UP Board Solutions for Class 6 Agricultural Science Chapter 2 भू परिष्करण

यहां हमने यूपी बोर्ड कक्षा 6वीं की कृषि विज्ञान एनसीईआरटी सॉल्यूशंस को दिया हैं। यह solutions स्टूडेंट के परीक्षा में बहुत सहायक होंगे | Student up board solutions for Class 6 Agricultural Science Chapter 2 भू परिष्करण pdf Download करे| up board solutions for Class 6 Agricultural Science Chapter 2 भू परिष्करण notes will help you. NCERT Solutions for Class 6 Agricultural Science Chapter 2 भू परिष्करण pdf download, up board solutions for Class 6 agricultural science.

यूपी बोर्ड कक्षा 6 agricultural science के सभी प्रश्न के उत्तर को विस्तार से समझाया गया है जिससे स्टूडेंट को आसानी से समझ आ जाये | सभी प्रश्न उत्तर Latest UP board Class 6 agricultural science syllabus के आधार पर बताये गए है | यह सोलूशन्स को हिंदी मेडिअम के स्टूडेंट्स को ध्यान में रख कर बनाये गए है |

अभ्यास

प्रश्न 1.
सही उत्तर पर सही का निशान लगाइए

(i) भू-परिष्करण कहते हैं –

(क) अनाज को बोरे में रखने को
(ख) फसलों की मड़ाई को
(ग) खेतों की जुताई को ✓
(घ) फसलों की कटाई को

(ii) भू-परिष्करण होता है –

(क) एक प्रकार का
(ख) दो प्रकार का ✓
(ग) तीन प्रकार का
(घ) चार प्रकार का

(iii) भू-परिष्करण का उद्देश्य होता है –

(क) मृदा में वायु संचार बढ़ाना ✓
(ख) मृदा में हानिकारक कीड़ों को बढ़ाना
(ग) मृदा कटाव बढ़ाना
(घ) मृदा में खरपतवारों को बढ़ाना

(iv) जुताई से होता है –

(क) बीजों का कम अंकुरण
(ख) मृदा में कार्बनिक पदार्थ की कमी
(ग) मिट्टी का कठोर होना
(घ) पानी सोखने की क्षमता का बढ़ना ✓

(v) ऋतुओं के अनुसार जुताई होती है –

(क) जनवरी की जुताई
(ख) जून की जुताई
(ग) गर्मी की जुताई ✓
(घ) सितम्बर की जुताई

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

(क) फावड़े से खेत की खुदाई होती है। (जुताई / खुदाई)
(ख) भू-परिष्करण भूमि की जुताई से होता है। (फसलों की कटाई / भूमि की जुताई)
(ग) द्वितीय भू-परिष्करण द्वारा मृदा की जल धारण क्षमता बढ़ती है। (बढती / घटती)
(घ) गर्मी की जुताई से खेत में खरपतवार घट जाते हैं। (घट / बढ़)

प्रश्न 3.
सही कथन के आगे सही (✓) और गलत के आगे गलत (✗) का निशान लगाइए –

(क) फूल एवं सब्जियाँ घरों में उगाई जाती हैं। (✗)
(ख) खुप से फसलों की निराई होती है। (✓)
(ग) पाटा चलाना द्वितीय भू-परिष्करण है। (✓)
(घ) भूमि में खाद मिलाना प्राथमिक भू-परिष्करण है। (✓)
(ङ) मृदा की जुताई करने से कणों के झुण्ड नहीं बनते हैं। (✗)

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में स्तम्भ ‘क’ का स्तम्भ ‘ख’ से सुमेल कीजिए – (सुमेल करके)
उत्तर :

UP Board Solutions for Class 6 Agricultural Science Chapter 2 भू परिष्करण 1
UP Board Solutions for Class 6 Agricultural Science Chapter 2 भू परिष्करण 1

प्रश्न 5.

(क) प्रारम्भिक भू-परिष्करण किसे कहते हैं?
(ख) मृदा में वायु संचार कैसे बढ़ायेंगे?
(ग) खेत में खरपतवार नष्ट करने के लिए क्या-क्या कार्य करेंगे?
(घ) गर्मी की जुताई का वर्णन कीजिए।

उत्तर :

(क) खेत की तैयारी से बीज बोने तक जितने भी कृषि कार्य किए जाते हैं, उन्हें प्रारम्भिक भू-परिष्करण कहते हैं।
(ख) मृदा में वायु संचार बढ़ाने के लिए खेतों की जुताई करना व पाटा चलाना पड़ता है जिससे मृदा कण आपस में मिल जाते हैं और मृदा में पर्याप्त रंध्रावकाशः बन जाते हैं जिससे वायु संचार होता है।
(ग) खरपतवार नष्ट करने के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए जिससे खरपतवारों की जड़े एवं कंद मृदा सतह पर आकर धूप एवं वायु से नष्ट हो सकें।
(घ) गर्मी की जुताई खरीफ की फसलों की बुवाई से पहले की जाती है। भीषण गर्मी के बाद गर्म आई मौसम आता है। इस समय वर्षा रुक-रुककर होती रहती है जो घास जमने को प्रोत्साहित करती है, यद्यपि फसलों को उगने के लिए उचित दशाएँ उपलब्ध नहीं होती।

प्रश्न 6.

