RBSE Solutions for Class 12 Business Studies Chapter 12 उद्यमिता विकास कार्यक्रम-अर्थ, उद्देश्य एवं महत्त्व

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Table of Contents

Rajasthan Board RBSE Class 12 Business Studies Chapter 12 उद्यमिता विकास कार्यक्रम-अर्थ, उद्देश्य एवं महत्त्व

RBSE Class 12 Business Studies Chapter 12 पाठ्यपुस्तक के प्रश्न एवं उनके उत्तर

RBSE Class 12 Business Studies Chapter 12 अतिलघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम क्या है?
उत्तर:
उद्यमिता विकास कार्यक्रम में जनसमूह से सम्भावित उद्यमियों की खोज करना तथा उन्हें तकनीकी एवं प्रबन्धकीय प्रशिक्षण देकर उन्हें अपना उपक्रम स्थापित व संचालित करने में सहयोग देना है।

प्रश्न 2.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम के कोई दो उद्देश्य बताइए।
उत्तर:

  1. व्यवसाय संचालन व विपणन सम्बधी प्रशिक्षण प्रदान करना।
  2. लघु एवं कुटीर उद्योगों को विकसित करना।

प्रश्न 3.
लघु उद्योग किसे कहते हैं?
उत्तर:
सामान्यतया इस श्रेणी में वे उद्योग आते हैं जिनमें प्लाण्ट तथा मशीनरी में एक करोड़ र है।

प्रश्न 4.
औद्योगिक वातावरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
औद्योगिक वातावरण से तात्पर्य नये-नये उद्योग धन्धों की स्थापना करना, विद्यमान उपवक्रमों का विस्तार एवं नवीनीकरण करना है।

RBSE Class 12 Business Studies Chapter 12 लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के उद्देश्य निम्न हैं –

  1. प्रथम पीढ़ी के व्यवसायियों का निर्माण करना।
  2. उद्यमीय प्रेरणा वाले व्यक्तियों की पहचान कर उनमें उद्यमीय गुणों का विकास करना।
  3. सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी देना हैं।
  4. उद्यमियों को परियोजना निर्माण में आक्श्यक सहायता प्रदान करना।
  5. उद्यमिता अपनाने वाले उद्यमियों को उद्यमिता के लाभ दोषों से अवगत कराना।
  6. देश के सभी भागों में उद्यमिता का विकास करना।
  7. व्यवसाय संचालन व विपणन सम्बन्धी प्रशिक्षण प्रदान करना।
  8. लघु एवं कुटीर उद्योग-धन्धों को विकसित करना।

प्रश्न 2.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम की भूमिका बताइए।
उत्तर:
उद्यमिता विकास का कार्यक्रम की देश के आर्थिक एवं औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जिसके द्वारा देश का तीव्र आर्थिक एवं सन्तुलित विकास तथा औद्योगिक वातावरण का निर्माण होता है। उद्यमियों को कानूनी प्रावधान व नीतियों की जानकारी एवं उद्यमियों की शंकाओं एवं समस्याओं का समाधान किया जाता है। आर्थर कोल ने इसकी सामाजिक उपादेयता को स्वीकार करते हुए लिखा है कि “उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के अध्ययन से आर्थिक एवं सामाजिक क्रिया में सहायता मिलती है।”

RBSE Class 12 Business Studies Chapter 12 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम का अर्थ बताइए तथा इसके उद्देश्यों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
उद्यमिता विकास कार्यक्रम का अर्थ:
सामान्य शब्दों में, उद्यमिता विकास कार्यक्रम से तात्पर्य किसी ऐसे कार्यक्रम से है जिसका उद्देश्य जनसमूह में से सम्भावित उद्यमियों की खोज करना, उनमें उद्यमिता की भावना का विकास करना तथा तकनीकी एवं प्रबन्धकीय प्रशिक्षण देकर उन्हें अपना उपक्रम स्थापित व संचालित करने में सहयोग देना है। इन कार्यक्रमों द्वारा उद्यमियों के विकास हेतु योजना बनाकर प्रयास किये जाते हैं तथा उनके समुचित तथा समस्त विकास की कोशिश की जाती है। इस प्रकार उद्यमिता विकास कार्यक्रम का अर्थ ऐसे प्रयासों से है जिसके द्वारा –

  1. उद्यमी को शिक्षण प्रशिक्षण प्रदान कर उसकी बौद्धिक, तकनीकी एवं वैचारिक क्षमताओं को परिमार्जित किया जाता है।
  2. उद्यमीय कार्यों के द्वारा उन्हें अपना उपक्रम स्थापित करने में सहयोग प्रदान किया जाता है।
  3. उद्यमी की अग्रान्तरिक शक्तियों का विकास कर तथा उद्यमिता की प्रेरणा जाग्रत कर साहसिकता का मार्ग अपनाने के लिये प्रेरित किया जाता है।
  4. दैनिक क्रियाओं में उद्यमीय व्यवहार उत्पन्न करना तथा उसमें सुधार पर बल दिया जाता है।

उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के उद्देश्य:
उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के अन्तर्गत जनसमूह में से सम्भावित उद्यमियों की खोज कर, उनमें उद्यमिता का विकास, तकनीकी एवं प्रबंधकीय प्रशिक्षण देकर उन्हें अपनी उपक्रम स्थापित व संचालित करने में सहयोग प्रदान किया जाता है। साथ – ही लघु एवं कुटीर उद्योगों को विकसित करने एवं उद्यमियों की शंकाओं व समस्याओं का निदान व उपचार किया जाता है। इसके मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं –
(1) प्रथम पीढ़ी के व्यवसायियों का निर्माण करना – सामान्यत: यह माना जाता था कि उद्यमी पैदा होते हैं विकासित नहीं किये जा सकते हैं लेकिन उद्यमिता विकास कार्यक्रमों द्वारा इस विचारधारा को परिवर्तित कर दिया है। जिन घरों में कभी व्यवसायों की कोई बात नहीं होती थी, वहाँ व्यवसायियों का निर्माण हो रहा है और यही उद्यमिता विकास कार्यकृम का प्रथम उद्देश्य है।

(2) उद्यमीय गुणों का विकास – एक उद्यमी की सफलता उसके गुणों पर निर्भर करती है एवं इन गुणों का विकास उद्यमिता कार्यक्रम से सम्भव हो सकता है। उद्यमिता विकास कार्यक्रम से उद्यमीय प्रेरणा वाले व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें शिक्षण एवं प्रशिक्षण देकर उनमें उद्यमिता के आवश्यक गुणों को विकसित करने का प्रयास किया जाता है।

(3) सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान करना – उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के लिए सरकार द्वारा चलायी जाने वाली विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी उद्यमियों को प्रदान की जाती है तथा इन योजनाओं का उपयोग कैसे किया जाये, इसकी विस्तृत सूचना कहाँ से व कैसे प्राप्त की जाये, कौन सा विभाग कौन की जानकारी प्रदान करेगा आदि उपयोगी जानकारी प्रदान करना भी उद्यमिता विकास कार्यक्रम का उद्देश्य है।

(4) परियोजना निर्माण में उद्यमियों की सहायता – उद्यमिता विकास कार्यक्रम उद्यमियों को परियोजना निर्माण में सहायता प्रदान करता है। यह उद्यमियों को परियोजना निर्माण हेतु आवश्यक आधारभूत तथ्य, समंक, वित्तीय एवं सरकारी ज्ञान आदि प्रदान करके परियोजना निर्माण को सुगम बनाता है।

(5) उद्यमिता के लाभ-दोषों से अवगत कराना – किसी उपक्रम की स्थापना एवं संचालन में आने वाली कठिनाइयों का सामना करने के लिये उद्यमिता विकास कार्यक्रम द्वारा उद्यमियों को लाभ-दोषों से अवगत कराया जाता है जिससे सम्भावित चुनौतियों को कम किया जा सकता है।

(6) व्यवसाय संचालन व विपणन सम्बन्धी प्रशिक्षण प्रदान करना – व्यवसाय के सफल संचालन एवं उचित विपणन हेतु उद्यमिता विकास कार्यक्रम द्वारा उद्यमियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। उद्यमियों द्वारा व्यवसाय कैसे किया जाता है, विभिन्न पक्षकारों के साथ मधुर सम्बन्ध कैसे बनाये जायें, बाजारों का विश्लेषण कैसे किया जाय, माल के विपणन के लिये विक्रय, विज्ञापन एवं विक्रय संवर्द्धन की विधि क्या हो के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की जाती है।

(7) लघु एवं कुटीर उद्योगों को विकसित करना – उद्यमिता विकास कार्यक्रमों का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का विदोहन कर लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना करने की प्रेरणा देना है। लघु एवं कुटीर उद्योग देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं एवं इनके विकास हेतु स्थानीय समुदाय को शिक्षण-प्रशिक्षण देकर एवं तकनीकी ज्ञान प्रदान करके इन उद्योगों को विकसित करने के प्रयास किये जाते हैं।

