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Table of Contents
Rajasthan Board RBSE Class 11 Economics Chapter 10 बहुलक
RBSE Class 11 Economics Chapter 10 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
RBSE Class 11 Economics Chapter 10 बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन-सा सबसे अनिश्चित माध्य है?
(अ) बहुलक
(ब) समान्तर माध्य
(स) माध्यिका
(द) हरात्मक माध्य
उत्तर:
(अ) बहुलक
प्रश्न 2.
पद का वह मूल्य क्या है जिसकी आवृत्ति श्रेणी में अधिकतम हो?
(अ) समान्तर माध्य
(ब) माध्यिका
(स) बहुलक
(द) ये सभी
उत्तर:
(स) बहुलक
प्रश्न 3.
तैयार कपड़े के औसत आकार के लिए उपयुक्त माध्य है
(अ) मध्य का
(ब) बहुलक
(स) समान्तर माध्य
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) बहुलक
प्रश्न 4.
यदि समंकमाला में बहुलक ज्ञात करना हो तो बहुलक वर्ग की निचली सीमा होगी
(अ) 19
(ब) 19.5
(स) 20
(द) 29-5
उत्तर:
(ब) 19.5
प्रश्न 5.
किस माध्य में चरम मूल्यों का न्यूनतम प्रभाव होता है?
(अ) समान्तर माध्य
(ब) गुणोतर माध्य
(स) माध्यिका
(द) बहुलक
उत्तर:
(द) बहुलक
RBSE Class 11 Economics Chapter 10 अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राजस्थान का औसत आदमी 7 नम्बर का जूता पहनता है यह कथन किस सांख्यिकीय माध्य को इंगित करता है?
उत्तर:
बहुलक को।
प्रश्न 2.
सतत् श्रेणी में बहुलक मूल्य ज्ञात करने का सामान्य सूत्र लिखिए।उत्तर:
प्रश्न 3.
बहुलक की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
बहुलक श्रेणी का वह मूल्य होता है, जिसकी आवृत्ति सर्वाधिक होती है।
प्रश्न 4.
बहुलक ज्ञात करने की कितनी विधियाँ है?
उत्तर:
बहुलक ज्ञात करने की दो विधियाँ है :
- निरीक्षण द्वारा
- समूहीकरण द्वारा
प्रश्न 5.
बहुलक ज्ञात करने का वैकल्पिक सूत्र बताइए।
उत्तर:
RBSE Class 11 Economics Chapter 10 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
यदि माध्यिका 21 है और समान्तर 20 है तो बहुलक ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
z = 3M – 2X
z = (3 × 21) – (2 × 20)
z = 63 – 40
z = 23
प्रश्न 2.
बहलक में ‘घनत्व परीक्षण का प्रयोग किन परिस्थितियों में किया जाता है?
उत्तर:
बहुलक में घनत्त्व परीक्षण का प्रयोग तब किया जाता है जब समंक श्रेणी की आवृत्तियाँ अनियमित हों, क्योंकि ऐसी स्थिति में अधिकतम आवृत्ति का पता नहीं लग पाता। आवृत्तियों के घटने-बढ़ने संकेन्द्रण स्थान आदि में अनियमितता पाये जाने पर घनत्त्व परीक्षण का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 3.
यदि बहुलक वर्ग (50-60) हो तथा f1 = 40, f0 = 25, तथा f2 = 20 है तो बहुलक ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 4.
समूहन विधि समझाइये।
उत्तर:
समूहन विधि :
समूहन विधि में सर्वप्रथम एक सारणी बनाई जाती है। जिसमें चर मूल्यों (X) के अतिरिक्त आवृत्तियों के लिए 6 कॉलम होते हैं।
क्र.सं. | चर मूल्य x |
1 | आवृत्तियाँ (f) |
2 | 2 – 2 की आवृत्तियों का योग |
3 | पहली आवृत्ति छोड़कर 2 – 2 आवृत्तियों का योग |
4 | 3-3 आवृत्तियों का योग |
5 | पहली आवृत्ति को छोड़कर 3-3 आवृत्तियों का योग |
6 | शुरू की दो आवृत्तियों छोड़कर 3-3 आवृत्तियों का योग |
आवृत्तियों का इस प्रकार समूहन करने के पश्चात् प्रत्येक कॉलम की अधिकतम आवृत्ति को पेंसिल से गोला कर दिया जाता है तथा उन अधिकतम आवृत्तियों के चर मूल्यों पर चिन्ह लगाकर विश्लेषण सारणी द्वारा गणना कर ली जाती है। जिस चर मूल्य के सामने अधिकतम चिन्ह होते हैं वही बहुलक का मूल्य होता है।
प्रश्न 5.
बहुलक के उपयोग बताइए।
उत्तर:
बहुलक के निम्नलिखित उपयोग हैं :
- बहलक दैनिक जीवन में सर्वसाधारण के द्वारा अधिक प्रयोग में लाया जाता है।
- ऋतु विज्ञान, जीवशास्त्र, उपभोक्ताओं की आय आदि का अध्ययन करने के लिए बहुलक एक उपयोगी माध्य माना जाता है।
- व्यापारिक पूर्वानुमानों या भविष्यवाणी में बहुलक अधिक पथ प्रदर्शक समझा जाता है।
- वर्षा, गर्मी, वायु, गति सम्बन्धी पूर्वानुमान बहुलक द्वारा ही किये जाते हैं।
RBSE Class 11 Economics Chapter 10 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नांकित सारणी से समूहन विधि द्वारा बहुलक ज्ञात कीजिए
उत्तर:
समूहीकरण
वर्गान्तर की गणना :
l1 = m – i/2
= 15 – 10/2
= 15 – 5
l1 = 10
l2 = m = i/2
= 15 + 10/2
= 15 + 5
l2 = 20
विश्लेषण सारणी
वर्गान्तर :
विश्लेषण तालिका से स्पष्ट है कि वर्गान्तर (40-50) तथा (50-60) दोनों में अधिकतम आवृत्ति 5-5 बार आती है। अतः इन दोनों में से बहुलक वर्ग का निर्धारण करने के लिए परीक्षण करना होगा।
इस प्रकार (50 – 60) बहुलक वर्ग है जिसकी आवृत्ति 56 है।
अतः वैकल्पिक सूत्र से

प्रश्न 2.
निम्न समंकों से बहलक ज्ञात करो
उत्तर:
आकार: | आवृत्ति |
8 | 3 |
10 | 7 |
12 | 12 |
14 | 28 |
16 | 10 |
18 | 9 |
20 | 6 |
यह श्रेणी नियमित है। अत: निरीक्षण द्वारा बहुलक ज्ञात किया जा सकता है।
अत: बहुलक z = 14
प्रश्न 3.
निम्न सारणी से बहुलक तथा Q1 व Q3 की गणना कीजिए
उत्तर:
निरीक्षण से ज्ञात होता है अधिकतम आवृत्ति 30 है जोकि वर्ग 300 – 400 में है।
निम्न चतुर्थक (Q1) की गणना
उच्च चतुर्थक (Q3) की गणना
75 वें मद का आकार संचयी आवृत्ति 83 में है जो 400 – 500 वर्गान्तर में है।
Q3 = 460
RBSE Class 11 Economics Chapter 10 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
RBSE Class 11 Economics Chapter 10 बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जूतों का औसत आकार (size) जानने के लिए उपयुक्त माध्य है
(अ) माध्यिका
(ब) बहुलक
(स) समान्तर माध्य
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) बहुलक
प्रश्न 2.
निम्न में से कौन-सा गणितीय माध्य नहीं है?
(अ) समान्तर माध्य
(ब) गुणोत्तर माध्य
(स) बहुलक
(द) हरात्मक माध्य
उत्तर:
(स) बहुलक
प्रश्न 3.
समूहीकरण (Grouping) रीति का प्रयोग किस माध्य में करते हैं?
(अ) समान्तर माध्य
(ब) माध्यिका
(स) बहुलक
(द) गुणोत्तर माध्य
उत्तर:
(स) बहुलक
प्रश्न 4.
कौन-सा औसत ऐसा है जो एक श्रेणी में कभी-कभी अपने सामान्य सूत्र से ज्ञात नहीं हो पाता है?
(अ) समान्तर माध्य
(ब) बहुलक
(स) माध्यिका
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) बहुलक
प्रश्न 5.
2, 5, 3, 5, 2, 1, 7, 10, 5, 9 में बहुलक है
(अ) 3.
(ब) 7
(स) 5
(द) 10
उत्तर:
(स) 5
RBSE Class 11 Economics Chapter 10 अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
बहुलक को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
उत्तर:
Mode.
प्रश्न 2.
“Mode” शब्द की उत्पत्ति किससे हुई हैं।
उत्तर:
फ्रेंच भाषा के ‘La Mode’ से हुई है।
प्रश्न 3.
‘La Mode’ का अर्थ है?
उत्तर:
फैशन या रिवाज अर्थात् जिसका प्रचलन अत्यधिक हो।
प्रश्न 4.
बहुलक कैसा माध्य है?
उत्तर:
बहुलक स्थिति सम्बन्धी माध्य है।
प्रश्न 5.
बहुलक को किससे प्रदर्शित किया जाता है?
उत्तर:
‘z’ से
प्रश्न 6.
व्यक्तिगत श्रेणी में बहुलक ज्ञात करने की कितनी विधियाँ हैं?
उत्तर:
तीन विधियाँ।
प्रश्न 7.
व्यक्तिगत श्रेणी में बहुलक ज्ञात करने की विधियों के नाप लिखिए।
उत्तर:
- व्यक्तिगत श्रेणी को खण्डित श्रेणी बनाकर,
- सतत् श्रेणी में बदलकर,
- समान्तर माध्य तथा माध्यिका की सहायता से बहुलक का अनुमान लगाना।
प्रश्न 8.
खण्डित श्रेणी में बहुलक निर्धारण की कितनी रीतियाँ हैं?
उत्तर:
दो।
RBSE Class 11 Economics Chapter 10 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-I)
प्रश्न 1.
बहुलक की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
बहुलक श्रेणी वह मूल्य होता है जिसकी आवृत्ति सर्वाधिक होती है।
प्रश्न 2.
बहुलक के दो गुण लिखिए।
उत्तर:
- यह चरम मूल्यों से प्रभावित नहीं होता।
- इसकी गणना बिन्दु रेखीय विधि से सम्भव है।
प्रश्न 3.
बहुलक के दो दोष बताइए।
उत्तर:
- वर्ग विस्तार बदलने पर इसका मूल्य भी बदल जाता है।
- जहाँ चरम मूल्यों को महत्त्व देना हो, तो इसकी गणना उपयुक्त नहीं रहती।
प्रश्न 4.
बहुलक की दो उपयोगिता बताइए।
उत्तर:
- मूल्यों का अधिकतम आवृत्ति बिन्दु ज्ञात करने के लिए।
- व्यापारिक पूर्वानुमानों या भविष्यवाणी में बहुलक अधिक उपयोगी माना जाता है।
प्रश्न 5.
निम्नांकित समंकों से बहुलक ज्ञात कीजिए
उत्तर:
श्रेणी में स्पष्ट है कि सर्वाधिक आवृत्ति 25 है जिसका मूल्य 46 है। अत: बहुलक 46 है।
RBSE Class 11 Economics Chapter 10 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-II)
प्रश्न 1.
बहुलक तथा माध्यिका के मुख्य अन्तर कौन-से हैं?
उत्तर:
बहुलक तथा माध्यिका में अन्तर
- बहुलक वह मूल्य होता है जिसकी आवृत्ति सबसे ज्यादा होती है जबकि माध्यिका श्रेणी को आरोही या अवरोही क्रम में लगाने पर माध्य पद होता है जो श्रेणी को दो बराबर भागों में बाँट देता है। एक ओर माध्यिका से कम मूल्य तथा दूसरी ओर माध्यिका से ज्यादा मूल्य होता है।
- बहुलक की गणना निरीक्षण द्वारा हो सकती है, लेकिन माध्यिका की गणना मात्र निरीक्षण से सम्भव नहीं है।
प्रश्न 2.
बहुलक के चार गुण बताइए।
उत्तर:
बहुलक के चार गुण :
- यह एक सरल एवं बुद्धिगम्य माध्य है।
- यह वितरण का सर्वाधिक सम्भावित मूल्य होता है।
- यह चरम मूल्यों से प्रभावित नहीं होता
- इसकी गणना बिन्दु रेखीय विधि से सम्भव है।
प्रश्न 3.
बहुलक के चार दोष बताइए?
उत्तर:
बहुलक के चार दोष :
- इसका बीजगणितीय विवेचन सम्भव नहीं है।
- भूयिष्ठक की गणना हमेशा सम्भव नहीं होती है। कभी-कभी श्रेणी में एक से अधिक बहुलक होते हैं।
- जहाँ चरम पदों को महत्त्व देना हो, तो इसकी गणना उपयुक्त नहीं रहती।
- वर्ग विस्तार बदलने पर इसका मूल्य भी बदल जाता।
प्रश्न 4.
भूयिष्ठक या बहुलक कहाँ उपयुक्त होता है?
उत्तर:
जहाँ वितरण के सर्वाधिक लोकप्रिय मूल्य की जानकारी करनी हो, वहाँ बहुलक सर्वोपयुक्त माध्य है। व्यावसायिक क्षेत्र में यह अत्यधिक लोकप्रिय होता जा रहा है। व्यावसायिक पूर्वानुमान लगाने, फैशन के बारे में जानने, आदर्श मजदूरी निर्धारण, उत्पादन में लगने वाले आदर्श समय की जानकारी करने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ माध्य है।
प्रश्न 5.
समान्तर माध्य, माध्यिका एवं बहुलक में परस्पर सम्बन्ध स्पष्ट कीजिए?
उत्तर:
इन दोनों माध्यमों से आपसी सम्बन्ध इस बात पर निर्भर करता है कि श्रेणी सममित है या असममित है।
- सममित श्रेणी :
ऐसी श्रेणी में समान्तर माध्य, माध्यिका एवं बहुलक तीनों के मूल्य समान होते हैं। - असममित श्रेणी :
ऐसी श्रेणी में तीनों के मूल्य पृथक होते हैं तथा सामान्यतः ((overline { X } ) – Z), 3((overline { X } ) – M)) के बराबर होता है। इस अवस्था में यदि दो माध्यमों के मूल्य ज्ञात हो तो तीसरे का सम्भावित मूल्य निम्नांकित सूत्र द्वारा ज्ञात किया जा सकता है
((overline { X } ) – Z) = 3 ((overline { X } ) – M)
Z = 3M – 2(overline { X } )
प्रश्न 6.
