निर्णय लें, लेकिन संभल कर

निर्णय लें, लेकिन संभल कर

निर्णय लें, लेकिन संभल कर Short Motivational Story:

 

आज ऑफिस में सुबह के समय बहुत खुशी का माहौल था। सभी लोग रंग बिरंगे गुब्बारों, फूलों और तरह तरह की खूबसूरत चीजों से पूरे ऑफिस को सजाने में लगे हुए थे।

दिल्ली के इस ऑफिस के एक अनुभवी बॉस का आज जन्मदिन था। सभी अपने बॉस के आने और उनके स्वागत की तैयारी में लगे हुए थे।

निशांत, जिसने एक महीने पहले ही ऑफिस ज्वाइन किया था, वह फूलों को ऑफिस के दरवाजे पर लगा रहा था। उसके पास में ही खड़ा रोहित, जो पिछले तीन महीने से ऑफिस में कार्य कर रहा था, वह दरवाजे को गुब्बारों से सजा रहा था।

आखिर सुबह के 10 बजे और जैसे ही बॉस ऑफिस पहुंचे तो सभी ने उन्हें उनके 51 वें जन्मदिन की बधाइयाँ दीं।

अपने कर्मचारियों द्वारा किये गए स्वागत से बॉस बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने इस खुशी को बढ़ाने के लिए अपने कर्मचारियों से कहा, “क्यों न हम सभी शाम को एक पार्टी रखें जो मेरे घर पर होगी। इस बहाने हम लोग ऑफिस की बिजी लाइफ से दूर एक साथ मिलकर अलग और अच्छा अनुभव ले सकेंगे।”

फिर क्या था, सभी ने हाँ कह दिया। ऑफिस में काम शुरू हो गया। सभी लोग जल्दी जल्दी कार्य करने लगे ताकि शाम को बॉस के घर बिना किसी पेंडिंग कार्य के पहुंच सकें।

इधर रोहित और निशांत का मन काम में नहीं लग रहा था। तभी रोहित के दिमाग में आया कि क्यों न अभी जाकर सर के पसंद की एक महंगी शर्ट लायी जाये और ऑफिस टाइम में ही सर को दी जाये।

इतना सोचते ही वह मार्केट गया और अपने बॉस के मनपसंद ब्रांड की शर्ट ले आया और ऑफिस आकर सीधे बॉस के केबिन में गया और बोला, “सर, मैं आपके लिए यह शर्ट लाया हूँ। आपके मनपसंद ब्रांड की है। सर, मैं चाहता हूँ कि आप इसे शाम को पार्टी में पहनें।” बॉस बहुत सुलझे हुए और अच्छे आदत के थे। उन्होंने वह शर्ट यह कहकर रख ली कि इसे शाम को पहन लुंगा।

इधर प्रशांत यह सब देख रहा था। उसके दिमाग में भी बॉस को इम्प्रेस करने के लिए एक विचार आया। वह तुरंत मार्केट गया और एक अच्छे ब्रांड की एक बहुत महंगी जैकेट ले आया और बॉस के केबिन में जाकर बोला, “सर, मैं आपके लिए यह जैकेट लाया हूँ। मेरी इच्छा है कि आप इसे शाम को पार्टी में पहनें।” बॉस ने वह जैकेट भी रख ली।

अब रोहित को भरोसा था कि बॉस मेरे द्वारा लायी हुई शर्ट पहनेंगे क्योंकि मैंने उनके पसंद के ब्रांड की शर्ट दी है और प्रशांत से पहले दी है। इधर प्रशांत को भी भरोसा था कि बॉस उसके द्वारा लायी हुई जैकेट पहनेंगे क्योंकि ज्यादा आकर्षक और महंगी है।

शाम का समय हुआ। सभी लोग बॉस के यहाँ पार्टी मनाने पहुंचे। रोहित और प्रशांत भी वहां मौजूद थे। तभी बॉस पार्टी में तैयार होकर आये।

लेकिन यह क्या? रोहित और प्रशांत को बिजली का झटका सा लगा। बॉस न तो रोहित की दी शर्ट पहन कर आये और न ही प्रशांत की दी हुई जैकेट पहन कर आये।

दोनों ने बॉस से इसका कारण पूछना चाहा लेकिन बॉस को मेहमानों के बीच घिरे होने के कारण उस समय नहीं पूछ पाए। लेकिन जब पार्टी समाप्त होने को थी और ज्यादातर लोग अपने घर चले गए तब दोनों बॉस के पास पहुंचे।

रोहित बोला, “क्या बात सर! आपने मेरे द्वारा दी गयी शर्ट नहीं पहनी?”

इस पर बॉस हँसे और बोले, “अब क्या बताऊँ! सबसे पहले तो मैंने तुम्हारे द्वारा दी गयी शर्ट ही पहनी थी लेकिन वह मेरे साइज से बड़ी निकली।”

इतने पर प्रशांत को न रुका गया और बोला, “तो सर आप मेरे द्वारा दी गयी जैकेट पहन लेते, मेरी बहुत इच्छा थी कि आप वह पहने।”

बॉस फिर हँसे और बोले, “शर्ट के बाद मैंने तुम्हारे द्वारा दी गयी जैकेट ही पहनी थी लेकिन करूँ मैं उसे पहन ही नहीं पाया।”

बॉस की इस बात पर रोहित और प्रशांत दोनों चौंकते हुए एक साथ बोले, “पहन क्यों नहीं पाए सर?”

तभी बॉस हंसकर बोले, “क्योंकि वह जैकेट मेरे नाप से छोटी थी। मुझे लगता है आप दोनों बहुत जल्दबाजी में यह लेकर आये थे!”

रोहित और प्रशांत दोनों को अपनी गलती का एहसास हो गया। उनके जल्दबाजी में लिए गए निर्णय की बजह से ऐसा हुआ था। दोनों ने बॉस से माफ़ी मांगी तथा कल शर्ट और जैकेट बदलकर सही साइज का लाने का वादा किया और घर लौट गए।

Moral :

यह जीवन हमारे द्वारा लिए गए निर्णयों का ही परिणाम है। जो Decisions हमने अतीत में लिए थे और परिणाम हमारी आज की लाइफ है और आज जो हम निर्णय लेंगे, उसी से हमारा भविष्य बनेगा।

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