प्रश्न 2.
देश के विकास में उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के महत्व की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
देश के विकास में उद्यमिता विकास कार्यक्रमों का महत्व:
उद्यमिता विकास कार्यक्रम की देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है जिसके द्वारा देश का तीव्र आर्थिक एवं सन्तुलित विकास तथा औद्योगिक वातावरण का निर्माण होता है। देश के विकास में उद्यमिता विकास कार्यक्रम के महत्व को अग्र बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है –
(1) देश का तीव्र आर्थिक एवं संतुलित विकास – उद्यमिता विकास कार्यक्रम देश के तीव्र आर्थिक एवं संतुलित विकास के लिये महत्वपूर्ण आधार स्तम्भ है क्योंकि इन कार्यक्रमों से प्रेरित होकर उद्यमी अविकसित क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना करने हेतु तत्पर हो जाते हैं जिससे देश का सन्तुलित आर्थिक विकास होता है। प्रो. नर्कसे ने लिखा है कि, “उद्यमी संतुलित आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करते हैं।”

(2) संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग – देश के विकास के लिये उपलब्ध विभिन्न संसाधनों को अनुकूलतम उपयोग जरूरी होता है। उद्यमिता विकास कार्यक्रय में उद्यमियों को संसाधनों के श्रेष्ठतम उपयोग की विधि व तकनीकी का प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे वे उत्पादन के विभिन्न संसाधनों को संयोजित कर बेहतर उपयोग करने का प्रयास करते हैं। यही नहीं, उद्यमी प्रत्येक संसाधन को मूल्य देकर प्राप्त करता है अतः वह सदैव इनके अधिकतम सदुपयोग के प्रति जागरूक बना रहता है।

(3) पूंजी निर्माण में सहायक – किसी देश की आर्थिक विकास पूंजी पर निर्भर करता है और इस पूंजी का निर्माण बचतों के माध्यम से होता है। उद्यमी इन बचतों को उद्योगों में अंश, ऋण पत्र आदि के रूप में उपयोग कर प्रत्यक्ष रूप से पूंजी निर्माण को बढ़ावा देते हैं ये इन बचतों को उत्पादक कार्यों में उपयोग करके पूंजी निर्माण की दर में वृद्धि करते हैं।

(4) औद्योगिक वातावरण का निर्माण – उद्यमिता विकास कार्यक्रम द्वारा देश में औद्योगिक वातावरण का निर्माण होता है। जिसके द्वारा उद्यमी नये नये उद्योग-धन्धों की स्थापना करते हैं, नवीन वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन करते हैं, नये बाजारों की खोज एवं उन्हें विकसित करते हैं, विद्यमान उपक्रमों का विस्तार एवं नवीनीकरण करते हैं जिससे देश की औद्योगिक क्रियाओं में बढ़ोत्तरी होती है एवं औद्योगिक वातावरण का निर्माण होता है।

(5) लघु व कुटीर उद्योगों का विकास – देश के विकास में लघु व कुटीर उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उद्यमिता विकास कार्यक्रमों द्वारा लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना करने में सहायता प्रदान करना तथा उन्हें तकनीक, बाजार एवं कम लागत पर अधिक उत्पादन के बारे में प्रशिक्षित किया जाता

(6) रोजगार के अवसरों में वृद्धि – उद्यमिता विकास कार्यक्रम से देश में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होती है। देश में नवीन उद्योगों की स्थापना, संचालित उपक्रमों के विकास व विस्तार, नवीन व आधुनिक तकनीकी के प्रयोग आदि के परिणामस्वरूप रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध होते हैं। इसके द्वारा कृषि, सेवा, व्यापार आदि क्षेत्रों में भी रोजगार में वृद्धि होती है। रिब्सन के शब्दों में “उद्यमी देश में रोजगार के अवसरों का सृजन करता है।”

(7) उद्यमियों को कानूनी प्रावधान व नीतियों की जानकारी – उद्यमी विकास कार्यक्रम उद्यमियों को आधारभूत कानूनी प्रावधान एवं प्रमुख सरकारी नीतियों से अवगत कराता है जिससे उपक्रम की स्थापना एवं उसका संचालन सुगम हो जाता है। इसी प्रकार केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा जो विभिन्न नीतियाँ निर्धारित की जाती हैं उनके बारे उद्यमियों को जानकारी प्रदान की जाती हैं जिससे इनका क्रियान्वयन एवं समन्वय आसानी से हो जाता है जो देश के विकास में सार्थक है।

RBSE Class 12 Business Studies Chapter 12 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर

RBSE Class 12 Business Studies Chapter 12 बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम का अर्थ ऐसे प्रयासों से है जिसके द्वारा –
(अ) उद्यमी को शिक्षण प्रशिक्षण प्रदान कर उनकी बौद्धिक, तकनीकी एवं वैचारिक क्षमताओं को परिमार्जित किया जाता है।

उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के उद्देश्य:
उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के अन्तर्गत जनसमूहं में से सम्भावित उद्यमियों की खोज कर, उनमें उद्यमिता का विकास, तकनीकी एवं प्रबंधकीय प्रशिक्षण देकर उन्हें अपना उपक्रम स्थापित व संचालित करने में सहयोग प्रदान किया जाता है। साथ . ही लघु एवं कुटीर उद्योगों को विकसित करने एवं उद्यमियों की शंकाओं व समस्याओं का निदान व उपचार किया जाता है। इसके मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं –
(1) प्रथम पीढ़ी के व्यवसायियों का निर्माण करना – सामान्यत: यह माना जाता था कि उद्यमी पैदा होते हैं विकासित नहीं किये जा सकते हैं लेकिन उद्यमिता विकास कार्यक्रमों द्वारा इस विचारधारा को परिवर्तित कर दिया है। जिन घरों में कभी व्यवसायों की कोई बात नहीं होती थी, वहाँ व्यवसायियों का निर्माण हो रहा है और यही उद्यमिता विकास कार्यकृम का प्रथम उद्देश्य है।

(2) उद्यमीय गुणों का विकास – एक उद्यमी की सफलता उसके गुणों पर निर्भर करती है एवं इन गुणों का विकास उद्यमिता कार्यक्रम से सम्भव हो सकता है। उद्यमिता विकास कार्यक्रम से उद्यमीय प्रेरणा वाले व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें शिक्षण एवं प्रशिक्षण देकर उनमें उद्यमिता के आवश्यक गुणों को विकसित करने का प्रयास किया जाता है।

(3) सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान करना -उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के लिए सरकार द्वारा चलायी जाने वाली विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी उद्यमियों को प्रदान की जाती है तथा इन योजनाओं का उपयोग कैसे किया जाये, इसकी विस्तृत सूचना कहाँ से व कैसे प्राप्त की जाय, कौन सा विभाग कौन की जानकारी प्रदान करेगा आदि उपयोगी जानकारी प्रदान करना भी उद्यमिता विकास कार्यक्रम का उद्देश्य है।

(4) परियोजना निर्माण में उद्यमियों की सहायता – उद्यमिता विकास कार्यक्रम उद्यमियों को परियोजना निर्माण में सहायता प्रदान करता है। यह उद्यमियों को परियोजना निर्माण हेतु आवश्यक आधारभूत तथ्य, समंक, वित्तीय एवं सरकारी ज्ञान आदि प्रदान करके परियोजना निर्माण को सुगम बनाता है।

(5) उद्यमिता के लाभ-दोषों से अवगत कराना – किसी उपक्रम की स्थापना एवं संचालन में आने वाली कठिनाइयों का सामना करने के लिये उद्यमिता विकास कार्यक्रम द्वारा उद्यमियों को लाभ-दोषों से अवगत कराया जाता है जिससे सम्भावित चुनौतियों को कम किया जा सकता है।

(6) व्यवसाय संचालन व विपणन सम्बन्धी प्रशिक्षण प्रदान करना – व्यवसाय के सफल संचालन एवं उचित विपणन हेतु उद्यमिता विकास कार्यक्रम द्वारा उद्यमियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। उद्यमियों द्वारा व्यवसाय कैसे किया जाता है, विभिन्न पक्षकारों के साथ मधुर सम्बन्ध कैसे बनाये जायें, बाजारों का विश्लेषण कैसे किया जाय, माल के विपणन के लिये विक्रय, विज्ञापन एवं विक्रय संवर्द्धन की विधि क्या हो के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की जाती है।

(7) लघु एवं कुटीर उद्योगों को विकसित करना – उद्यमिता विकास कार्यक्रमों का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का विदोहन कर लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना करने की प्रेरणा देना है। लघु एवं कुटीर उद्योग देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं एवं इनके विकास हेतु स्थानीय समुदाय को शिक्षण-प्रशिक्षण देकर एवं तकनीकी ज्ञान प्रदान करके इन उद्योगों को विकसित करने के प्रयास किये जाते हैं

प्रश्न 2.
देश के विकास में उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के महत्व की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
देश के विकास में उद्यमिता विकास कार्यक्रमों का महत्व:
उद्यमिता विकास कार्यक्रम की देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है जिसके द्वारा देश का तीव्र आर्थिक एवं सन्तुलित विकास तथा औद्योगिक वातावरण का निर्माण होता है। देश के विकास में उद्यमिता विकास कार्यक्रम के महत्व को अग्र बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है –
(1) देश का तीव्र आर्थिक एवं संतुलित विकास – उद्यमिता विकास कार्यक्रम देश के तीव्र आर्थिक एवं संतुलित विकास के लिये महत्वपूर्ण आधार स्तम्भ है क्योंकि इन कार्यक्रमों से प्रेरित होकर उद्यमी अविकसित क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना करने हेतु तत्पर हो जाते हैं जिससे देश का सन्तुलित आर्थिक विकास होता है। प्रो. नर्कसे ने लिखा है कि “उद्यमी संतुलित आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करते हैं।’

(2) संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग – देश के विकास के लिये उपलब्ध विभिन्न संसाधनों को अनुकूलतम उपयोग जरूरी होता है। उद्यमिता विकास कार्यक्रय में उद्यमियों को संसाधनों के श्रेष्ठतम उपयोग की विधि व तकनीकी का प्रशिक्षण दिया जाता है. जिससे वे उत्पादन के विभिन्न संसाधनों को संयोजित कर बेहतर उपयोग करने का प्रयास करते हैं। यही नहीं, उद्यमी प्रत्येक संसाधन को मूल्य देकर प्राप्त करता है अतः वह सदैव इनके अधिकतम सदुपयोग के प्रति जागरूक बना रहता है।

(3) पूंजी निर्माण में सहायक – किसी देश का आर्थिक विकास पूंजी पर निर्भर करता है और इस पूंजी का निर्माण बचतों के माध्यम से होता है। उद्यमी इन बचतों को उद्योगों में अंश, ऋण पत्र आदि के रूप में उपयोग कर प्रत्यक्ष रूप से पूंजी निर्माण को बढ़ावा देते हैं ये इन बचतों को उत्पादक कार्यों में उपयोग करके पूंजी निर्माण की दर में वृद्धि करते हैं।

(4) औद्योगिक वातावरण का निर्माण – उद्यमिता विकास कार्यक्रम द्वारा देश में औद्योगिक वातावरण का निर्माण होता है। जिसके द्वारा उद्यमी नये नये उद्योग-धन्धों की स्थापना करते हैं, नवीन वस्तुओं एवं सेवाओं को उत्पादन करते हैं, नये बाजारों की खोज एवं उन्हें विकसित करते हैं, विद्यमान उपक्रमों का विस्तार एवं नवीनीकरण करते हैं जिससे देश की औद्योगिक क्रियाओं में बढ़ोत्तरी होती है एवं औद्योगिक वातावरण का निर्माण होता है।

(5) लघु व कुटीर उद्योगों का विकास – देश के विकास में लघु व कुटीर उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उद्यमिता विकास कार्यक्रमों द्वारा लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना करने में सहायता प्रदान करना तथा उन्हें तकनीक, बाजार एवं कम लागत पर अधिक उत्पादन के बारे में प्रशिक्षित किया जाता है।
(6) रोजगार के अवसरों में वृद्धि – उद्यमिता विकास कार्यक्रम से देश में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होती है। देश में नवीन उद्योगों की स्थापना, संचालित उपक्रमों के विकास व विस्तार, नवीन व आधुनिक तकनीकी के प्रयोग आदि के परिणामस्वरूप रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध होते हैं। इसके द्वारा कृषि, सेवा, व्यापार आदि क्षेत्रों में भी रोजगार में वृद्धि होती है। रिब्सन के शब्दों में “उद्यमी देश में रोजगार के अवसरों का सृजन करता है।”

(7) उद्यमियों को कानूनी प्रावधान वे नीतियों की जानकारी – उद्यमी विकास कार्यक्रम उद्यमियों को आधारभूत कानूनी प्रावधान एवं प्रमुख सरकारी नीतियों से अवगत कराता है जिससे उपक्रम की स्थापना एवं उसका संचालन सुगम हो जाता है। इसी प्रकार केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा जो विभिन्न नीतियाँ निर्धारित की जाती हैं उनके बारे उद्यमियों को जानकारी प्रदान की जाती हैं जिससे इनका क्रियान्वयन एवं समन्वय आसानी से हो जाता है जो देश के विकास में सार्थक है।

RBSE Class 12 Business Studies Chapter 12 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर

RBSE Class 12 Business Studies Chapter 12 बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम का अर्थ ऐसे प्रयासों से है जिसके द्वारा –
(अ) उद्यमी को शिक्षण प्रशिक्षण प्रदान कर उनकी बौद्धिक, तकनीकी एवं वैचारिक क्षमताओं को परिमार्जित किया जाता है।
(ब) उद्यमीय कार्यों के द्वारा उन्हें अपना उपक्रम स्थापित करने में सहयोग प्रदान किया जाता है।
(स) उद्यमी की आन्तरिक शक्तियों का विकास कर तथा उद्यमिता की प्रेरणा जाग्रत कर साहसिकता का मार्ग अपनाने के लिये प्रेरित किया जाता है।
(द) उपरोक्त सभी।
उतरमाला:
(द)

प्रश्न 2.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम का उद्देश्य है –
(अ) उद्यमीय गुणों का विकास करना।
(ब) सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान करना।
(स) परियोजना निर्माण में उद्यमियों की सहायता करना
(द) उपरोक्त सभी।
उतरमाला:
(द)

प्रश्न 3.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम का प्रथम उद्देश्य है –
(अ) उद्यमिता के लाभ – दोषों से अवगत कराना
(ब) प्रथम पीढ़ी के व्यवसायियों का निर्माण करना
(स) परियोजना निर्माण में उद्यमियों की सहायता करना
(द) व्यवसाय संचालन व विपणन सम्बन्धी प्रशिक्षण प्रदान करना।
उतरमाला:
(ब)

प्रश्न 4.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम का उद्देश्य नहीं है –
(अ) लघु एवं कुटीर उद्योगों पर प्रतिबन्ध लगाना।
(ब) उद्यमियों की शंकाओं व समस्याओं का निदान व उपचार करना
(स) देश के सभी भागों में उद्यमिता को विकसित करना
(द) उपरोक्त में कोई नहीं।
उतरमाला:
(अ)

प्रश्न 5.
“उद्यमिता विकास कार्यक्रम आर्थिक विकास का अनिवार्य अंग है।” यह कथन है –
(अ) आर्थर कोल का
(ब) रिब्सन का
(स) येल बोजन का
(द) डोनाल्ड.बी.ट्रो की।
उतरमाला:
(स)

प्रश्न 6.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम का महत्व है –
(अ) देश का तीव्र आर्थिक एवं सन्तुलित विकास करना।
(ब) संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग करना।
(स) उद्यमियों को कानूनी प्रावधान व नीतियों की जानकारी देना।
(द) उपरोक्त सभी।
उतरमाला:
(द)

प्रश्न 7.
“उद्यमी सन्तुलित आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करते हैं।” वह कथन है –
(अ) प्रो. नर्कसे का
(ब) डोनाल्ड. बी. ट्रो का
(स) आर्थर कोल का
(द) इनमें से कोई नहीं।
उतरमाला:
(अ)

प्रश्न 8.
जापान व चीन जैसे देशों का विश्व अर्थव्यवस्था में सिरमौर स्थान होने का कारण है –
(अ) उद्यमी।
(ख) प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता
(स) बेरोजगारी
(द) उपरोक्त सभी।
उतरमाला:
(अ)

प्रश्न 9.
“उद्यमिता सामाजिक परिवर्तन एवं उद्यमीय संस्कृति की स्थापना का महत्वपूर्ण माध्यम है।” यह कथन है –
(अ) प्रो. नर्कसे का
(ब) डोनाल्ड बी. ट्रो का
(स) आर्थर कोल का
(द) येल बोजन का।
उतरमाला:
(ब)

प्रश्न 10.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम का महत्व नहीं है –
(अ) लघु व कुटीर उद्योग – धन्धों का विकास करना
(ब) पूंजी निर्माण में सहायता करना।
(स) रोजगार के अवसरों में कमी करना
(द) देश का तीव्र आर्थिक एवं सन्तुलित विकास करना।
उतरमाला:
(स)

RBSE Class 12 Business Studies Chapter 12 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम का प्रथम उद्देश्य बताइये।
उत्तर:
प्रथम पीढ़ी के व्यवसायियों का निर्माण करना।

प्रश्न 2.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम उद्यमियों को परियोजना निर्माण में किस प्रकार सहायता प्रदान करता है?
उत्तर:
उद्यमिता विकास कार्यक्रम उद्यमियों को परियोजना निर्माण हेतु आवश्यक आधारभूत तथ्य, समंक, वित्तीय एवं सरकारी ज्ञान आदि प्रदान करके परियोजना निर्माण को सुगम बनाता है।

प्रश्न 3.
कुटीर उद्योग किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे उद्योग जो कम पूंजी, सरल औजारों, निजी संसाधनों, देशी तकनीकी तथा पारिवारिक सदस्यों की सहायता से सरल वस्तुओं का उत्पादन करते हैं, उन्हें कुटीर उद्योग कहते हैं।

प्रश्न 4.
देश के आर्थिक एवं औद्योगिक विकास में उद्यमिता विकास कार्यक्रम की क्या भूमिका होती है?
उत्तर:
देश में रोजगार के साधनों का सृजन, सन्तुलित औद्योगिक विकास, युवा वर्ग को उद्यमी बनाने में उद्यमिता विकास कार्यक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

प्रश्न 5.
आर्थर कोल ने उद्यमिता विकास कार्यक्रम की सामाजिक उपादेयता को स्वीकार करते हुए क्या लिखा है?
उत्तर:
“उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के अध्ययन से आर्थिक एवं सामाजिक क्रिया में सहायता मिलती है।”

प्रश्न 6.
“उद्यमी सन्तुलित आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करते हैं।” यह कथन किसका है?
उत्तर:
प्रो. नर्कसे का।

घ्रश्न 7.
”उद्यमी देश में रोजगार के अवसरों का सृजन करता है।” यह कथन है?
उत्तर:
रिब्सन का।

प्रश्न 8.
“उद्यमिता सामाजिक परिवर्तन एवं उद्यमीय संस्कृति की स्थापना का महत्वपूर्ण माध्यम है।” यह महत्वपूर्ण कथन किसने दिया है?
उत्तर:
डोनाल्ड बी. ट्रो ने।

RBSE Class 12 Business Studies Chapter 12 लघु उत्तरीय प्रश्न (SA – I)

प्रश्न 1.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम का उद्देश्य उद्यमियों को लाभ – दोषों से अवगत कराना है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
उद्यमिता विकास कार्यक्रम उद्यमिता अपनाने वाले उद्यमियों को उद्यमिता के लाभ – दोषों से अवगत कराता है। जिससे किसी उपक्रम की स्थापना एवं संचालन में आने वाली कठिनाइयों का मुकाबला किया जा सके। उद्यमिता से क्या – क्या लाभ हैं तथा इसमें कौन – कौन सी सम्भावित चुनौतियाँ होती हैं इनका ज्ञान उद्यमी को कराया जाता है।

प्रश्न 2.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम से नवाचारों एवं उत्पादन विविधीकरण को प्रोत्साहन किस प्रकार मिलता है?
उत्तर:
उद्यमिता विकास कार्यक्रम से नई वस्तुओं का उत्पादन, उत्पादन की नवीन तकनीकी, नये यन्त्र व मशीनों का प्रयोग सम्भव होता है। उद्यमिता विकास कार्यक्रम से बाजार अनुसन्धान के माध्यम से नये बाजारों का पता लगाया जाता है। तथा शोध व अनुसन्धान को बढ़ावा दिया जाता है।

प्रश्न 3.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम को सन्तुलित विकास का आधार स्तम्भ क्यों माना है?
उत्तर:
उद्यमिता विकास कार्यक्रम सन्तुलित विकास का आधार स्तम्भ हैं क्योंकि इन कार्यक्रमों से प्रेरित होकर उद्यमी अविकसित क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना करने हेतु तत्पर हो जाते हैं जिससे देश का सन्तुलित आर्थिक विकास होता है। प्रो. नर्कसे ने भी लिखा है कि “उद्यमी सन्तुलित आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करते हैं।”

प्रश्न 4.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम द्वारा संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग किस प्रकार सम्भव है?
उत्तर:
उद्यमिता विकास कार्यक्रम से उद्यमियों को संसाधनों की श्रेष्ठतम उपयोग विधि व तकनीकी का प्रशिक्षण दिया जाता है जिससे वे उत्पादन के विभिन्न संसाधनों को संयोजित कर बेहतर उपयोग करने का प्रयास करते हैं। यही नहीं, उद्यमी प्रत्येक संसाधन को मूल्य देकर प्राप्त करता है अत: वह सदैव इनके अधिकतम सदुपयोग के प्रति जागरूक बना रहता है।

प्रश्न 5.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम सरकारी नीतियों व योजनाओं के क्रियान्वयन में क्या भूमिका निभाता है?
उत्तर:
उद्यमिता विकास कार्यक्रम सरकारी नीतियों व योजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सरकार की कुछ ऐसी नीतियाँ व योजनायें होती हैं जिनका क्रियान्वयन उद्यमिता पर काफी निर्भर होता है, जैसे – नौकरियों में कमी लाना, स्वरोजगार को प्रोत्सहित करना, घाटे वाले सार्वजनिक राजकीय उपक्रमों का विक्रय करना आदि। ऐसी योजनाओं की सफलता उद्यमिता विकास पर ही निर्भर होती है।

प्रश्न 6.
लघु व कुटीर उद्योगों के विकास में उद्यमिता विक़ास कार्यक्रम का क्या योगदान है?
उत्तर:
लघु व कुटीर उद्योग देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उद्यमिता विकास कार्यक्रम स्थानीय जन समुदाय को स्थानीय क्षेत्र में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का विदोहन कर उन्हें लघु व कुटीर उद्योगों की स्थापना करने में सहायता प्रदान करता है। इस कार्यक्रम से उन्हें तकनीक, बाजार एवं कम लागत पर अधिक उत्पादन के बारे में प्रशिक्षित किया जाता है।

प्रश्न 7.
रोजगार के अवसरों की वृद्धि में उद्यमिता विकास की भूमिका समझाइए।
उत्तर:
उद्यमिता के विकास से देश में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसरों का सृजन होता है। देश में नवीन उद्योगों की स्थापना, संचालित उपक्रमों के विकास व विस्तार, नवीन व आधुनिक तकनीकी के प्रयोग आदि के परिणामस्वरूप, रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध होते हैं। इससे कृषि, सेवा, व्यापार आदि क्षेत्रों में भी रोजगार में वृद्धि होती रहती है।

प्रश्न 8.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम से जनसामान्य के जीवन स्तर में सुधार किस प्रकार होता है?
उत्तर:
उद्यमिता के कारण समाज में रोजगार के साधनों का सृजन होता है एवं बाजार में उपभोक्ताओं को अनेक कम्पनियों के उत्पाद उपलब्ध हो पाते हैं। प्रतिस्पर्धा के कारण उद्यमी न्यूनतम मूल्य पर श्रेष्ठ उत्पाद समाज को उपलब्ध करवाने का प्रयास करते हैं। रोजगार, पूंजी निर्माण, उत्पादों की न्यूनतम मूल्य पर उपलब्धता, उपभोक्ता की रुचि व फैशन के अनुसार उत्पाद की उपलब्धता आदि में जनसामान्य के जीवन स्तर से सुधार होता है।

RBSE Class 12 Business Studies Chapter 12 लघु उत्तरीय प्रश्न (SA – II)

प्रश्न 1.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम क्या है? समझाइये।
उत्तर:
उद्यमिता विकास कार्यक्रम का अर्थ:
सामान्य शब्दों में, उद्यमिता विकास कार्यक्रम से तात्पर्य किसी ऐसे कार्यक्रम से है जिसका उद्देश्य जनसमूह में से सम्भावित उद्यमियों की खोज करना, उनमें उद्यमिता की भावना का विकास करना तथा तकनीकी एवं प्रबन्धकीय प्रशिक्षण देकर उन्हें अपनी उपक्रम स्थापित वे संचालित करने में सहयोग देना है। इन कार्यक्रमों के द्वारा उद्यमियों के विकास हेतु योजना वह प्रयास किये जाते हैं तथा उनके समुचित तथा समग्र विकास की कोशिश की जाती है।

इस प्रकार उद्यमिता विकास कार्यक्रय का अर्थ ऐसे प्रयासों से है जिसके द्वारा –

  1. उद्यमी को शिक्षण – प्रशिक्षण प्रदान कर उसकी बौद्धिक, तकनीकी एवं वैचारिक क्षमताओं को परिमार्जित किया जाता है।
  2. उद्यमीय कार्यों के द्वारा उन्हें अपना उपक्रम स्थापित करने में सहयोग प्रदान किया जाता है।
  3. उद्यमी की आन्तरिक शक्तियों का विकास कर तथा उद्यमिता की प्रेरणा जाग्रत कर साहासिकता का मार्ग अपनाने के लिये प्रेरित किया जाता है।
  4. दैनिक क्रियाओं में उद्यमीय व्यवहार उत्पन्न करना तथा उसमें सुधार पर बल दिया जाता है।

प्रश्न 2.
“उद्यमिता विकास कार्यक्रम सामाजिक परिवर्तन का माध्यम है” समझाइये।
उत्तर:
समाज विभिन्न व्यक्तियों का समूह है जिसमें व्यक्तियों की विचारधारायें एवं मान्यतायें अलग – अलग पायी जाती हैं। उद्यमी के कारण आत्मनिर्भर समाज की स्थापना सम्भव हो पाती है। समाज, उद्योग प्रधान समाज बनता है जिससे अन्धविश्वासों एवं रूढ़िवादिता में कमी आती है जातिगत रूढ़ियाँ समाप्त होती हैं एवं सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलता है। डोनाल्ड.बी.टो ने भी कहा है कि “उद्यमिता सामाजिक परिवर्तन एवं उद्यमीय संस्कृति की स्थापना का महत्वपूर्ण माध्यम है।” संक्षेप में, चिन्तन-मनन आदि में उद्यमिता के कारण सकारात्मक बदलाव होता है।

RBSE Class 12 Business Studies Chapter 12 विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
उद्यमिता एवं प्रबन्ध के बीच अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
उद्यमिता एवं प्रबन्ध के बीच अन्तर को निम्न आधारों पर सारणी के द्वारा समझाया जा सकता है –
RBSE Class 12 Business Studies Chapter 12 1

All Chapter RBSE Solutions For Class 12 Business Studies Hindi Medium

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