लक्ष्य आपका है मेहनत भी आपको करनी होगी

लक्ष्य आपका है मेहनत भी आपको करनी होगी

लक्ष्य आपका है मेहनत भी आपको करनी होगी की कहानी :

नदी किनारे दो लोग बैठे मछली पकड़ रहे थे. दोनों बड़े उत्साह में थे और जल्द से जल्द कोई बड़ी मछली पकड़ना चाहते थे.

दोनों मछुआरों ने नदी में अपना काँटा फेंका और मछली के फंसने का इंतज़ार करने लगे. दोनों ने एक दुसरे को देखा और फिर से नदी की तरफ आँखें पसारे मछली फंसने का इंतज़ार करने लगे.

अभी कुछ ही मिनट हुए थे कि पहले व्यक्ति के कांटे में एक बहुत बड़ी और सुन्दर मछली फंस गयी, उसे देख कर वह बहुत खुश हुआ और दुसरे मछुआरे की तरफ देखते हुए उसने अपनी ख़ुशी ज़ाहिर की. उसने अपने पास रखे एक बड़े से डिब्बे में उस बड़ी मछली को रखा और फिर से एक काँटा नदी में फेंका. इतने में उसके कांटे में कई छोटी छोटी मछलियां भी फंस गयी, वो खुश था.

करीब एक घंटे के बाद दुसरे व्यक्ति के कांटे में एक भी मछली नहीं फांसी. इसलिए पहले व्यक्ति ने कहा कि अगर कोई मछली नहीं फंस रही तो वह उसकी मदद कर सकता है लेकिन दुसरे मछुआरे ने साफ़ मना कर दिया.

कुछ ही देर में दुसरे मछुआरे के कांटे में भी एक बड़ी सी मछली फंस गयी. उसने दो टूक उस बड़ी मछली को देखा और फिर से नदी में फेंक दिया.

ये देख कर पहला मछुआरा बड़ा हैरान हुआ लेकिन उसने कुछ नहीं कहा. देखते ही देखते दुसरे मछुआरे के कांटे में कई बड़ी मछलियां फंसी लेकिन उसने उन सभी मछलियों को नदी में फेंक दिया. ये सब देख कर पहले मछुआरे से रहा नहीं गया और उसने उस दुसरे मछुआरे से पुछा “तुम्हारे कांटे में कई बड़ी और सुन्दर मछलियां फंसी थी लेकिन तुमने वो सभी नदी में फेंक दी, ऐसा क्यों?”

दुसरे मछुआरे ने जवाब दिया “वो सभी मछलियां बहुत बड़ी थी, मेरे पास उन्हें पकाने के लिए कोई बड़ा बर्तन नहीं है, इसलिए मैंने उन्हें नदी में फेंक दिया. मैं कोई छोटी मछली की तलाश में हूँ जो मेरे बर्तन में आसानी से आ जाए और जिसे मैं आसानी से पका सकू.”

उसका जवाब सुन पहला मछुआरा हंसा और उसे सलाह दी “दोस्त, अगर तुम्हारे पास बड़ा बर्तन नहीं है तो उस बड़ी मछली को काट कर तुम छोटे मर्तबान में पका सकते हो”

दोस्तों, हम में से ज़्यादातर लोग उस दुसरे मछुआरे की तरह ही है. एक बड़ा लक्ष्य हासिल करने की ज़िद्द में हम अपनी राह में आये छोटे छोटे मौके और अवसर को नज़रअंदाज़ कर देते है. ज़िन्दगी में मिला हर मौका हमें ख़ुशी से स्वीकार करना चाहिए और रास्ते खीजने चाहिए कि कैसे इस छोटे अवसर को बड़ी जीत में बदल सके.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *