RBSE Solutions for Class 8 Social Science Chapter 10 सामाजिक न्याय

हेलो स्टूडेंट्स, यहां हमने राजस्थान बोर्ड Class 8 Social Science Chapter 10 सामाजिक न्याय सॉल्यूशंस को दिया हैं। यह solutions स्टूडेंट के परीक्षा में बहुत सहायक होंगे | Student RBSE Solutions for Class 8 Social Science Chapter 10 सामाजिक न्याय pdf Download करे| RBSE Solutions for Class 8 Social Science Chapter 10 सामाजिक न्याय notes will help you.

BoardRBSE
TextbookSIERT, Rajasthan
ClassClass 8
SubjectSocial Science
ChapterChapter 10
Chapter Nameसामाजिक न्याय
Number of Questions Solved34
CategoryRBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Chapter 10 सामाजिक न्याय

पाठगत प्रश्न

(पृष्ठ 81)
प्रश्न 1.
क्या आपने कभी अपने सामाजिक परिवेश में पूर्वाग्रहपूर्ण व्यवहार देखे हैं? यदि हाँ तो उनकी सूची बताइए।
उत्तर:
हाँ, हमने निम्नलिखित पूर्वाग्रहपूर्ण व्यवहार देखे हैं-

  1. कोई बीमारी होने पर डॉक्टर को दिखाने की बजाय झाड़-फेंक करवाना।
  2. लड़कियों को पढ़ाई के काबिल न समझना।
  3. महिलाओं की दुनिया केवल घर की देहली तक ही समझना।
  4. बेटी-बेटे में बेटे को तवज्जो देना।
  5. दलितों को केवल निम्न कार्यों के लिए ही योग्य समझना।
  6. किसी जाति अथवा लोगों को अपराधी मानना।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए
(A) समाज में आर्थिक असमानता का प्रमुख कारण है-
(अ) परिश्रम का अन्तर
(ब) योग्यता का अन्तर
(स) अवसरों की असमानता
(द) प्रयासों को अन्तर
उत्तर:
(स) अवसरों की असमानता

(B) अवसरों की असमानता के पीछे प्रमुख कारण है
अ) पूर्वाग्रह
(ब) रूढ़िबद्धता
(स) भेदभाव
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(स) भेदभाव

(C) सामाजिक परिवर्तन लाने की जिम्मेदारी है-
(अ) व्यक्ति की
(ब) समाज की
(स) सरकार की
(द) उपर्युक्त सभी की
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी की

प्रश्न 2.
स्तम्भ’अ’ को स्तम्भ ‘ब’ से सुमेलित कीजिएस्तम्भ ‘अ’ स्तम्भ ‘ब’

स्तम्भ ‘अ’स्तम्भ ‘ब’
(i) वंचित वर्ग की जातियाँअन्य पिछड़ा वर्ग
(ii) आदिवासी जातियाँअल्पसंख्यक
(iii) सामाजिक, आर्थिक व शैक्षिक रूप से पिछड़ी अन्य जातियाँअनुसूचित जनजाति
(iv) जनसंख्या में धार्मिक व भाषायी रूप से छोटा समूह।अनुसूचित जाति

उत्तर:

स्तम्भ ‘अ’स्तम्भ ‘ब’
(i) वंचित वर्ग की जातियाँअनुसूचित जाति
(ii) आदिवासी जातियाँअनुसूचित जनजाति
(iii) सामाजिक, आर्थिक व शैक्षिक रूप से पिछड़ी अन्य जातियाँअन्य पिछड़ा वर्ग
(iv) जनसंख्या में धार्मिक व भाषायी रूप से छोटा समूह।अल्पसंख्यक

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. ……जाति प्रथा का अतिवादी रूप है।
2. अपरिवर्तनीय, कठोर और रूढ़िबद्ध धारणाओं को….कहते हैं।
3. विश्व के 80 प्रतिशत गरीब लोग केवल…प्रतिशत संसाधनों के सहारे अपना जीवन बिताते हैं।
उत्तर:
1. अस्पृश्यता
2. पूर्वाग्रह
3. बीस

प्रश्न 4.
समाज में आर्थिक असमानता के प्रमुख कारणों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
समाज में आर्थिक असमानता के प्रमुख कारण ये

