Boli Kise Kahate Hain: हेलो स्टूडेंट्स, आज हम इस आर्टिकल में बोली किसे कहते हैं के बारे में पढ़ेंगे | यह हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसे हर एक विद्यार्थी को जानना जरूरी है |
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बोली किसे कहते हैं ? – Boli Kise Kahate Hain
वह भाषा जो किसी विशेष स्थान पर इस्तेमाल की जाती है, उसे बोली कहते हैं। दोस्तों, हर जगह व स्थान पर बोली जाने वाली एक भाषा होती है। इसी प्रकार हर जगह बोली जाने वाली ” बोली ” भी होती हैं।
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में कूल 650 बोलियां बोली जाती है.
सरल भाषा में कहा जाए, तो अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरह से बातचीत में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा को ही बोली कहते हैं।
बोली की परिभाषा (Boli Ki Paribhasha)
भाषा का वह स्वरूप जो एक छोटे क्षेत्र में बोलने के लिए उपयोग किया जाता है उसे बोली कहा जाता है . बोली भाषा का क्षेत्रीय रूप है.
उदाहरण :-
हिंदी भाषा को भारत के कई राज्यों में बोला जाता है, जैसे :- हरियाणा, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, बिहार आदि।
लेकिन हर राज्य में इसके स्वरूप में थोड़ा परिवर्तन देखने को मिलता हैं। जैसे :- ब्रज, अवधी, बुंदेलखंडी, मारवाड़ी, पहाड़ी, हरियाणवी, राजस्थानी, भोजपुरी यह सब हिंदी की बोलियां हैं।
बोली की विशेषताएँ–
- बोलियाँ भाषा की क्षेत्रीय रूप होती हैं
- बोली में साहित्य रचना नहीं होती है
- बोली स्वतंत्र होती है
- बोलियों को व्याकरण की जरूरत नही होती है
हिंदी बोलियों के प्रकार
हिंदी भाषा की बोलियों को निम्नलिखित वर्गों में बाटा गया है –
पश्चिमी हिंदी की बोलियां-ब्रज, बांगर बुंदेलखंडी, कन्नौजी बोलियां, खड़ी बोली.
पूर्वी हिंदी की बोलियां- बघेली, अवधि और छत्तीसगढ़ी आदि.
बिहारी हिंदी की बोलियां- अंगिया, मगही, भोजपुरी, मैथिली आदि.
राजस्थानी हिंदी की बोलियां- मेवाती, मारवाड़ी आदि.
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