भारत के स्वतंत्रता दिवस पर भाषण

यहाँ पर हम स्कूल जाने वाले छोटे बच्चे और विद्यार्थियों के लिये भारत के स्वतंत्रता दिवस पर कई प्रकार का भाषण उपलब्ध करा रहे है। किसी भी दिये गये भाषण का इस्तेमाल कर स्वतंत्रता दिवस उत्सव में विद्यार्थी सक्रियता से भाग ले सकते है।

विद्यार्थीयों के लिये सभी भाषण (इंडिपेंडेंस डे स्पीच) बेहद आसान और सरल भाषा में लिखे गये है जिससे कि वो भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर अपना बेहतरीन भाषण प्रस्तुत कर सकें।

स्वतंत्रता दिवस पर बड़े और छोटे भाषण (Long and Short Speech on Independence Day in Hindi)

भाषण 1

आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय, सम्माननीय शिक्षक, अभिभावक एवं साथियों। स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर अपने विचार व्यक्त करने का सुअवसर प्राप्त कर मुझे हर्ष की अनुभूति हो रही है। यह हमारा 73 वां स्वतंत्रता दिवस समारोह है।

आज से ठीक 73 वर्ष पूर्व, हमे आजादी मिली थी। हमारे आजादी के संघर्ष की गाथा बहुत बड़ी है जिसका वर्णन एक दिन में नहीं हो सकता है। हर भारतीय के लिए स्वतंत्रता दिवस बहुत महत्व रखता है।

आज से 73 वर्ष पूर्व हम पर अंग्रेजों का शासन था, वे व्यापार के बहाने भारत आए और धीरे-धीरे सब कुछ अपने अधीन कर लिया और हमें अपना गुलाम बना लिया। फिर कई आंदोलन और लड़ाई लड़ने के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ। हमारे देश के वीर योद्धाओं की वजह से आज हम स्वतंत्र हुए हैं और उन लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए इस दिन को मनाते हैं। स्वतंत्रता दिवस भारत के राष्ट्रीय पर्वों मे से एक है।

जय हिन्द।

भाषण 2

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, उप प्रधानाचार्य महोदय, माननीय शिक्षकगण एवं प्यारे साथियों। आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुझे अपने विचार आपके सामने व्यक्त करने का सुअवसर प्रप्त कर बेहद खुशी की अनुभूति हो रही है, आइये मै आपको स्वतंत्रता दिवस के महत्व के बारे मे बताती हूं।

स्वतंत्रता दिवस एक ऐतिहासिक पर्व है, आज से 73 वर्ष पूर्व भारत को अंग्रेजों से आज़ादी मिली थी। भारत, जिसने अपना अस्तित्व खो दिया था, को पुनः अपनी पहचान मिली।

अंग्रेज भारत आए और यहां के परिवेश को बड़े ध्यान से जानने और परखने के बाद, हमारी कमजोरियों को ध्यान में रखते हुए हम पर आक्रमण किया और करीब दो सौ वर्षों तक शासन किया। हमारे वीर योद्धाओं ने कई लड़ाईयां लड़ी और उसके बाद जाके 15 अगस्त 1947 को हमें आज़ादी मिली।

तब से लेकर आज तक, हम हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते आए हैं। हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा हर साल लाल किले पर झंडा फहराया जाता है। इसके बाद वे देश को संबोधित करते हैं और फिर कुछ रंगा-रंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। इसे देखने के लिये दूर-दूर से लोग दिल्ली जाते हैं और जो वहां नहीं जा पाते वे इसका सीधा प्रसारण देखते हैं।

इस प्रकार हम हमारे वीर जवानों को याद करते हुए अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं।

जय हिन्द।


भाषण 3

यहां उपस्थित सभी दिग्गजों को मेरा प्रणाम एवं भाईयों और बहनों को स्नेह भरा नमस्कार। स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ अवसर पर मैं अपने विचारों को पंक्तिबद्ध तरीके से व्यक्त कर रही हूं, ताकि आप उस दौर के मार्मिकता को समझ पाएं, कि आखिर ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी थी की जान बाजी लगानी पड़ी, ऐसी कौन सी विपदा आन पड़ी कि देनी पड़ी कुर्बानी थी, और आशा करती हूं कि ये आप सबको जरूर पसंद आएगा।

क्या समझोगे तुम इस युग में कि प्राण गवाने का डर क्या था, क्या समझोगे तुम इस दौर में की अंग्रेजो के प्रतारण का स्तर क्या था। क्या देखा है रातों रात, पूरे गांव का जल जाना। क्या देखा है वो मंजर, बच्चों का भूख से मर जाना। कहने को धरती अपनी थी, पर भोजन का न एक निवाला था। धूप तो उगता था हर दिन, पर हर घर में अंधियारा था।

अरे बैसाखी का था पर्व मनाने घर-घर से दीपक निकले थे, लौट न पाए अपने घर को, खून की होली खेल जो बुझ गए थे। जलियावाला बाग हत्या कांड वो कहलाया, जिसमे बच्चे-बूढ़े सब मर गए थे। क्या कसूर था उन निर्दोशों का कि देनी पड़ी कुर्बानी थी, क्या कसूर था उस बेबस मां  का जिससे रूठी उसकी किलकारी थी। धीरे-धीरे आक्रोश बढ़ा, सब के सर पर क्रोध चढ़ा। गांधी जी ने असहयोग आंदोलन चलवाया, तो हमने भी चौरा-चौरी कांड किया।

हमे बेबस समझते थे, इस लिये हमपर हुकूमत करते थे। पर देश पर जान कूर्बान करने से, न हम भारत वासी डरते थे। बहुत हुआ था तानाशाही, अब तो देश को वापस पाना था। साम, दाम, दंड, भेद चाहे जो हथियार अपनाना था। गांधी जी ने धीरज धरा और कहा अहिंसा को ही अपनाना है। इंट का जवाब पत्थर नहीं होता, यह सबक अंग्रेजों को सिखाना है।

अहिंसा को हथियार बनाया, न कोई गोली-बंदूक चलाया। फिर भी अंग्रेजों को हमने, अपने देश से खदेड़ भगाया और उस तारीख को हमने, सुनहरे अक्षरों से गढ़वाया और यही हमारा स्वतंत्रता दिवस है भाइयों, जो शान से 15 अगस्त कहलाया।

जय हिन्द, जय भारत।

भाषण 4

मेरे सभी आदरणीय अधयापकों, अभिभावक, और प्यारे मित्रों को सुबह का नमस्कार। इस महान राष्ट्रीय अवसर को मनाने के लिये आज हमलोग यहाँ इकठ्ठा हुए है। जैसा कि हम जानते है कि स्वतंत्रता दिवस हम सभी के लिये एक मंगल अवसर है। ये सभी भारतीय नागरिकों के लिये बहुत महत्वपूर्ण दिन है तथा ये इतिहास में सदा के लिये उल्लिखित हो चुका है।

ये वो दिन है जब भारत के महान स्वतंत्रता सेनानीयों द्वारा वर्षों के कड़े संघर्ष के बाद ब्रिटीश शासन से हमें आजादी मिली। भारत की आजादी के पहले दिन को याद करने के लिये हम हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते है साथ ही साथ उन सभी महान नेताओं के बलिदानों को याद करते है जिन्होंने भारत की आजादी के लिये अपनी आहुति दी।

ब्रिटीश शासन से 15 अगस्त 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली। आजादी के बाद हमें अपने राष्ट्र और मातृभूमि में सारे मूलभूत अधिकार मिले। हमें अपने भारतीय होने पर गर्व होना चाहिये और अपने सौभाग्य की प्रशंसा करनी चाहिये कि हम आजाद भारत की भूमि में पैदा हुए है।

गुलाम भारत का इतिहास सबकुछ बयाँ करता है कि कैसे हमारे पूर्वजों ने कड़ा संघर्ष किया और फिरंगियो कें क्रूर यातनाओं को सहन किया। हम यहाँ बैठ के इस बात की कल्पना नहीं कर सकते कि ब्रिटीश शासन से आजादी कितनी मुश्किल थी। इसने अनगिनत स्वतंत्रता सेनानीयों के जीवन का बलिदान और 1857 से 1947 तक कई दशकों का संघर्ष लिया है। भारत की आजादी के लिये अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले आवाज ब्रिटीश सेना में काम करने वाले सैनिक मंगल पांडे ने उठायी थी।

बाद में कई महान स्वतंत्रता सेनानीयों ने संघर्ष किया और अपने पूरे जीवन को आजादी के लिये दे दिया। हम सब कभी भी भगत सिंह, खुदीराम बोस और चन्द्रशेखर आजाद को नहीं भूल सकते जिन्होंने बहुत कम उम्र में देश के लड़ते हुए अपनी जान गवाँ दी।

कैसे हम नेताजी और गाँधी जी संघर्षों को दरकिनार कर सकते है। गाँधी जी एक महान व्यक्तित्व थे जिन्होंने भारतीयों को अहिंसा का पाठ पढ़ाया था। वो एक एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने अहिंसा के माध्यम के आजादी का रास्ता दिखाया। और अंतत: लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को वो दिन आया जब भारत को आजादी मिली।

