Virodhabhas Alankar in Hindi: हेलो स्टूडेंट्स, आज हम इस आर्टिकल में विरोधाभास अलंकार किसे कहते है? (Virodhabhas Alankar) के बारे में पढ़ेंगे | यह हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसे हर एक विद्यार्थी को जानना जरूरी है |
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Virodhabhas Alankar in Hindi
जहां पर संयोग में विरोध दिखाया जाए अर्थात जहां विरोध न होने पर भी विरोध दिखाया जाता है, वहां पर विरोधाभास अलंकार होता है।
विरोधाभास अलंकार के उदाहरण –
- तंत्रीनाद, कवित्त रस, सरस राग, रति रंग
- अनबूड़े बूड़े तिरे जे बूड़े सब अंग।।
- मीठी लगे अँखियान लुनाई।
1 ना खुदा ही मिला ना बिसाले सनम।
ना इधर के रहे ना उधर के रहे।।
2. जब से है आँख लगी तबसे न आँख लगी।
3. या अनुरागी चित्त की , गति समझे नहिं कोय। ज्यों- ज्यों बूड़े स्याम रंग, त्यों-त्यों उज्ज्वल होय।।
4. सुनहु देव रघुवीर कृपाला ।
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बन्धु न होइ मोर यह काला ।
5. सरस्वती के भंडार की बड़ी अपूरब बात। ज्यों खरचै त्यों- त्यों बढे , बिन खरचे घट जात ॥
6. शीतल ज्वाला जलती है, ईंधन होता दृग जल का। यह व्यर्थ साँस चल-चलकर , करती है काम अनिल का।.
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