हेलो स्टूडेंट्स, आज हम इस आर्टिकल में कृ धातु रूप लट् लकार – वर्तमान काल (Kri Dhatu Lat Lakar) के बारे में पढ़ेंगे | यह हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसे हर एक विद्यार्थी को जानना जरूरी है |
Table of Contents
Kri Dhatu Lat Lakar
पठ् धातु एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमः पुरुष: करोति कुरुतः कुर्वन्ति
मध्यमः पुरुषः करोषि कुरुथः कुरुथ
उत्तमः पुरुष: करोमि कुर्वः कुर्मः
लट् लकार
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लट् लकार संस्कृत भाषा में वर्तमान काल (Present tense) को व्यक्त करने का तरीका है। हम लट् लकार से किसी भी वाक्य को वर्तमान काल में लिख या बोल सकते हैं।
जैसे- राम घर जाता है- रामः गृहं गच्छति। इस वाक्य में ‘जाना’ क्रिया का प्रारम्भ होना तो पाया जाता है, लेकिन समाप्त होने का संकेत नहीं मिल रहा है। ‘जाना’ क्रिया निरन्तर चल रही है। अतः यहाँ वर्तमान काल है।
लट् लकार में अनुवाद or लट् लकार के वाक्य
- अहम् पठामि । मैं पढ रहा हूँ ।
- अहम् खादामि । मैं खा रहा हूँ।
- अहम् वदामि । (मैं बोल रहा हूँ)
- त्वम गच्छसि । (तुम जा रहे हो)
- सः पठति। (वह पढता है)
- तौ पठतः । (वे दोनो पढते हैं)
Kri Dhatu Lat Lakar Video
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