हमलोग काफी भाग्यशाली है कि हमारे पूर्वजों ने हमें शांति और खुशी की धरती दी है जहाँ हम बिना डरे पूरी रात सो सकते है और अपने स्कूल तथा घर में पूरा दिन मस्ती कर सके। हमारा देश तेजी से तकनीक, शिक्षा, खेल, वित्त, और कई दूसरे क्षेत्रों में विकसित कर रहा है जोकि बिना आजादी के संभव नहीं था। परमाणु ऊर्जा में समृद्ध देशों में एक भारत है।

ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स जैसे खेलों में सक्रिय रुप से भागीदारी करने के द्वारा हमलोग आगे बढ़ रहे है। हमें अपनी सरकार चुनने की पूरी आजादी है और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का उपयोग कर रहे है। हाँ, हम मुक्त है और पूरी आजादी है हालाँकि हमें खुद को अपने देश के प्रति जिम्मेदारीयों से मुक्त नहीं समझना चाहिये। देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, किसी भी आपात स्थिति के लिये हमें हमेशा तैयार रहना चाहिये।

भाषण 5

यहाँ मौजूद मेरे प्यारे दोस्तों और आदरणीय अध्यापकों को सुबह का हार्दिक नमस्कार। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ अवसर को मनाने के लिये हम सब एकत्रित हुए है। ये दिन हमलोग पूरे उत्साह और खुशी के साथ मनाते है क्योंकि इसी दिन ब्रिटीश शासन से 1947 में भारत को आजादी मिली थी। हमलोग यहाँ 73वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने आये है। सभी भारतीयों के लिये ये बहुत ही महान और महत्वपूर्ण दिन है।

कई वर्षों तक अंग्रेजों के क्रूर बर्तावों को भारतीय लोगों ने सहन किया। आज हमलोग लगभग सभी क्षेत्रों में आजाद है जैसे शिक्षा, खेल, परिवहन, व्यापार आदि क्योंकि ये केवल हमारे पूर्वजों के संघर्षों की वजह से संभव हो सका।

1947 से पहले, लोगों पर बहुत पाबंदियाँ थी यहाँ तक कि उनका अपने दिमाग और शरीर पर भी अधिकार नहीं था। वो अंग्रेजों के गुलाम थे और उनके हर हुक्म को मानने के लिये मजबूर थे। आज हम कुछ भी करने के लिये आजाद है उन महान भारतीय नेताओं की वजह से जिन्होंने ब्रिटीश शासन के खिलाफ आजादी पाने के लिये कई वर्षों तक कड़ा संघर्ष किया।

बहुत खुशी के साथ पूरे भारत में स्वतंत्रता दिवस को मनाया जाता है। ये सभी भारतीयों के लिये बेहद महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि ये हमें मौका देता है उन महान स्वतंत्रता सेनानीयों को याद करने का जिन्होंने हमें एक शांतिपूर्ण और खूबसूरत जीवन देने के लिये अपने जीवन की कुर्बानी दे दी।

आजादी से पहले, लोगों को पढ़ने-लिखने की, अच्छा खाने की और हमारी तरह सामान्य जीवन जीने की मनाही थी। भारत में आजादी के लिये जिम्मेदार उन कार्यक्रमों का एहसानमंद होना चाहिये। अपने अर्थहीन आदेशों की पूर्ति के लिये अंग्रेजों द्वारा भारतीयों के साथ गुलामों से भी ज्यादा बुरा बर्ताव किया जाता था।

भारत के कुछ महान स्वतंत्रता सेनानी है नेताजी सुभाष चनद्र बोस, गाँधीजी, जे.एल.नेहरु, बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, भगत सिंह, खुदीराम बोस, चन्द्रशेखर आजाद आदि। ये प्रसिद्ध देशभक्त थे जिन्होंने अपनी जीवन के अंत तक भारत की आजादी के लिये कड़ा संघर्ष किया। हमारे पूर्वजों द्वारा संघर्ष के उन डरावने पलों की कल्पना भी नहीं कर सकते हमलोग।

आजादी के वर्षों बाद हमारा देश विकास की सही राह पर है। आज हमारा देश पूरी दुनिया में लोकतांत्रिक देश के रुप में अच्छे से स्थापित है। गाँधी एक महान नेता थे जिन्होंने अहिंसा और सत्याग्रह जैसे आजादी के असरदार तरीकों के बारे में हमें बताया। अहिंसा और शांति के साथ स्वतंत्र भारत के सपने को गाँधी ने देखा।

भारत हमारी मातृभूमि है और हम इसके नागरिक है। हमें हमेशा इसको बुरे लोगों से बचाने के लिये तैयार रहना चाहिये। ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने देश को आगे की ओर नेतृत्व करें और इसे दुनिया का सबसे अच्छा देश बनाये।

जय हिन्द।

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