मापन की आवश्यकता

मापन की आवश्यकता :-

जैसे कोई बच्चा कहता है की मेरे पास रोहन की तुलना में कम खिलोने है , मैं रोहन से छोटा हूँ , मेरा वजन रोहन से कम है , इसका तात्पर्य यह हुआ की रोहन के पास खिलोनों की संख्या ज्यादा है , रोहन की लम्बाई भी ज्यादा है , तथा रोहन में तुलनात्मक अधिक वजन है।  यहाँ आकडे साफ़ नहीं है की दोनों में कितना अंतर है।

आंकड़ों को साफ़ करने का काम ही भौतिक विज्ञान करता है , भौतिकी की सहायता से ही वजन तौलने की मशीन बनी है जिसमें हम दोनों बच्चो को तोलकर यह बता सकते है की दोनों के वजन में कितना अंतर है जिससे हमें साफ़ आँकड़े प्राप्त होते है। मापन का हमारे दैनिक जीवन में बहुत अधिक महत्व है , बिना मापन के कुछ भी करना नामुमकिन है। कार्य होगा लेकिन कितना हुआ ये पता नही होगा , चीनी हमने ले ली , लेकिन कितनी चीनी ली ये पता नही। हमारा वाहन चल रहा है पर किस गति से चल रहा है पता नहीं।

हम कुछ दूरी चल चुके है लेकिन बिना मापन के ये बता पाना मुश्किल है की हम कितनी दूरी तय कर चुके है और कितनी करनी बाकी है।अत: मापन की आवश्यकता को नकारा नहीं जा सकता है।हमने मापन पद्धति में काफी विकास किया है , बहुत हद तक हम वस्तुओं का मापन शुद्धता से कर पाते है और यह भौतिकी की सहायता से मुमकिन हो पाया है।  लेकिन अभी भी हमे और शुद्धता की आवश्यकता है।

क्योंकि जब हमें वाहन से दूरी मापनी होती है तो हम किलोमीटर में तथा समय सेकंड में मापते है जो आसन है और शुद्धता से प्राप्त हो जाता है और त्रुटि बहुत कम होती है। लेकिन जब परमाणु की त्रिज्या आदि का मापन किया जाता है तो यहाँ मापन 10-15 मीटर तथा समय 10-6 सेकंड में मापा जाता है , इस मापन में छोटी सी त्रुटि भी बहुत अधिक नुकसान देती है क्योंकि राशियाँ बहुत छोटी स्केल की है। अतः दिन प्रतिदिन मापन की पद्धतियों में सुधार की कोशिश की जा रही है जिससे छोटी राशियाँ भी आसानी से और बिना त्रुटि के मापी जा सके।

उदाहरण :– जैसा की हम जानते है की भौतिकी में प्रकृति में हो रही परिघटनाओं का अध्ययन किया जाता है , मापन की सहायता से ही हर परिघटना का अनुमान लगाया जाता है इसके लिए विभिन्न प्रकार की राशियाँ , सूत्र , समीकरण तथा अन्य के साथ सम्बन्ध आदि का उपयोग किया जाता है।  जैसे बारिश के आने का पता लगाना होता है तो विभिन्न प्रकार की तकनिकी में इन सभी सूत्रों के आधार पर उपकरण लगाये गए है जो हमें अब बारिश की जानकरी दे सकते है अर्थात बरसात आने में लगभग कितना समय लग सकता है इसका अनुमान लगा सकते है।

प्रकृति में घटित हो रही विभिन्न घटनाओं की व्याख्या तथा उनके लिए सूत्र या समीकरण की स्थापना भी मापन की सहायता से दी जाती है , जैसे लिफ्ट के ऊपर नीचे जाने से मनुष्य के भार में कमी या अधिकता के लिए सूत्र स्थापित करने के लिए पहले अध्ययन करना पड़ता है की कब , कितना वजन होता है और उसके आधार पर सूत्र या समीकरण दिया जाता है इसमें भी मापन का प्रयोग किया जाता है।

Remark:

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