यदि वितरण का समान्तर माध्य 38.2 तथा माध्यिका 41.6 है तो बहुलक का सर्वाधिक सम्भावित मान क्या होगा?
उत्तर:
z = 3M – 2(overline { X } ) = (3 x 41.6) – (2 × 38.2) = 124.8 – 76.4
Z = 48.4
प्रश्न 7.
एक साधारण रूप से असममित पदमाला में बहुलक माध्यिका के तीन गुने तथा समान्तर माध्य के दो गुने के अन्तर के बराबर है। यदि समान्तर माध्य 16.6 तथा माध्यिका 15.73 है तो बहुलक का सर्वाधिक सम्भावित मूल्य क्या होगा?
उत्तर:
z = 3M – 2(overline { X } ) = (3 × 15.73) – (2 × 15.6)
Z = 47.19 – 31.20
Z = 15.99
RBSE Class 11 Economics Chapter 10 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
बहुलक को परिभाषित कीजिए। बहुलक के गुण-दोषों का वर्णन करते हुए इसके उपयोग को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
केन्द्रीय प्रवृत्ति ज्ञात करने का एक और महत्त्वपूर्ण माप भूयिष्ठिक या बहुलक है। जो मूल्य श्रेणी में सबसे अधिक बार आता है उसी मूल्य को बहुलक कहते हैं। इसका आशय यह है कि जिस मूल्य की आवृत्ति सबसे अधिक होती है, वही मूल्य बहुलक कहलाता है। उदाहरण के लिए, यदि पुरुषों द्वारा ‘7’ नम्बर का जूता सबसे अधिक लोगों द्वारा पहना जाता है, तो ‘7’ आकार ही बहुलक होगा।
बहुलक की कुछ महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ :
- डॉ.बाउले के अनुसार, “किसी सांख्यिकीय समूह में वर्गीकृत मात्रा का वह मूल्य (मजदूरी, ऊँचाई या अन्य किसी मापनीय मात्रा का) जहाँ पर पंजीकृत संख्याएँ सबसे अधिक हों, भूयिष्ठिक या अधिक घनत्व का स्थान या सबसे महत्त्वपूर्ण मूल्य कहलाता है।”
- प्रो.कैनन के अनुसार, “भूयिष्ठिक वह मूल्य होता है जिसकी पुनरावृत्ति श्रेणी में सबसे अधिक बार हुई हो।” उपर्युक्त परिभाषाओं से स्पष्ट है कि बहुलक वह मूल्य होता है जो श्रेणी में सबसे अधिक बार आता है। बहुलक अंग्रेजी
भाषा के z अथवा M0 अक्षर द्वारा प्रकट किया जाता है।
बहुलक के गुण-बहुलक के गुण निम्नलिखित हैं :
- सरल एवं लोकप्रिय :
यह एक सरल एवं लोकप्रिय माध्य है। कुछ परिस्थितियों में तो इसकी गणना केवल निरीक्षण मात्र से ही हो जाती है। दैनिक जीवन में यह माध्य काफी लोकप्रिय है। दैनिक प्रयोग की वस्तुओं; जैसे-सिले-सिलाये वस्त्र आदि में औसत आकार का आशय बहुलक से ही होता है। - सर्वोत्तम प्रतिनिधित्व :
बहुलक श्रेणी का वह मूल्य होता है जिसकी पुनरावृत्ति सबसे अधिक बार होती है। अत: यह श्रेणी का सबसे अच्छा प्रतिनिधि होता है। इसका मूल्य भी श्रेणी के मूल्यों में से ही होता है। - चरम मूल्यों का न्यूनतम प्रभाव :
बहुलक का एक महत्त्वपूर्ण गुण यह भी है कि यह श्रेणी के चरम मूल्यों से प्रभावित नहीं होता है। समान्तर माध्य पर चरम मूल्यों का बहुत प्रभाव पड़ता है। - सभी आवृत्तियों की गणना आवश्यक नहीं :
इसकी गणना करने के लिए श्रेणी के सभी मूल्यों की आवृत्तिं जानने की आवश्यकता नहीं होती है। केवल भूयिष्ठिक मद के आगे-पीछे की आवृत्तियों से काम चल जाता है।
बहुलक के दोष :
बहुलक के दोष निम्नलिखित हैं :
- अनिश्चित एवं अस्पष्ट :
इसका सबसे बड़ा दोष इसकी अनिश्चितता एवं अस्पष्टता है। यदि श्रेणी के सभी मूल्यों की आवृत्ति समान हो, तो इसकी गणना नहीं की जा सकती है। साथ ही कई बार श्रेणी के एक से अधिक बहुलक होते हैं। ये सब इस माध्य की अनिश्चितता को दर्शाते हैं। - बीजगणितीय विवेचन का अभाव :
माध्यिका की तरह माध्य में भी यह दोष पाया जाता है। इसका बीजगणितीय विवेचन सम्भव नहीं है। इस दोष के कारण इस माध्य का अनेक सांख्यिकीय रीतियों में बहुत कम प्रयोग होता है। - गणना क्रिया में जटिलता :
यदि बहुलक का निर्धारण निरीक्षण विधि से हो जाता है, तब तो सरलता रहती है अन्यथा समूहीकरण तथा अन्तर्गणन क्रियाओं के द्वारा इसकी गणना करना सामान्य व्यक्ति के लिए बहुत कठिन हो जाता है।
बहुलक की उपयोगिता :
बहुलक के अनेक दोषों के बावजूद इसका महत्त्व कम नहीं हो जाता है। दैनिक जीवन तथा व्यावसायिक क्षेत्र में यह अत्यन्त लोकप्रिय माध्य है। जहाँ वितरण के सर्वाधिक लोकप्रिय मूल्य की जानकारी प्राप्त करना हो, वहाँ यह सर्वश्रेष्ठ माध्य रहता है। व्यावसायिक क्षेत्र में व्यापारिक पूर्वानुमान लगाने, उत्पादन प्रक्रिया के आदर्श समय की गणना करने, आदर्श मजदूरी का निर्धारण करने आदि में इसका प्रयोग सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। विभिन्न उत्पादक वस्तुओं की लोकप्रियता का अनुमान भी बहुलक के माध्यम से ही लगाया जाता है। मौसम सम्बन्धी पूर्वानुमान भी बहुलक द्वारा ही लगाये जाते हैं। जब तक औसत आय, औसत ग्राहक, औसत व्यय, टेलीफोन कॉल के दैनिक औसत की बात करते हैं, तो हमारे अभिप्राय प्रायः ग्राहक की बहुलक संख्या, बहुलक आय, बहुलक व्यय, बहुलक टेलीफोन कॉल आदि से ही होता है। इस प्रकार हमारे दैनिक जीवन में बहुलक का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है।
प्रश्न 2.
व्यक्तिगत एवं खण्डित श्रेणी में ‘बहुलक’ गणना की विधि उदाहरणों की सहायता से समझाइए।
उत्तर:
बहुलक निर्धारण की प्रक्रिया
(1) व्यक्तिगत श्रेणी में :
व्यक्तिगत श्रेणी में बहुलक ज्ञात करने की तीन विधियाँ हैं :
- निरीक्षण द्वारा
इस विधि में विभिन्न मूल्यों का निरीक्षण करते हैं तथा जो मूल्य सबसे अधिक बार आता है, वही बहुलक होता है। - व्यक्तिगत श्रेणी को खण्डित में बदलकर :
जब श्रेणी के कुछ पद दो से अधिक बार आते हैं, तो श्रेणी को खण्डित में बदलकर बहुलक की गणना की जाती है। - अविछिन्न श्रेणी में बदलकर :
यदि श्रेणी के सभी पद एक-एक बार ही आ रहे हैं, तो उस अवस्था में बहुलक की गणना करने के लिए श्रेणी को अविछिन्न श्रेणी में बदल लेते हैं। फिर अविछिन्न श्रेणी की प्रक्रिया के अनुसार बहुलक की गणना की जाती है।
उदाहरण 1.
किसी कार्यालय के 10 कर्मचारियों की मासिक आय निम्नांकित है। आप बहुलक मासिक आय ज्ञात कीजिए
हल:
उपर्युक्त उदाहरण में ₹ 2,000 मासिक आय वाले 4 कर्मचारी हैं। यह कर्मचारियों की सर्वाधिक संख्या है। अत: ₹ 2,000 मासिक आय बहुलक आय होगी अर्थात् Z = ₹ 2,000
उदाहरण 2.
निम्नलिखित समंकों से बहुलक ज्ञात कीजिए :
9, 2, 7, 4, 8, 6, 10, 11
हल:
इस प्रश्न में कोई भी मूल्य एक से अधिक बार नहीं आया है। अत: यहाँ बहुलक अस्पष्ट (ill-defined) है।
उदाहरण 3.
निम्नांकित श्रेणी में जूतों के आकार (size) दिये हुए हैं, जिन्हें ग्राहकों द्वारा पहना जाता है। बहुलक आकार ज्ञात कीजिए
4, 3, 4, 5, 6, 7, 6, 4, 5, 7, 3, 7, 8, 7, 9, 6
हल:
सर्वप्रथम इस श्रेणी को खण्डित में परिवर्तित करेंगे
अधिकतम आवृत्ति 4 है जिसका मूल्य 7 है। अत: जूतों का बहुलक आकार = 7 or Z=7
(2) खण्डित श्रेणी :
खण्डित में बहुलक की गणना करने की दो विधियाँ हैं
- निरीक्षण विधि (Inspection Method),
- समूहीकरण रीति (Grouping Method)
1. निरीक्षण विधि :
इस विधि में श्रेणी का निरीक्षण करते हैं तथा जिस मूल्य की आवृत्ति सर्वाधिक होती है, वही मूल्य बहुलक होता है।
उदाहरण 4.
