Swar Sandhi in Hindi: हेलो स्टूडेंट्स, आज हम इस आर्टिकल में स्वर संधि किसे कहते है? (Swar Sandhi in Hindi) के बारे में पढ़ेंगे | यह हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसे हर एक विद्यार्थी को जानना जरूरी है |
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Swar Sandhi in Hindi
संधि का मतलब होता है ‘मेल’। जब दो वर्णों के परस्पर मेल से जो तीसरा विकार उत्पन्न होता है उसे संधि कहते हैं। संधि ध्वनियों का मेल होता है। जब दो शब्दों का मेल किया जाता है तो पहले शब्द के आखिरी अक्षर दूसरे शब्द के पहले अक्षर के बीच में परिवर्तन होता है।
स्वर संधि किसे कहते है?
दो स्वरों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है तो उसे स्वर संधि कहा जाता है।
जैसे – विद्या + आलय = विद्यालय।
स्वर संधि कितने प्रकार होती?
स्वर संधि पांच प्रकार की होती है।
दीर्घ संधि
जब दो सवर्ण मिलकर दीर्घ बन जाते हैं तो दीर्घ संधि कहलाता है। ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ के बाद यदि ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ आ जाएँ तो दोनों मिलकर आ, ई और ऊ हो जाते हैं।
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जैसे –
ई + ई = ई,
नदी + ईश = नदीश
मही + ईश = महीश
गुण संधि
जब अ और आ के बाद इ,ई या उ ,ऊ या ऋ आ जाये तो दोनों मिलकर ए ,ओ और अर हो जाते हैं। तो इस मेल को गुण संधि कहते हैं।
जैसे –
अ + इ = ए , योग + इंद्र = योगेंद्र
अ + ऋ = अर् , सप्त + ऋषि = सप्तर्षी
वृद्धि संधि
यदि अ, आ के बाद ए, ऐ से मेल होने पर ऐ तथा अ, आ का ओ, औ से मेल होने पर औ हो जाता है। इसे वृद्धि संधि कहते हैं।
जैसे –
अ + ऐ = ऐ ; हित + ऐषी = हितैषी
अ + ओ = औ ; महा + औषधि = महौषधि
यण संधि
यदि इ , ई या उ ,ऊ और ऋ के बाद कोई अलग स्वर आये तो इ और ई का ‘य्’ , उ और ऊ का ‘व्’ और ऋ का ‘र्’ हो जाता है तो उसे यण संधि कहते हैं।
जैसे –
ऋ + अ = र् + आ ; पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा
अयादि संधि
यदि ए, ऐ और ओ, औ के बाद जब कोई स्वर आ जाता है तब “ए” के साथ मिल कर अय्, ओ के साथ मिल कर “अव”, ऐ के साथ मिल कर आय, तथा औ के साथ मिल कर आव, बन जाता है। तो यह अयादि संधि कहलाती है।
जैसे-
ओ + अ = अव् + अ ; पो + अन = पवन
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