  1. भू-परिष्करण की परिभाषा लिखिए एवं उसके प्रकार का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  2. भू-परिष्करण के उद्देश्य का वर्णन कीजिए।
  3. ऋतुओं के अनुसार जुताई का वर्णन कीजिए।
  4. जुताई से होने वाले लाभ लिखिए।

उत्तर :
(i) कृषि वैज्ञानिक वेयर के अनुसार “पौधों के अंकुरण तथा वृद्धि के लिए मृदा को उचित अवस्था प्रदान करने को भू-परिष्करण कहते हैं।” भू-परिष्करण दो प्रकार के होते हैं –

(क) प्रारम्भिक भू-परिष्करण
(ख) द्वितीय भू-परिष्करण।

(क) प्रारम्भिक भू-परिष्करण – खेत की तैयारी से बीज बोने तक जितने भी कृषि कार्य किए जाते हैं, उन्हें प्रारम्भिक भू-परिष्करण कहते हैं। जिसमें खेतों को जोतना, हैरो, कल्टीवेटर चलाना, पाटा चलाना, भूमि को समतल करना आता है।

(ख) द्वितीय भू-परिष्करण – बीज बोने के बाद से लेकर फसल कटने तक जितने भी कृषि कार्य किए जाते हैं, उन्हें द्वितीय भू-परिष्करण कहते हैं। जिसमें निराई-गुड़ाई, फसलों पर मिट्टी चढ़ाना आदि क्रियाओं को शामिल किया जाता है।

(i) भू-परिष्करण के उद्देश्य

(क) मृदा में जल धारण क्षमता को बढ़ाना
(ख) मृदा में वायु संचार बढ़ाना
(ग) मृदा कटाव को रोकना
(घ) खरपतवारों को नष्ट करना
(ङ) पौधों के कीट तथा रोगों की रोकथाम करना
(च) मृदा में जैविक पदार्थ को मिलाना

(ii) ऋतुओं के अनुसार जुताई तीन प्रकार की होती है

(क) गर्मी की जुताई
(ख) सर्दी की जुताई
(ग) दो ऋतुओं के मध्य की जुताई

(iii) जुताई से होने वाले लाभ

(क) मृदा में पानी सोखने की क्षमता बढ़ जाती है।
(ख) मृदा में जल और वायु का संचार बढ़ जाता है।
(ग) लाभदायक जन्तु एवं सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ जाती है।
(घ) बीजों का अंकुरण अच्छा होता है।
(ङ) मृदा भुरभुरी और मुलायम हो जाती है।
(च) खरपतवार नष्ट हो जाते हैं।
(छ) हानि पहुँचाने वाले कीट, पतंगे व उनके अंडे, बच्चे नष्ट हो जाते हैं।
(ज) मृदा में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है।
(झ) मृदा की भौतिक एवं रासायनिक दशाएँ सुधर जाती हैं।

प्रश्न 7.
अन्तःकर्षण क्रियाओं से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :
प्राथमिक एवं द्वितीयक भू-परिष्करण के बाद सफल-फसल उत्पादन हेतु बीज की बुआई के बाद फसल की कटाई तक किए जाने वाले विभिन्न कार्य अन्तःकर्षण कहलाते हैं। जैसे –

  1. पपड़ी तोड़ना
  2. गुड़ाई करना
  3. निराई करना
  4. मिट्टी चढ़ाना आदि।

प्रोजेक्ट कार्य –
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

————————————————————

All Chapter UP Board Solutions For Class 6 agricultural science

All Subject UP Board Solutions For Class 6 Hindi Medium

Remark:

हम उम्मीद रखते है कि यह UP Board Class 6 agricultural science NCERT Solutions in Hindi आपकी स्टडी में उपयोगी साबित हुए होंगे | अगर आप लोगो को इससे रिलेटेड कोई भी किसी भी प्रकार का डॉउट हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूंछ सकते है |

यदि इन नोट्स से आपको हेल्प मिली हो तो आप इन्हे अपने Classmates & Friends के साथ शेयर कर सकते है और HindiLearning.in को सोशल मीडिया में शेयर कर सकते है, जिससे हमारा मोटिवेशन बढ़ेगा और हम आप लोगो के लिए ऐसे ही और मैटेरियल अपलोड कर पाएंगे |

आपके भविष्य के लिए शुभकामनाएं!!

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *