समय का मूल्य | Hindi Learning

समय का मूल्य – Moral Short Story in Hindi :

 

राज दरबार में एक आदमी आया। उसने राजा से प्रार्थना की- ‘महाराज, मैं बहुत गरीब हूं। कृपया मुझे कुछ सोने के सिक्के दे दीजिए।’

राजा ने पूछा – ‘तुम कोई काम क्यों नहीं करते?’

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वह व्यक्ति बोला – “मुझे कोई काम नहीं देता। लोग मुझे आलसी कहते हैं।’

राजा ने कहा – ‘ठीक है खजाने से तुम जितना सोना ले जाना चाहो, ले जाओ। परन्तु ध्यान रखना-सूर्य डूबने के बाद खजाना बंद हो जाता है। इसलिए समय पर आ जाना।’

वह आदमी बहुत खुश हुआ। अगले दिन वह नास्ता कर खजाने की ओर चल दिया। रास्ते में उसे एक छायादार पेड़ मिला। घनी छाया देखकर वह वहाँ सो गया।

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दोपहर में जब नींद खुली तो उसने सोचा, शायद मैं ज्यादा देर सो गया था। खैर, कोई बात नहीं। शाम होने में अभी काफी समय बाकी है। वह उठ खड़ा हुआ।

रास्ते में मेला लगा हुआ था। उसने सोचा- क्यों न कुछ देर मेला देख लिया जाए। फिर खजाने के पास चला जाऊँगा। काफी देर तक मेले का आनंद लेता हुआ रहा।

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जब उसने देखा अब सूर्य डूबने ही वाला है, तो उसे राजा की चेतावनी याद आई। वह भाग कर खजाने के पास पहुंचा, लेकिन तब तक सूर्य डूब चुका था। सैनिकों ने उसे अंदर जाने से रोक दिया।

उन्होंने कहा- ‘तुमने देर करके अमीर बनने का एक बढ़िया मौका खो दिया।’

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वह व्यक्ति अपने घर लौट गया। उसे बहुत पछतावा हो रहा था। उसने तय किया कि वह जीवन में कभी आलस्य नहीं करेगा।

सीख ( Moral ) :-

” समय का पाबंद बने और कभी भी आलस्य न करें। “

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