घोष व्यंजन किसे कहते हैं? – Ghosh Vayanjan

Ghosh Vayanjan: घोष व्यंजन परीक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण टॉपिक है. अक्सर इस विषय से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते है. अतः परीक्षार्थियों को घोष व्यंजन से जुड़े सभी सम्बंधित प्रश्नों को भलीभांति तैयार कर लेना चाहिए।

आज यहां हम आपको घोष व्यंजन के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं, इसलिए यदि आप घोष व्यंजन के बारे में नहीं जानते हैं, तो इस लेख की मदद से, आप आज इस विषय को बेहतर तरीके से जान पाएंगे।

घोष व्यंजन किसे कहते हैं? – Ghosh Vayanjan

घोष व्यंजन किसे कहते हैं?

ऐसे व्यंजन जिनके उच्चारण करते समय स्वर यंत्री में कंपन होता है, ऐसे व्यंजन सघोष व्यंजन कहलाते हैं। वर्णमाला में इनकी कुल संख्या 31 होती है। सघोष व्यंजन प्रत्येक वर्ग का तीसरा, चौथा और पांचवां अक्षर होते हैं। अंतस्थ व्यंजन और ह सघोष व्यंजन है।

दूसरे शब्दों में जिन व्यंजनों के उच्चारण में स्वर यंत्री में अधिक कंपन हो घोष या सघोष वर्ण कहलाते हैं।

इनकी संख्या 31 है। वर्णमाला में इनकी संख्या 31 होती है। इसमें समस्त स्वर अ से ओ तक और व्यंजन शामिल होते हैं:

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  1. ग, घ, ङ
  2. ज, झ, ञ
  3. ड, ढ, ण
  4. द, ध, न
  5. ब, भ, म
  6. य, र, ल, व, ह

इस आर्टिकल में अपने घोष व्यंजन को पढ़ा। हमे उम्मीद है कि ऊपर दी गयी जानकारी आपको आवश्य पसंद आई होगी। इसी तरह की जानकारी अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करे

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