय रिज़र्व बैंक देश के बहुमूल्य धातु कोषोंतथा विदेशी विनिमय कोषों को अपने पास सुरक्षित रखता है।
  7. बैंकिंग प्रणाली का नियमन भारतीय रिज़र्व बैंक का यह कर्त्तव्य होता है कि वह देश की बैंकिंग प्रणाली का नियमन इस तरह करे, जिससे कि लोगों का बैंकिंग में विश्वास बना रहे।
  8. आँकड़ों का संकलन व प्रकाशन यह बैंक मुद्रा, साख, अधिकोषण, विदेशी विनिमय और कृषि सम्बन्धी आँकड़ों को एकत्रित करके उनका प्रकाशन भी करता है।

II. सामान्य बैंकिंग सम्बन्धी कार्य

भारतीय रिज़र्व बैंक के सामान्य बैंकिंग सम्बन्धी कार्य निम्नलिखित हैं-

  1. जमाएँ प्राप्त करना भारतीय रिज़र्व बैंक केन्द्रीय व राज्य सरकार, गैर-सरकारी संस्थाओं, आदि से जमाएँ स्वीकार करता है।
  2. ऋण देना भारतीय रिज़र्व बैंक व्यापारिक बैंकों, सहकारी बैंकों तथा राज्य व केन्द्रीय सरकार को अल्पावधि के लिए ऋण प्रदान करता है।
  3. कृषि बिलों का क्रय-विक्रय भारतीय रिज़र्व बैंक 15 माह तक की अवधि के कृषि बिलों का क्रय-विक्रय व उनकी पुनर्कटौती आदि का कार्य करता है।
  4. विदेशी प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय भी करता है।
  5. विनिमय बिलों का क्रय-विक्रय भारतीय रिज़र्व बैंक व्यापारिक बिलों का क्रय-विक्रय व उनकी कटौती का कार्य करता है, लेकिन उनकी परिपक्वता अवधि 90 दिन से कम होनी चाहिए।
  6. अल्पावधि ऋण प्राप्त करना भारतीय रिज़र्व बैंक किसी देश के बैंक या विदेशी बैंक से 30 दिन के लिए ऋण ले सकता है।
  7. विपत्रों को भुनाना भारतीय रिज़र्व बैंक भारत में लिखे गए व्यापारिक विपत्रों को भुनाने का कार्य भी करता है।

प्रश्न 2.
भारतीय रिज़र्व बैंक के वर्जित कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारतीय रिज़र्व बैंक के वर्जित कार्य भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 18 के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक निम्नलिखित कार्य नहीं कर सकता है

  1. व्यापार या व्यवसाय पर रोक भारतीय रिज़र्व बैंक किसी प्रकार का व्यापार या व्यवसाय नहीं कर सकता है।
  2. जमाओं पर ब्याज न देना यह अपने कोष में जमा राशि पर ब्याज नहीं देता है।
  3. सावधि बिलों पर प्रतिबन्ध भारतीय रिज़र्व बैंक सावधि बिल नहीं लिख सकता है और न ही उन्हें भुना सकता है।
  4. अंशों के क्रय व उनकी जमानत पर ऋण देने पर रोक यह न तो किसी कम्पनी के अंशों को क्रय कर सकता है और न ही अंशों की जमानत पर ऋण दे सकता है।
  5. प्रतिभूति रहित ऋणों पर प्रतिबन्ध भारतीय रिज़र्व बैंक प्रतिभूति रहित ऋण नहीं दे सकती है।

प्रश्न 3.
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा साख नियन्त्रण किस प्रकार किया जाता है? समझाइए।
उत्तर:
रिज़र्व बैंक साख नियन्त्रण के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाता है-

1. बैंक दर नीति बैंक दर, वह देर होती है, जिस पर देश का केन्द्रीय बैंक प्रथम श्रेणी प्रतिभूतियों तथा अनुमोदित ऋणपत्रों की जमानत के आधार पर व्यापारिक बैंकों को ऋण प्रदान करता है। यह बैंक अपनी बैंक दर नीति के द्वारी साख-मुद्रा की मात्रा व उसकी लागत पर प्रभाव डालकर देश में साख-मुद्रा का नियमन करता है।

2. खुले बाजार की क्रियाएँ खुले बाजार की क्रियाओं से तात्पर्य केन्द्रीय बैंक द्वारा साख नियन्त्रण के उद्देश्य से सरकारी प्रतिभूतियों के प्रथम श्रेणी के बिलों व प्रतिज्ञा-पत्रों के क्रय-विक्रय से होता है।

3. प्रत्यक्ष साख नियन्त्रण की नीति भारतीय रिज़र्व बैंक किसी भी बैंक के बैंकिंग व्यवसाय को रोक सकता है। रिज़र्व बैंक को बैंकों की साख सम्बन्धी नीति को निर्धारित करने का भी अधिकार होता है।
4. नकद कोषानुपात में परिवर्तन भारतीय रिज़र्व बैंक अनुसूचित बैंकों के नकद कोष के प्रतिशत को बढ़ाकर भी साख नियन्त्रण कर सकता है।

5. उपभोक्ता साख नियन्त्रण भारतीय रिज़र्व बैंक उपभोक्ताओं को प्रदान की जाने वाली साख पर नियन्त्रण करने के उद्देश्य से साख की मात्रा व प्रयोग में कमी या वृद्धि करके साख नियन्त्रण कर सकता है।

6. वैधानिक तरलता अनुपात में परिवर्तन भारत के प्रत्येक अनुसूचित बैंक को अपनी कुल सम्पत्ति का 20% भाग तरल कोष में रखना पड़ता है। भारतीय रिज़र्व बैंक इस तरलता कोषानुपात में वृद्धि करके साख नियन्त्रण करता है।

7. साख की राशनिंग साखे नियन्त्रण की इस विधि के अन्तर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक वाणिज्य बैंक द्वारा दी जाने वाली कुल साख को विभिन्न उद्योगों, क्षेत्रों एवं व्यवसायों के बीच राशनिंग (वितरण) कर देता है।
8. प्रत्यक्ष कार्यवाही बैंकों द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक की साख नियन्त्रण की सलाह न मानने पर भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रत्यक्ष कार्यवाही करने का अधिकार होता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (8 अंक)

प्रश्न 1.
भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्यों का वर्णन कीजिए। (2018, 16)
अथवा
भारतीय रिज़र्व बैंक के प्रमुख कार्यों का संक्षेप में वर्णन कीजिए। (2014, 12, 09, 08, 07, 06)
अथवा
केन्द्रीय बैंक की परिभाषा दीजिए। भारत के केन्द्रीय बैंक के कार्यों का वर्णन कीजिए। (2010)
उत्तर:
भारतीय रिज़र्व बैंक (केन्द्रीय बैंक) से आशय भारतीय रिज़र्व बैंक देश का सर्वोच्च बैंक है। यह देश की बैंकिंग व्यवस्था पर नियन्त्रण करता है। यह अन्य बैंकों का सहयोगी तथा पथ-प्रदर्शक होता है। यह देश की साख और मुद्रानीति का संचालक भी होता है। कैण्ट के अनुसार, “केन्द्रीय बैंक वह संस्था है, जिसे सामान्य जनहित में मुद्रा की मात्रा में विस्तार तथा संकुचन की व्यवस्था करने का दायित्व सौंपा गया है।”

बैंक ऑफ इण्टरनेशनल सैटलमेण्ट के अनुसार, “केन्द्रीय बैंक वह बैंक है, जो देश में चलन तथा साख-मुद्रा की मात्रा का नियमन करे।” लिप्सी के अनुसार, “केन्द्रीय बैंक वह बैंक है, जिसका मुख्य कार्य अर्थव्यवस्था में मुद्रा तथा साख के प्रवाह को नियमित करना है।” शों के अनुसार, “केन्द्रीय बैंक देश की मुद्रा का नियन्त्रण करने वाला बैंक है।” भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्य भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यों को निम्नलिखित दो भागों में बाँटा गया है

I. केन्द्रीय बैंकिंग सम्बन्धी कार्य

भारतीय रिज़र्व बैंक के केन्द्रीय बैंकिंग सम्बन्धी कार्य निम्नलिखित हैं-

  1. नोटों का निर्गमन भारतीय रिज़र्व बैंक को नोट निर्गमन का एकाधिकार प्राप्त है। एक रुपये के नोट को छोड़कर बाकी सभी प्रकार की पत्र-मुद्रा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ही निर्गमित की जाती है।
  2. बैंकों का बैंक शीर्ष बैंक होने के नाते भारतीय रिज़र्व बैंक बैंकों का बैंक के रूप में कार्य करता है। यह सभी अनुसूचित एवं गैर-अनुसूचित बैंकों पर नियन्त्रण भी रखता है।
  3. साख नियन्त्रण देश के आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक व्यापारिक बैंकों की साख नीति पर नियन्त्रण करता है।
  4. समाशोधन कार्य बैंकों के आपसी लेन-देन का निपटारा करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समाशोधन-गृहों का संचालन किया जाता है। देश के प्रमुख 14 केन्द्रों पर भारतीय रिज़र्व बैंक स्वयं समाशोधन-गृहों का प्रबन्ध देखता है।
  5. सरकार का बैंकर, अभिकर्ता एवं सलाहकार भारतीय रिज़र्व बैंक केन्द्रीय तथा राज्य सरकारों के बैंकर, अभिकर्ता तथा वित्तीय सलाहकार के रूप में कार्य करता है। यह बैंक केन्द्रीय तथा राज्य सरकार की ओर से भुगतान स्वीकार करता है।
  6. विदेशी विनिमय नियन्त्रण भारतीय रिज़र्व बैंक देश के बहुमूल्य धातु कोषोंतथा विदेशी विनिमय कोषों को अपने पास सुरक्षित रखता है।
  7. बैंकिंग प्रणाली का नियमन भारतीय रिज़र्व बैंक का यह कर्त्तव्य होता है कि वह देश की बैंकिंग प्रणाली का नियमन इस तरह करे, जिससे कि लोगों का बैंकिंग में विश्वास बना रहे।
  8. आँकड़ों का संकलन व प्रकाशन यह बैंक मुद्रा, साख, अधिकोषण, विदेशी विनिमय और कृषि सम्बन्धी आँकड़ों को एकत्रित करके उनका प्रकाशन भी करता है।

