Alp Viram Chinh: आज यहां हम आपको अल्प विराम चिह्न के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं, इसलिए यदि आप अल्प विराम चिह्न के बारे में नहीं जानते हैं, तो इस लेख की मदद से, आप आज इस विषय को बेहतर तरीके से जान पाएंगे।
अल्प विराम चिन्ह – Alp Viram Chinh
अल्प विराम चिन्ह ( , ) किसे कहते है?
अल्प विराम का अर्थ थोड़ी सी देर के लिए रुकना होता है। भाषा के लिखित रूप में बात को अच्छी तरह समझाने के लिए लेखक वाक्य के बीच में कई बार थोड़े-थोड़े समय के लिए रुकता है। इसी थोड़े समय के ठहराव को संकेत चिन्ह के रूप में लिखने के लिए जिस विराम चिह्न का प्रयोग किया जाता है उसे अल्प विराम चिन्ह (Alp Viram Chinh) कहते हैं।
अल्पविराम (alpviram) वाक्य में एक संक्षिप्त विराम का प्रतीक है। यह एक विभाजक है जिसका उपयोग अक्सर पाठक को सांस लेने के लिए किया जाता है (यदि आप जोर से पढ़ते हैं) और वाक्य को लय देते हैं। यहां ऐसे मामले हैं जिनमें इसका उपयोग किया जाता है:
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- जहाँ शब्दों को दोहराते समय विचारों की अधिकता के कारण विशेष बल दिया जाय वहाँ अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग होता है।
- यदि वाक्य में कोई अन्तवर्तीत पदांश (Parenthesis) या वाक्य खण्ड का प्रयोग हो तो अल्प विराम का प्रयोग किया जा सकता है।जैसे- महात्मा गाँधी के युग का ग्राम सेवक, जेल में गया हुआ।
- यदि वाक्य के मध्य में, इसी से, इसलिए, किन्तु, परन्तु, अतः, क्योंकि, जिससे, तथापि आदि अव्ययों का प्रयोग हो तो इनके पहले अल्प विराम का प्रयोग होना चाहिए। जैसे-लिपियाँ अलग रह सकती हैं, पर भाषा हिन्दी ही रहे।
उदाहरण के लिए:
- विजय ने बच्चों के लिए आम, अमरूद, केले आदि ख़रीदे।
- मैंने मेले में मिठाई, पकौड़े, आइसक्रीम आदि चीज़ें खाई।
- मुझे बाज़ार से किताबें, पेन्सिल, रबर आदि सामान खरीदना है।
- मैं आया, खाना खाया और वापस चला गया।
- हवा चली, आँधी आई और बारिश हुई।
- उसने मुझसे कहा, “तुम बहुत अच्छे लड़के हो।”
- पिताजी बोले, “मुझे तुम पर गर्व है”
- लो, मैं यह चला।
- लाओ, मुझे देदो।
- रवि, तुम आज फिर देर से आए हो।
- महादेव, तू ही सबका रखवाला है।
- मेघा, अब तुम घर जा सकती हो।
इस आर्टिकल में अपने अल्प विराम चिह्न को पढ़ा। हमे उम्मीद है कि ऊपर दी गयी जानकारी आपको आवश्य पसंद आई होगी। इसी तरह की जानकारी अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करे ।