निम्नांकित पद माला से बहुलक ज्ञात कीजिए
हल:
निरीक्षण द्वारा स्पष्ट है कि 11 आयु की आवृत्ति अर्थात् लड़कों की संख्या सर्वाधिक है। अत: बहुलक आयु = 11 वर्ष या z = 11 वर्ष।
2. समूहीकरण रीति :
जब श्रेणी के विभिन्न मूल्यों में अनियमितता पाई जाती है तथा दो या दो से अधिक मूल्यों की आवृत्ति सबसे अधिक हो, तो यह निश्चित करना सम्भव नहीं होता है कि किस मूल्य को बहुलक माना जाए। ऐसी स्थिति में समूहीकरण विधि द्वारा बहुलक का निर्धारण किया जाता है। इस विधि से बहुलक निर्धारित करने के लिए दो सारणियाँ बनाई जाती हैं
(अ) समूहीकरण सारणी,
(ब) विश्लेषण सारणी।
(अ) समूहीकरण सारणी तैयार करने की विधि :
समूहीकरण सारणी तैयार करने के लिए पद मूल्य एवं सम्बन्धित आवृत्ति के दो खानों के अतिरिक्त 5 खाने और बनाये जाते हैं। इस प्रकार आवृत्ति के लिए कुल 6 खाने हो जाते हैं। आवृत्ति के पहले खाने में सम्बन्धित मूल्यों की आवृत्तियाँ दी हुई होती हैं।
दूसरे खाने में प्रारम्भ से दो-दो आवृत्तियों के योग पहली एवं दूसरी आवृत्ति के बीच में तथा फिर तीसरी और चौथी आवृत्ति के बीच में तथा इसी प्रकार आगे दो-दो आवृत्तियों के योग को लिखते जाते हैं।
तीसरे खाने में पहली आवृत्ति को छोड़कर अगली दो-दो आवृत्तियों का योग उनके बीच में लिखते हैं। यदि अन्त में दो से कम आवृत्ति बचती हैं, तो उन्हें छोड़ देते हैं।
चौथे खाने में पहली आवृत्ति से तीन-तीन आवृत्तियों का योग लगाते हैं और उन्हें उनके बीच में अर्थात् दूसरी के सामने फिर पाँचवीं के सामने आदि लिखते जाते हैं।
पाँचवें खाने में पहली आवृत्ति छोड़कर तीन-तीन के जोड़ लगाकर उनके बीच में लिखते जाते हैं।
छठे खाने में पहली दो आवृत्ति छोड़कर तीन-तीन जोड़ उनके सामने मध्य में लिखते हैं। यदि अन्त में तीन से कम आवृत्ति बचती हैं, तो उन्हें छोड़ देते हैं।
यह क्रिया करने के बाद आवत्तियों के छ: खानों में सर्वाधिक आवत्ति योग को रेखांकित कर देते हैं।
(ब) विश्लेषण सारणी :
समूहीकरण करने के बाद विश्लेषण सारणी तैयार की जाती है। इस सारणी में मूल्यों अथवा वर्गों को (जैसी स्थिति हो) सारणी में ऊपर से बायीं से दाहिनी ओर लिख देते हैं तथा पहले खाने में खाने 1 से 6 ऊपर से नीचे लिख देते हैं। अब समूहीकरण सारणी के आवृत्ति के 6 खानों को क्रम से देखते हैं और रेखांकित अधिकतम आवृत्ति किस-किस मूल्य की है, उसे देखकर विश्लेषण सारणी में उसी खाने के सामने मूल्य के नीचे (✓) सही का चिन्ह लगाकर इंगित कर देते हैं। बाद में इन चिह्नों का मूल्यों के नीचे योग लगा देते हैं। जिस मूल्य का योग अधिक आता है वही बहुलक कहलाता है।
उदाहरण 5.
निम्नांकित माला से बहुलक ज्ञात कीजिए
हल:
समूहीकरण विधि द्वारा बहुलक का निर्धारण
विश्लेषण तालिका
विश्लेषण तालिका से स्पष्ट है कि मूल्य 10 की आवृत्तियाँ ‘5’ सर्वाधिक हैं, अत: बहुलक = 10 or Z = 10
प्रश्न 3.
सतत अथवा अविच्छिन्न श्रेणी में बहुलक की गणना विधि को उदाहरण की सहायता से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संतत अथवा अविच्छिन्न श्रेणी में सर्वप्रथम निरीक्षण द्वारा अथवा समूहीकरण विधि से बहुलक वर्ग ज्ञात किया जाता है। इसके बाद निम्न सूत्र की सहायता से बहुलक ज्ञात किया जाता है
वैकल्पिक सूत्र :
यदि उपर्युक्त सूत्र से बहुलक का मूल्य बहुलक वर्ग की सीमाओं के बाहर आये, तो निम्नलिखित वैकल्पिक सूत्र का प्रयोग करते हैं
सूत्रों में प्रयुक्त चिह्नों का आशय
L1 = बहुलक वर्ग की निम्न सीमा
D1 = बहुलक वर्ग एवं उससे पूवर्वर्ती वर्ग की बारम्बारता के बीच अन्तर (संकेतों को छोड़कर)
D2 = बहुलक वर्ग एवं उससे अगले वर्ग की बारम्बारता के बीच अन्तर (संकेतों को छोड़कर)
i = वर्ग अन्तराल
f1 = बहुलक वर्ग की बारम्बारता
f0 = बहुलक वर्ग से पहले वर्ग की बारम्बारता
f2 = बहुलक वर्ग से अगले वर्ग की बारम्बारता
Z = बहुलक
यहाँ यह ध्यान रखना होता है कि श्रृंखला के वर्ग अन्तराल समान हों। यदि समान नहीं हैं, तो उन्हें समान करना होता है। इसके साथ ही श्रेणी अपवर्जी होनी चाहिए। समावेशी श्रेणी को अपवर्जी में बदलना होता है। इसी तरह यदि मध्य बिन्दु (Mid value) दिये हों, तो वर्ग अन्तरालों को निकालना होता है।
उदाहरण 1.
निम्नांकित सारणी से बहुलक ज्ञात कीजिए
हल:
सारणी से स्पष्ट है कि वर्ग 30-40 की आवृत्ति सर्वाधिक है, अत: बहुलक वर्ग = 30-40, इस वर्ग में बहुलक का मूल्य जानने के लिए निम्नांकित सूत्र का प्रयोग किया जाएगा
बहुलक निम्नांकित सूत्र से भी निकाला जा सकता है
उदाहरण 2.
निम्नांकित आवृत्ति वितरण से बहुलक की गणना कीजिए
हल:
सर्वप्रथम संचयी बारम्बारता वितरण को साधारण आवृत्ति वितरण में बदला जाएगा।
निरीक्षण से स्पष्ट है कि बहुलक वर्ग 50 – 60 है।
उदाहरण 3.
निम्नलिखित संचयी आवृत्ति वितरण में बहलक की गणना कीजिए
हल:
सर्वप्रथम श्रेणी को सामान्य आवृत्ति बंटन में बदला जाएगा।
उदाहरण 4.
निम्नांकित आँकड़ों से बहुलक ज्ञात कीजिए
हल:
प्रश्न को वर्गान्तर ज्ञात करके हल करेंगे।
निरीक्षण से स्पष्ट है कि बहुलक वर्ग 17.5-22.5 है, क्योंकि इसकी आवृत्ति सर्वाधिक है। अब Z की गणना निम्नांकित सूत्र से करेंगे
उदाहरण 5. निम्नांकित आँकड़ों से बहुलक मूल्य ज्ञात कीजिए
हल:
प्रश्न हल करने से पूर्व समावेशी श्रेणी को अपवर्जी में बदला जाएगा। इसके बाद बहुलक की गणना निम्नलिखित प्रकार की जाएगी
39.5 – 49.5 वर्ग की आवृत्ति सर्वाधिक है, अत: यह बहुलक वर्ग है।
उदाहरण 6.
निम्नांकित आवृत्ति वितरण का बहुलक ज्ञात कीजिए
हल:
इस श्रेणी में सर्वाधिक आवृत्ति ’13’ दो बार आई है। अत: निरीक्षण द्वारा बहुलक वर्ग निश्चित नहीं हो सकता है। अत: समूहीकरण विधि से बहुलक वर्ग का निर्धारण होगा।
समूहीकरण :
विश्लेषण सारणी :
विश्लेषण सारणी से स्पष्ट है कि बहुलक वर्ग 80 – 90 है।
प्रश्न 4.
बहुलक की गणना समान्तर माध्य एवं माध्यिका मूल्य के आधार पर कैसे की जाती है? उत्तर:
बहुलक की समान्तर माध्य एवं माध्यिका द्वारा गणना :
सममितीय (Symmetrical) श्रेणी में समान्तर माध्य, माध्यिका एवं बहुलक के मूल्य समान होते हैं। असममितीय (Asymmetrical) श्रेणी में ये अलग-अलग होते हैं। ऐसी श्रेणी में यदि समान्तर माध्य एवं माध्यिका का मूल्य ज्ञात हो, तो निम्नांकित सूत्र से बहुलक का मूल्य ज्ञात कर सकते हैं
Z = 3M – 2(overline { X } )
उदाहरण.
यदि किसी श्रेणी का समान्तर माध्य 8.5 तथा माध्यिका 8 हो तो बहुलक मूल्य क्या होगा?
हल:
Z = 3M – 2(overline { X } ) =3 × 8 – 2 × 8.5 = 24 – 17
Z = 7
प्रश्न 5.
बिन्दुरेखीय विधि से बहुलक की गणना किस प्रकार की जाती है? समझाइए।
उत्तर:
बिन्दुरेखीय विधि से बहुलक की गणना :बिन्दुरेखीय विधि में श्रेणी को आयत चित्र के रूप में प्रस्तुत करते हैं। इस चित्र का सबसे ऊँचा आयत बहुलक वर्ग को प्रकट करता है। बहुलक वर्ग के आयत के एक किनारे के बराबर के दूसरे आयत के किनारे से मिलते हैं। फिर आयत के दूसरे किनारे को बराबर के दूसरे आयत के किनारे से मिलते हैं। ऐसा करने से दोनों रेखाएँ एक-दूसरे को काटती हैं। जहाँ पर ये रेखाएँ एक-दूसरे को काटती हैं, वहाँ से x अक्ष पर लम्ब डाल देते हैं। यह लम्ब X अक्ष को जहाँ स्पर्श करता है, वहीं बहुलक होता है।
उदाहरण.
निम्नलिखित आवृत्ति वितरण का बिन्दुरेखीय विधि से बहुलक ज्ञात कीजिए
हल:
बिन्दुरेखा द्वारा बहुलक निर्धारण
चित्र में X अक्ष पर व्यय तथा Y अक्ष पर परिवारों की संख्या को दिखाया गया है। 20-30 वर्ग का आयत सबसे ऊँचा है। इस आयत से दोनों सटे आयतों के विपरीत दिशा में किनारों पर मिलाने पर वे एक-दूसरे को E बिन्दु पर काटते हैं। E बिन्दु से x अक्ष पर लम्ब डालने पर वह x अक्ष ₹ पर काट रहा है। अत: 2 = 24.
निम्नांकित सूत्र द्वारा इसकी जाँच की जा सकती है :
प्रश्न 6.
निम्नांकित बारम्बारता वितरण से वर्ग अन्तराल (40 – 50) की बारम्बारता ज्ञात कीजिए। यदि वितरण का समान्तर माध्य 52 हो
उत्तर:
52(33+f) = 1765 + 45f
1716 + 52f = 1765 + 45f
52f – 45f = 1765 – 1716
7f = 49
f=7
“अत: अभीष्ट बारम्बारता 7 है।
प्रश्न 7.
यदि N = 100 तथा M = 30 हो, तो निम्नांकित वितरण से अज्ञात बारम्बारताएँ ज्ञात कीजिए
उत्तर:
दो बारम्बारताएँ अज्ञात हैं, जिन्हें हम (f1) तथा (f2) से प्रदर्शित करेंगे
प्रथम समीकरण बारम्बारता से प्राप्त करेंगे :
75+ f1f2 = 100 →f1 + f2= 25 ….(i)
द्वितीय समीकरण माध्यिका से सम्बन्धित होगा
माध्यिका (M) = 30, माध्यिका वर्ग 30 – 40 है।
f1 का मान समीकरण (i) में रखने पर,
f1 +f2 = 25
15 + f2 = 25
f2 = 25 –15 = 10
अत: अभीष्ट f1 = 15, f2 = 10 है।
RBSE Class 11 Economics Chapter 10 अभ्यासार्थ प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नांकित श्रेणी से बहुलक की गणना कीजिए
उत्तर:
अधिकतम आवृत्ति = 18 है
जो वर्गान्तर = 30 – 40 में
प्रश्न 2.
निम्नांकित सारणी से बहुलक ज्ञात कीजिए
उत्तर:
वर्ग | आवृत्ति |
0-10 | 14 |
10-20 | 23 f0 |
L1 20-30 | 27 f1 |
30-40 | 21 f2 |
40-50 | 15 |
सर्वाधिक आवृत्ति = 27
जो कि वर्गान्तर = 20 – 30

प्रश्न 3. निम्नांकित श्रृंखला का बहुलक ज्ञात कीजिए
उत्तर:
विश्लेषण सारणी :
विश्लेषण सारणी से स्पष्ट है बहुलक मूल्य वर्गान्तर 20–25 में है।
प्रश्न 4.
निम्नांकित तालिका से बहुलक ज्ञात कीजिए
उत्तर:दी गई तालिका में वर्गान्तर असमान है। वर्गान्तर समान करके सवाल हल किया जाएगा।
वर्ग | आवृत्ति |
0-8 | 6 f0 |
8-16 | 20 f1 |
16-24 | 5 f2 |
24-32 | 14 |
32-40 | 8 |
40-48 | 12 |

प्रश्न 5.
निम्नांकित आँकड़ों से समान्तर माध्य, माध्यिका ज्ञात कीजिए
उत्तर:
माध्यिका वर्ग = N/2 वें पद का आकार = 100/2 वें पद का आकार
50 वें पद का आकार
50 वें पद का आकार संचयी आवृत्ति 52 में है जिसका वर्गान्तर 30-40 है।
प्रश्न 6.
निम्नांकित तथ्यों के आधार पर समान्तर माध्य, माध्यिका एवं बहुलक ज्ञात कीजिए
उत्तर:
माध्यिका की गणना :
60 वें पद का आकार संचयी आवृत्ति 60 में है जो वर्गान्तर 20-25 में है।
बहुलक की गणना :
बहुलक वर्ग सर्वाधिक आवृत्ति 30 में है।
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