II. सामान्य बैंकिंग सम्बन्धी कार्य

भारतीय रिज़र्व बैंक के सामान्य बैंकिंग सम्बन्धी कार्य निम्नलिखित हैं-

  1. जमाएँ प्राप्त करना भारतीय रिज़र्व बैंक केन्द्रीय व राज्य सरकार, गैर-सरकारी संस्थाओं, आदि से जमाएँ स्वीकार करता है।
  2. ऋण देना भारतीय रिज़र्व बैंक व्यापारिक बैंकों, सहकारी बैंकों तथा राज्य व केन्द्रीय सरकार को अल्पावधि के लिए ऋण प्रदान करता है।
  3. कृषि बिलों का क्रय-विक्रय भारतीय रिज़र्व बैंक 15 माह तक की अवधि के कृषि बिलों का क्रय-विक्रय व उनकी पुनर्कटौती आदि का कार्य करता है।
  4. विदेशी प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय भी करता है।
  5. विनिमय बिलों का क्रय-विक्रय भारतीय रिज़र्व बैंक व्यापारिक बिलों का क्रय-विक्रय व उनकी कटौती का कार्य करता है, लेकिन उनकी परिपक्वता अवधि 90 दिन से कम होनी चाहिए।
  6. अल्पावधि ऋण प्राप्त करना भारतीय रिज़र्व बैंक किसी देश के बैंक या विदेशी बैंक से 30 दिन के लिए ऋण ले सकता है।
  7. विपत्रों को भुनाना भारतीय रिज़र्व बैंक भारत में लिखे गए व्यापारिक विपत्रों को भुनाने का कार्य भी करता है।

प्रश्न 2.
रिज़र्व बैंक की स्थापना के क्या उद्देश्य थे? इसकी सफलताओं व असफलताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
रिज़र्व बैंक की स्थापना के उद्देश्य भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना के उद्देश्य निम्नलिखित हैं

  1. कृषि साख की समुचित व्यवस्था करना।
  2. देश में सुव्यवस्थित एवं सन्तुलित रूप से बैंकिंग का विकास करना।
  3. अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक सहयोग स्थापित करना।
  4. देश में मुद्रा तथा साख का समुचित प्रबन्ध करना।
  5. सार्वजनिक ऋणों की व्यवस्था करना।
  6. सुसंगठित मुद्रा बाजार का विकास करना।
  7. रुपये के आन्तरिक व बाह्य मूल्य में स्थिरता लाना।

भारतीय रिज़र्व बैंक की सफलताएँ या महत्त्व भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना से लेकर अब तक यह देश के केन्द्रीय बैंक के रूप में कार्य कर रहा है। देश की बैंकिंग व्यवस्था को सदढ़ करने, विकास के लिए वित्त उपलब्ध करवाने और देश की मौद्रिक एवं साख नीति का सफल संचालन करने में भारतीय रिज़र्व बैंक ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

भारतीय रिज़र्व बैंक की प्रमुख सफलताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट की जा सकती हैं-

  1. पत्र-मुद्रा निर्गमन पद्धति हमारे देश में भारतीय रिज़र्व बैंक को नोट निर्गमन का अधिकार है। यह न्यूनतम कोष निधि प्रणाली के आधार पर पत्र-मुद्रा का उचित रूप से निर्गमन करता है। रिज़र्व बैंक ने नोट-निर्गमन की उचित नीति का अनुसरण कर सफलता प्राप्त की है। (2010)
  2. सरकारी बैंकर के रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक प्रारम्भ से ही सरकारी बैंक के रूप में कार्य कर रहा है। यह सरकार की सम्पूर्ण जमाएँ अपने पास रखता है। व समय-समय पर ऋण उपलब्ध करवाता है। इस आधार पर यह सरकारी बैंकर के रूप में सफल रहा है।
  3. सरकार के सलाहकार के रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक सरकार को समय-समय पर मौद्रिक, वित्तीय एवं साख के मामलों में सलाह प्रदान करता है।
  4. कृषि वित्त व्यवस्था भारत कृषि-प्रधान देश है। अतः कृषि की वित्त व्यवस्था के लिए सरकार ने यह कार्य भारतीय रिज़र्व बैंक को सौंपा है। इसके लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने अलग से सन् 1982 में नाबार्ड बैंक की स्थापना की थी।
  5. धन हस्तान्तरण की सुविधा भारतीय रिज़र्व बैंक केन्द्र, राज्य व अर्द्ध-सरकारी संस्थाओं के धन का नि:शुल्क हस्तान्तरण भी करता है।
  6. समाशोधन-गृहों की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक ने 900 केन्द्रों में समाशोधन-गृहों की स्थापना कर सफल संचालन किया है।
  7. साख नियन्त्रण नीति भारतीय रिज़र्व बैंक ने मौद्रिक स्थिरता को कायम करने के लिए साख नियन्त्रण की नीति अपनाई है, जिसमें वह सफल रहा है।
  8. आँकड़ों का प्रकाशन भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा रिज़र्व बैंक बुलेटिन में मुद्रा, मूल्य, वित्त, आदि से सम्बन्धित अनेक प्रकार के समंक प्रकाशित किए जाते हैं।
  9. रुपये का बाह्य मूल्य स्थिर रिज़र्व बैंक ने रुपये के बाह्य मूल्य को स्थिर रखने में भी सफलता प्राप्त की है।

भारतीय रिज़र्व बैंक की असफलताएँ भारतीय रिज़र्व बैंक की असफलताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट की जा सकती हैं

  1. मुद्रा प्रसार को रोकने में असफल भारतीय रिज़र्व बैंक पर यह आरोप है। कि वह देश में मुद्रा प्रसार को रोकने में सफल नहीं हुआ है। इससे देश में वस्तुओं के मूल्यों में लगातार वृद्धि हो रही है।
  2. सुदृढ़ बैंकिंग व्यवस्था का अभाव भारतीय रिज़र्व बैंक अपने कार्यकाल में भारत की बैंकिंग प्रणाली को यथेष्ट सुदृढ़ता प्रदान नहीं कर सका है।
  3. विनिमय दर में अस्थिरता भारतीय रिज़र्व बैंक भारतीय रुपये का मूल्य स्थायी रखने में सफल नहीं हुआ है। इस प्रकार यह विनिमय दर को स्थिर रखने में भी असफल रहा है।
  4. ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं की कमी भारतीय रिज़र्व बैंक ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग शाखाओं के विस्तार में असफल रही है।
  5. विकसित बिल बाजार का अभाव भारतीय रिज़र्व बैंक देश में एक सुसंगठित, विकसित तथा विस्तृत बिल बाजार की स्थापना करने में पूर्ण रूप से सफल नहीं हुआ है।
  6. देशी बैंकरों पर नियन्त्रण का अभाव भारतीय रिज़र्व बैंक देशी बैंकरों पर अब तक भी नियन्त्रण नहीं कर सका है, जिससे आज भी मुद्रा बाजार की ब्याज दरों में एकरूपता नहीं पाई जाती है।
  7. विदेशी व्यापार में भारतीय बैंकों की उपेक्षा भारतीय बैंकों का भारत के विदेशी व्यापार के वित्तीय प्रबन्ध में आज भी नगण्य स्थान है। यह बैंक आज भी भारतीय बैंकों को विदेशी व्यापार में उचित स्थान दिलाने में सफल नहीं हो पाया है।

————————————————————

All Chapter UP Board Solutions For Class 10 commerce

All Subject UP Board Solutions For Class 10 Hindi Medium

Remark:

हम उम्मीद रखते है कि यह UP Board Class 10 commerce NCERT Solutions in Hindi आपकी स्टडी में उपयोगी साबित हुए होंगे | अगर आप लोगो को इससे रिलेटेड कोई भी किसी भी प्रकार का डॉउट हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूंछ सकते है |

यदि इन नोट्स से आपको हेल्प मिली हो तो आप इन्हे अपने Classmates & Friends के साथ शेयर कर सकते है और HindiLearning.in को सोशल मीडिया में शेयर कर सकते है, जिससे हमारा मोटिवेशन बढ़ेगा और हम आप लोगो के लिए ऐसे ही और मैटेरियल अपलोड कर पाएंगे |

आपके भविष्य के लिए शुभकामनाएं!!

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *