क्लोरीन (Cl2) | बनाने की विधि | गुण | उपयोग

क्लोरीन (Cl2) | बनाने की विधि | गुण | उपयोग

क्लोरीन (Cl2) बनाने की विधि:

  • मैंगनीज डाइऑक्साइड की क्रिया सांद्र HCl से करने पर

MnO2 + 4HCl → MnCl2 + 2H2O + Cl2

  • KMnO4 को सांद्र HCl के साथ गर्म करने पर

2KMnO4 + 16HCl → 2KCl + 2MnCl2 + 8H2O + 5Cl2

  • डेकॉन विधि :

4HCl + O2 → 2H2O + 2Cl2

क्लोरीन (Cl2)के गुण :

  • यह हरे पीले रंग की तीक्ष्ण गंध युक्त गैस है
  • धातु तथा अधातु से क्रिया

2Na + Cl2 → 2NaCl

2Al + 3Cl2 → 2AlCl3

P4 + 6Cl2 → 4PCl3

S8 + 4Cl2 → 4S2Cl2

2Fe + 3Cl2 → 2FeCl2

  • हाइड्रोजन तथा उसके यौगिकों से क्रिया

H2 + Cl2 → 2HCl

अमोनिया से क्रिया

NH3 + HCl → NH4Cl

  • एक भाग सांद्र HNO3 तथा तीन भाग सांद्र HCl मिलकर अम्ल राज (एक्ता रेजिया) , इसमें कम क्रियाशील धातु जैसे Pe  तथा Au धूल जाती हैं
  • दुर्बल अम्ल के लवणों से क्रिया

Na2CO3 + 2HCl → 2NaCl + H2O + CO2

Na2SO3 + 2HCl → 2NaCl + H2O + SO2

NaHCO3 + HCl → NaCl + H2O + CO2

क्लोरीन (Cl2)के उपयोग :

  1. प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में
  2. धातुओं के निष्कर्षण में

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