  1. धन-सम्पदा, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं शक्ति जैसे मूल्यवान संसाधनों का विभिन्न वर्गों में असमान रूप से बंटा होना।
  2. समाज के कुछ वर्ग कई पीढ़ियों से साधनहीन तथा गरीब हैं तो कुछ साधन-सम्पन्न तथा अमीर हैं।
  3. समाज में अवसरों की असमानता।

प्रश्न 5.
सामाजिक बहिष्कार क्या है? इसके क्या प्रभाव होते हैं?
उत्तर:
सामाजिक बहिष्कार – सामाजिक बहिष्कार वे तौर तरीके हैं जिनके जरिये किसी व्यक्ति या समूह को समाज में पूरी तरह से घुलने-मिलने से रोका जाता है। ये तौरतरीके व्यक्ति या समूह को उन अवसरों से वंचित करते हैं, जो अन्य व्यक्ति या समूहों के लिए खुले होते हैं। इस प्रकार उस व्यक्ति या समूह को समाज में हाशिये पर धकेल दिया जाता है। सामाजिक बहिष्कार के प्रभाव-सामाजिक बहिष्कार की स्थिति में जहाँ एक ओर उन व्यक्तियों को व्यक्तित्व के विकास के अवसर नहीं मिल पाते हैं, तो दूसरी ओर समाज उनकी प्रतिभा के लाभ से वंचित रह जाता है।

प्रश्न 6.
भारत में सामाजिक असमानता से ग्रस्त वर्गों की जानकारी दीजिए।
उत्तर:
भारत में सामाजिक असमानता से ग्रस्त वर्ग भारत में सामाजिक असमानता से ग्रस्त वर्ग निम्नलिखित हैं-

  1. जातीय वर्ग – भारत में जाति प्रथा का जो स्वरूप प्रचलित है, वह कुछ वर्गों के लिए अपमानजनक, बहिष्कारी तथा शोषणकारी है। अस्पृश्यता इसका अतिवादी रूप है। जाति व्यवस्था व्यक्तियों का उनके व्यवसाय तथा प्रस्थिति के आधार पर वर्गीकरण करती है, यद्यपि अब व्यवसाय परिवर्तन के बन्धन ढीले हो गये हैं।
  2. महिलाओं के प्रति हिंसा व भेदभाव – पुरुष प्रधान समाज में स्त्रियाँ अवसर की असमानता की शिकार रही हैं। इसी कारण वे हिंसा व भेदभाव की शिकार रही हैं।
  3. अन्यथा सक्षम व्यक्ति – अन्यथा सक्षम व्यक्तियों को भी समाज में संघर्ष करना पड़ता है, क्योंकि समाज कुछ इस रीति से बना है कि वह उनकी जरूरतों को पूरा नहीं करता।
  4. धार्मिक व भाषायी अल्पसंख्यक – भारत सहित पूरे विश्व में धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव की खबरें भी यदा-कदा मिलती हैं।
  5. हाशिये पर स्थापित लोग – सभी तबकों के आर्थिक रूप से पिछड़े लोग भी हाशिये पर होते हैं।

प्रश्न 7.
सामाजिक न्याय की स्थापना हेतु सरकार द्वारा किये गये प्रयासों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सामाजिक न्याय की स्थापना हेतु सरकार के प्रयास सामाजिक न्याय की स्थापना हेतु सरकार द्वारा निम्नलिखित प्रयास किये गये हैं।
1. तीन तरह की सूचियाँ – भारत सरकार ने देश में वंचित और पिछड़े समुदायों की पहचान कर तीन प्रकार की सूचियाँ बनायी हैं।

  • अनुसूचित जाति
  • अनुसूचित जनजाति तथा
  • अन्य पिछड़ा वर्ग की। इन वर्गों को विशेष बर्ताव का पात्र माना गया है।

2. आरक्षण के प्रावधान – केन्द्रीय व राज्यों के विधान मण्डलों में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए तथा स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग तथा महिलाओं के लिए भी कुछ स्थान निर्धारित कर दिये गये हैं। साथ ही इनके लिए सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थाओं में भी स्थान आरक्षित कर दिये गये हैं। इसी सिद्धान्त को सरकार के अन्य विकास कार्यक्रमों और योजनाओं पर भी लागू किया गया है।

3. कानून निर्माण – समाज में जातीय भेदभाव व अस्पृश्यता को समाप्त करने व इन्हें रोकने के लिए कानून बनाए गए हैं। स्त्रियों के विरुद्ध घरेलू हिंसा और छेड़छाड़ की रोकथाम के लिए भी कानून बनाकर दण्डात्मक प्रावधान किये गये हैं। बाल श्रम को गैर-कानूनी घोषित कर प्रारम्भिक शिक्षा को अनिवार्य व निःशुल्क कर दिया गया है।

4. अन्य प्रयास – विशेष योग्यजनों के लिए भी नौकरियों में स्थान आरक्षित किए गए हैं और उनके कल्याण के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। भाषायी व धार्मिक अल्पसंख्यकों को अपनी विशिष्ट संस्कृति, भाषा व लिपि को बनाए रखने का संवैधानिक अधिकार है।

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

बहुविकल्पात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सामाजिक न्याय के विरुद्ध है-
(अ) हाशियाकरण
(ब) विशेष अवसर का सिद्धान्त
(स) आरक्षण की व्यवस्था
(द) लोककल्याणकारी राज्य
उत्तर:
(अ) हाशियाकरण

प्रश्न 2.
विश्व के 20 प्रतिशत धनी लोग दुनिया के कितने प्रतिशत संसाधनों के मालिक हैं
(अ) 20 प्रतिशत
(ब) 40 प्रतिशत
(स) 50 प्रतिशत
(द) 80 प्रतिशत
उत्तर:
(द) 80 प्रतिशत

प्रश्न 3.
समाज में गरीब अथवा वंचित इसलिए होते हैं क्योंकि
(अ) उनमें योग्यता नहीं होती
(ब) वे अपनी स्थिति को सुधारने के लिए परिश्रम नहीं करते
(स) उन्हें अवसरों की समानता नहीं मिलती
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(स) उन्हें अवसरों की समानता नहीं मिलती

प्रश्न 4.
आर्थिक न्याय का अभिप्राय है-
(अ) कानून की नजर में सभी समान हों।
(ब) सभी के लिए अवसरों की समानता हो।
(स) सभी को सम्मानपूर्वक जीने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध हों
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(स) सभी को सम्मानपूर्वक जीने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध हों

प्रश्न 5.
भारत में कुछ जातियों को जरायम पेशा जातियाँ घोषित कर दिया गया था|
(अ) मुगल शासन काल में
(ब) ब्रिटिश शासन काल में
(स) स्वतन्त्र भारत में
(द) प्राचीन भारत में
उत्तर:
(ब) ब्रिटिश शासन काल में

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. …………असमानता के जरिये किसी व्यक्ति या समूह को समाज में पूरी तरह से घुलने-मिलने से रोका जाता है। (सामाजिक/आर्थिक)
2. ……………के खिलाफ हिंसा व भेदभाव की खबरें हम आए दिन पढ़ते रहते हैं। (पुरुषों/महिलाओं)
3. समाज में जो सुविधाएँ और अवसर हम अपने लिए चाहते हैं, वही दूसरों को भी दें, यही……………..है। (सामाजिक न्याय/आर्थिक न्याय)
4. ………….में अन्य पिछड़ा वर्ग तथा स्त्रियों के लिए भी कुछ सीटें आरक्षित की गई हैं। (विधानसभाओं/स्थानीय निकायों)
5. भारत सरकार ने देश में वंचित व पिछड़े समुदायों की पहचान कर…………….तरह की सूचियाँ बना रखी हैं। (दो/तीन)
उत्तर:
1. सामाजिक
2. महिलाओं
3. सामाजिक न्याय
4. स्थानीय निकायों
5. तीन

निम्नलिखित में सत्य/असत्य कथन छाँटिए
1. विशेष योग्य जनों के लिए भी नौकरियों में स्थान आरक्षित |किये गये हैं।
2. समाज में गरीब अथवा वंचित इसलिए होते हैं कि उनमें योग्यता नहीं होती।
3. समाज में अवसरों की असमानता सामाजिक असमानता के लिए जिम्मेदार है।
4. पूर्वाग्रह एक परिवर्तनशील धारणा है।
5. सभी तबकों के आर्थिक रूप से पिछड़े लोग भी समाज में हाशिये पर होते हैं।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य
3. सत्य
4. असत्य
5. सत्य

स्तम्भ ‘अ’ को स्तम्भ ‘ब’ से सुमेलित कीजिएप्रश्न
प्रश्न 1.

