Relation and Function in Hindi | सम्बन्ध और फलन | डोमेन एवं परिसर | प्रतिलोम सम्बन्ध

संबंध और फलन किसे कहते हैं(relation and function in hindi) :

जब भी हम दो वस्तुओं की तुलना करते है तो हम उनके मध्य एक सम्बन्ध स्थापित करते है। उदाहरण के लिए जब हम कहते है कि एक लड़का दुसरे लड़के का भाई है तो हम यहाँ सम्बन्ध “भाई” को परिभाषित करते है।

इसी तरह जब हम कहते है कि राम की लम्बाई श्याम की लम्बाई से अधिक है तो यह राम व श्याम के मध्य एक सम्बन्ध दर्शाता है।

इसी तरह भारत की राजधानी नई दिल्ली है , इसमें दो स्थानों के बीच सम्बन्ध दर्शाया गया है।

संख्या 99 , संख्या 66 से बड़ी है , इसमें दो संखाओ के मध्य सम्बन्ध दर्शाया गया है। अगर इसे और विस्तार से देखे तो इसमें दो संखाएँ है 99 व 66 जिसमे सम्बन्ध “दूसरी से बड़ी” है।

व्यापक रूप से यदि (a , b) एक क्रमित युग्म है और इसके अवयव a एवं b है , ये दोनों अवयव किसी सम्बन्ध R से जुड़े है तो हम इस तथ्य को aRbद्वारा लिखते है। इसे a सम्बन्ध b पढ़ा जाता है।

किसी समुच्चय में सम्बन्ध :

किसी भी समुच्चय A पर कोई सम्बन्ध R , A X A का उपसमुच्चय होता है।

अब हम दो समुच्चयो में सम्बन्ध की चर्चा करते है –

माना A = {1 , 8 ,27} एवं B = {1 , 2 , 3} दो समुच्चय है तब

AxB = {(1,1) , (1 ,2) , (1,3) , (8,1) , (8,2) , (8,3) , (27,1) , (27,2) , (27,3)}

अब A से B में कोई सम्बन्ध इस प्रकार पाया जाता है (x , y) ϵ R , जहाँ x = y2 {x ϵ A , y ϵ B} अर्थात क्रमित युग्म (x , y) में

प्रथम अवयव = (द्वितीय अवयव)2

तो R = {(1,1) , (8,2) , (27,3)}

स्पष्ट है कि R ⊆ A x B

परिभाषा : समुच्चय A से समुच्चय B में कोई सम्बन्ध R , A x B का उपसमुच्चय होता है अर्थात  R ⊆ A x B

सम्बन्ध का डोमेन एवं परिसर (domain and range of a relation)

डोमेन :

यदि R , A समुच्चय से B समुच्चय में एक सम्बन्ध है अर्थात R ⊆ A x B तो डोमेन : R के क्रमित युग्मो के सभी प्रथम अवयवों का समुच्चय डोमेन या Dom (R) कहलाता है , अर्थात डॉम (R) = {x : x ∈ A तथा (x,y) ∈ R }

परिसर : R के क्रमित युग्मों के सभी द्वितीय अवयवों का समुच्चय परिसर या रेंज (R) कहलाता है।

अर्थात परिसर या रेंज (R) = {y : y ∈ B तथा (x , y) ∈ R}

टिप्पणी :

Dom (R) में A समुच्चय के वे ही अवयव होंगे जो R सम्बन्ध द्वारा B समुच्चय के अवयवों से सम्बन्धित है। ठीक इसी प्रकार परिसर (रेंज) R में B के वे ही अवयव होंगे जो R द्वारा A के अवयवों से समन्धित है।

अत: स्पष्ट है कि Dom (R) ⊆ A एवं परिसर (R) ⊆ B

उदाहरण : यदि A = {1 , 2 , 3}तथा B = {a , b ,c} , यदि A से B में कोई सम्बन्ध R = {(1 ,a) , (2,b) , (3,c)} हो , तो

डोमेन (R) = {1,2,3} या डोमेन (R) ⊆ A एवं परिसर (R) = {a,b,c} , परिसर (रेंज) (R) ⊆ B

प्रतिलोम सम्बन्ध (Inverse Relation in hindi)

माना R , A से B में एक सम्बन्ध है , जहाँ R = {(x,y) : x∈A , y∈B} तो सम्बन्ध R का प्रतिलोम सम्बन्ध वह समुच्चय होता है जो सम्बन्ध R के प्रत्येक क्रमित युग्म के अवयवों को परस्पर बदल देने पर प्राप्त होता है , प्रतिलोम सम्बन्ध R-1 से निरुपित किया जाता है।

अत: R-1 = {(y,x) : y ∈ B , x ∈ A तथा (x , y) ∈ R }

इस प्रकार (x , y) ∈ R <=> (y , x) ∈ R-1

अत: इस प्रकार स्पष्ट है कि परिसर (रेंज) R-1 = डोमेन R एवं डोमेन R-1 = परिसर R

उदाहरण : (1) A = {a , b , c} और B = {1 , 2 , 3} में यदि R = {(a , 1) , (a,3) , (b,3) , (c , 3)}

तो R-1 = {(1 ,a) , (3 ,a) , (3 ,b) , (3 ,C)}

(2) समुच्चय N x N पर सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित है कि R {(x,y)∈ N xN : y = x+1 }

तो प्रतिलोम सम्बन्ध R-1 = {(y ,x)∈ N x N : x = y-1 }

(3) यदि xRy का अर्थ है x,y का वर्ग है तो yR-1x का अर्थ y , x वर्गमूल होगा।

(4) यदि xRy का अर्थ है x > y है तो yR-1x का अर्थ y < x होगा।

(5) यदि xRy का अर्थ x , y का पिता है तो yR-1x का अर्थ y , x का पुत्र हुआ।

प्रमेय (Theorem) :

सिद्ध कीजिये कि किसी प्रतिलोम का प्रतिलोम दिया हुआ मूल सम्बन्ध ही होता है अर्थात (R-1)-1 = R

उत्पत्ति : माना R , A x B में कोई सम्बन्ध है।

अत: R = {(x,y) : x ∈ A , y ∈ B}

तो R-1 = {(y,x) : y ∈ B , x ∈ A}

पुन: इस R-1 का प्रतिलोम करने पर अर्थात (R-1)-1

(R-1)-1 = {(x , y) : x ∈ A , y ∈ B} अत: यह मूल सम्बन्ध R के समान है अत: किसी प्रतिलोम का प्रतिलोम दिया हुआ मूल सम्बन्ध ही होता है अर्थात (R-1)-1 = R

Remark:

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