स्तम्भ ‘अ’स्तम्भ ‘ब’
(i) सामाजिक न्यायसंसाधनों के वितरण में हकदारी
(ii) राजनीतिक न्यायसमाज के किसी समूह विशेष की उपेक्षा
(iii) आर्थिक न्यायराजनीतिक प्रक्रिया में सहभागिता के समान अवसर
(iv) हाशियाकरणसमाज का समतामूलक संगठन

उत्तर:

स्तम्भ ‘अ’स्तम्भ ‘ब’
(i) सामाजिक न्यायसमाज का समतामूलक संगठन
(ii) राजनीतिक न्यायराजनीतिक प्रक्रिया में सहभागिता के समान अवसर
(iii) आर्थिक न्यायसंसाधनों के वितरण में हकदारी
(iv) हाशियाकरणसमाज के किसी समूह विशेष की उपेक्षा

प्रश्न 2.

स्तम्भ ‘अ’स्तम्भ ‘ब’
(i) अस्पृश्यताजनसंख्या में धार्मिक व भाषायी रूप से छोटा समूह
(ii) हाशियाछुआछूत
(iii) अल्पसंख्यकतथ्यों को बिना जाँचे-परखे बनाई गई धारणा
(iv) पूर्वाग्रहमुख्यधारा से अलग-थलग

उत्तर:

स्तम्भ ‘अ’स्तम्भ ‘ब’
(i) अस्पृश्यताछुआछूत
(ii) हाशियामुख्यधारा से अलग-थलग
(iii) अल्पसंख्यकजनसंख्या में धार्मिक व भाषायी रूप से छोटा समूह
(iv) पूर्वाग्रहतथ्यों को बिना जाँचे-परखे बनाई गई धारणा

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अपने सामाजिक परिवेश में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किन-किन पूर्वाग्रहों को दूर करने की आवश्यकता है?
उत्तर:
इसके लिए निम्न पूर्वाग्रहों को दूर करने की आवश्यकता है

  1. बेटी को बोझ मानना
  2. लड़की पढ़कर क्या करेगी, लड़की को तो सिर्फ चौका-चूल्हा करना है।
  3. लड़का-लड़की में अन्तर करना
  4. बेटी तो पराया धन है।

प्रश्न 2.
हाशियायी समूह से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
हाशियायी समूह समाज की मुख्यधारा से अलगथलग समाज का वह भाग है जो सत्ता और संसाधनों की पहुँच से दूर है

प्रश्न 3.
आर्थिक न्याय से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
आर्थिक न्याय से अभिप्राय है संसाधनों के वितरण में असमानता न हो।

प्रश्न 4.
सामाजिक असमानता सामाजिक क्यों है?
उत्तर:
सामाजिक असमानता सामाजिक है क्योंकि यह समाज द्वारा उत्पन्न की जाती है।

प्रश्न 5.
सामाजिक बहिष्कार से क्या आशय है?
उत्तर:
सामाजिक बहिष्कार वे तौर-तरीके हैं जिनके जरिये किसी व्यक्ति या समूह को समाज में पूरी तरह से घुलने- मिलने से रोका जाता है। उन्हें समाज में हाशिये पर रखा जाता है।

प्रश्न 6.
सामाजिक असमानता से समाज की क्या हानि है?
उत्तर:
सामाजिक असमानता के कारण समाज ऐसे लोगों की प्रतिभा के लाभ से वंचित रह जाता है।

प्रश्न 7.
अनुसूचित जाति की सूची में कौनसी जातियाँ सम्मिलित की गई हैं?
उत्तर:
अनुसूचित जाति की सूची में समाज की वंचित वर्ग की अति निम्न समझी जाने वाली जातियाँ सम्मिलित की गई हैं।

प्रश्न 8.
सामाजिक न्याय को समझाइये।
उत्तर:
समाज में जो सुविधाएँ और अवसर हम अपने लिए चाहते हैं, वही दूसरों को भी दें, यही सामाजिक न्याय है।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
समाज में अमीरी और गरीबी क्यों होती है?
उत्तर:
विश्व के सभी समाजों में कुछ लोग ऐसे होते हैं। जिनके पास धन-सम्पदा, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं शक्ति जैसे मूल्यवान संसाधन समाज के अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक होते हैं। ये संसाधन समाज के विभिन्न वर्गों में असमान रूप से बँटे होते हैं। इस कारण समाज में अमीरी और गरीबी होती है।

प्रश्न 2.
किस विचारधारा के अन्तर्गत गरीबों को ही उनकी ‘गरीबी के लिए दोषी ठहराया जाता है?
उत्तर:
कुछ लोग यह विचारधारा रखते हैं कि समाज में गरीब अथवा वंचित इसलिए होते हैं कि उनमें या तो योग्यता नहीं होती है या फिर वे अपनी स्थिति को सुधारने के लिए परिश्रम नहीं करते। इसी कारण वे गरीब बने हुए हैं। कुछ भाग्यवादी लोग इस स्थिति को उनके पूर्व जन्म के बुरे कर्मों का फल करार देते हैं।

प्रश्न 3.
पूर्वाग्रह से क्या आशय है ? समझाइये।
उत्तर:
पूर्वाग्रह – पूर्वाग्रह एक ऐसी धारणा है जो बिना विषय को जाने, बिना उसके तथ्यों की जाँच-परख किए, केवल सुनी-सुनाई बातों पर आधारित होती है। पूर्वाग्रह से ग्रसित व्यक्ति नई जानकारी प्राप्त हो जाने के बावजूद अपनी पूर्व कल्पित धारणा को बदलने से इंकार करते हैं।

प्रश्न 4.
व्यक्तिगत प्रयास एवं योग्यता सम्बन्धी अभावों को सामाजिक असमानता के लिए कब जिम्मेदार ठहराया जा सकता है?
उत्तर:
जब अन्य पहलू बराबर हों, तब व्यक्तिगत प्रयास एवं योग्यता सम्बन्धी अभावों को गरीबी-अमीरी जैसी असमानता के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। लेकिन समाज में विद्यमान अवसरों की असमानता समाज में हाशिये पर रह रहे व्यक्तियों के परिश्रम और योग्यता को निरर्थक कर देती है।

प्रश्न 5.
रूढिबद्धता क्या है?
उत्तर:
रूढ़िबद्धता पूर्वाग्रह से ग्रस्त वह धारणा है जो पूरे समूह को एकसमान श्रेणी में स्थापित कर देती है। रूढ़िबद्ध समाज में लोग दूसरे सामाजिक समूहों के बारे में ऐसे पूर्वाग्रहों से ग्रस्त होते हैं जो अपरिवर्तनीय एवं कठोर होते हैं। उदाहरण के लिए भारत में ब्रिटिश शासन काल में कुछ जातियों को जरायमपेशा जातियाँ घोषित कर दिया गया था। ऐसी पूरी जाति को अपराधियों का समूह मानकर उन पर कई प्रकार की पाबन्दियाँ लगा दी गई थीं।

प्रश्न 6.
भेदभाव क्या है?
उत्तर:
भेदभाव – भेदभाव दूसरे समूह या व्यक्ति के प्रति किया गया ऐसा व्यवहार है जिसके तहत एक समूह के सदस्य उन अवसरों के लिए अयोग्य करार दिये जाते हैं जो दूसरों के लिए खुले होते हैं।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सामाजिक असमानता सामाजिक है, न कि आर्थिक या व्यक्तिगत प्रयास एवं योग्यता का अभाव। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
1. सामाजिक असमानता व्यक्तिगत प्रयास एवं योग्यता का अभाव नहीं है – व्यक्तिगत प्रयासों की कमी और योग्यता (दक्षता) की कमी तभी सामाजिक असमानता का कारक हो सकते हैं, जब समाज में विद्यमान अवसरों की समानता हो। समाज में विद्यमान अवसरों की असमानता समाज में हाशिये पर मौजूद व्यक्तियों के परिश्रम और योग्यता को निरर्थक कर देते हैं।

2. सामाजिक असमानता आर्थिक नहीं है यद्यपि आर्थिक और सामाजिक असमानताओं में एक मजबूत सम्बन्ध होता है। समाज में हाशिये पर व्यक्ति ही सबसे गरीब होते हैं, तथापि सामाजिक असमानता आर्थिक नहीं है।

3. सामाजिक असमानता सामाजिक है – सामाजिक असमानता सामाजिक बहिष्कार है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति या समूह को समाज में पूरी तरह से घुलने मिलने से रोका जाता है, उन्हें समाज में हाशिये पर रखा जाता है। ये तौर| तरीके व्यक्ति या समूह को उन अवसरों से वंचित करते हैं। जो अन्य व्यक्ति या समूहों के लिए खुले होते हैं। इस प्रकार उस व्यक्ति या समूह को समाज में हाशिये पर धकेल दिया जाता है। लम्बे समय तक इस स्थिति में रहने पर वह व्यक्ति या समूह अन्ततः अपनी नियति मान लेते हैं और वे समाज की मुख्य धारा में सम्मिलित होने का प्रयास बंद कर देते हैं। सामाजिक बहिष्कार के कारण सामाजिक पूर्वाग्रह, रूढिबद्धता और सामाजिक भेदभाव सामजिक असमानता को स्थायित्व प्रदान करते हैं।

प्रश्न 2.
‘कठिन परिश्रम करने के बावजूद वंचित लोग अपनी स्थिति क्यों सुधार नहीं पाते हैं?’ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विश्व के सभी समाजों में कुछ लोग ऐसे होते हैं। जिनके पास धन-सम्पदा, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं शक्ति जैसे संसाधन समाज के अन्य लोगों की अपेक्षा नगण्य होते हैं। ये समाज के गरीब यो वंचित लोग होते हैं। ये लोग न तो योग्यता में कमजोर होते हैं और न कठोर परिश्रम करने से कतराते हैं। बल्कि ये लोग अपने जीवनयापन के लिए कठोर परिश्रम करते हैं। इसके बावजूद इन लोगों की स्थिति में सुधार नहीं आ पाता है। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित

  1. समाज में विद्यमान अवसरों की असमानता समाज में हाशिये पर मौजूद व्यक्तियों के परिश्रम और योग्यता को निरर्थक कर देती है।
  2. समाज में अधिकार सम्पन्न लोग दूसरों को अयोग्य घोषित करते हुए उन्हें अवसरों से वंचित कर देते हैं। इस प्रकार समाज द्वारा उत्पन्न सामाजिक असमानता पीढ़ी-दरपीढ़ी कायम रहती है। यह सामाजिक बहिष्कार है जो उन्हें समाज में हाशिये पर रखता है।
  3. समाज के पूर्वाग्रह, समाज की रूढिबद्धता और सामाजिक भेदभाव मिलकर एक समूह के सदस्यों को उन अवसरों के लिए अयोग्य ठहरा देते हैं जो दूसरों के लिए खुले होते हैं। यही कारण है कि उचित अवसरों के अभाव में कठिन परिश्रम करने के बावजूद हाशिये पर स्थित वंचित लोग अपनी प्रस्थिति नहीं सुधार पाते हैं।

All Chapter RBSE Solutions For Class 8 Social Science Hindi Medium

All Subject RBSE Solutions For Class 8 Hindi Medium

Remark:

हम उम्मीद रखते है कि यह RBSE Class 8 Social Science chapter 10 Solutions in Hindi आपकी स्टडी में उपयोगी साबित हुए होंगे | अगर आप लोगो को इससे रिलेटेड कोई भी किसी भी प्रकार का डॉउट हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूंछ सकते है |

यदि इन solutions से आपको हेल्प मिली हो तो आप इन्हे अपने Classmates & Friends के साथ शेयर कर सकते है और HindiLearning.in को सोशल मीडिया में शेयर कर सकते है, जिससे हमारा मोटिवेशन बढ़ेगा और हम आप लोगो के लिए ऐसे ही और मैटेरियल अपलोड कर पाएंगे |

आपके भविष्य के लिए शुभकामनाएं!!

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *