RBSE Class 10 Hindi व्याकरण काल

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Rajasthan Board RBSE Class 10 Hindi व्याकरण काल

क्रिया के होने के समय का बोध कराने के लिए, क्रिया के रूप में हुए परिवर्तन को काल कहा जाता है।
(क) वह सोया।
(ख) वह सोता है।
(ग) वह सोएगा।

‘सोना’ क्रिया के उपर्युक्त तीन रूप उसके काल का बोध कराते हैं।
(क) रूप भूतकाल का द्योतक है। यह बता रहा है कि क्रिया या कार्य बीते हुए समय में हुई।
(ख) रूप से ज्ञात होता है कार्य वर्तमान समय में हो रहा है तथा
(ग) रूप बताता है कि कार्य आगे के समय में होगा। काल के भेद-काल के मुख्य भेद तीन होते हैं- भूतकाल, वर्तमान काल तथा भविष्यत्काल।

भूतकाल

भूतकाल से बीते हुए समय का बोध होता है। जो लिखे या बताए जाने से पहले हुआ हो। जैसे
(क) दो दिन पहले जोर की वर्षा हुई थी।
(ख) नेता जी का प्रचार-रथ बड़ी भीड़ के साथ जा रहा था। उपर्युक्त वाक्यों में हुई थी’ तथा ‘जा रहा था’ भूतकाल की क्रियाएँ हैं।

भूतकाल के भेद-भूतकाल के 6 भेद होते हैं
(क) सामान्य भूत
(ख) आसन्न भूत
(ग) पूर्ण भूत
(घ) अपूर्णभूत
(च) संदिग्ध भूत
(छ) हेतुहेतुमद् भूत।

(क) सामान्य भूत – इससे क्रिया के बीते हुए समय में होने का तो बोध होता है परन्तु यह ज्ञात नहीं होता कि कार्य कब समाप्त हुआ है, अतः सामान्य भूत में कार्य के समय का बोध कराने के लिए समयसूचक शब्दों का प्रयोग करना होता है। जैसे
(क) विनय घर गया।
(ख) मैंने खाना खाया।
(ग) वे कल यहाँ आए थे।
(घ) उसने पिछले वर्ष परीक्षा दी।

उपर्युक्त वाक्यों (ग) तथा (घ) में क्रिया के समय का बोध कराने के लिए रेखांकित शब्दों का प्रयोग हुआ है। सामान्य भूतकाल का बोध कराने के लिए धातु के साथ आ, ए, ये, ई, ईं जोड़े जाते हैं। जैसे

RBSE Class 10 Hindi व्याकरण काल - 1

विशेष – उपर्युक्त उदाहरणों के अनुरूप ‘कर’ से ‘करा’, ‘हो’ से ‘हुआ’, ‘ले’ से ‘लेया’ या ‘लिआ’ रूप बनाना उचित नहीं होगा।

(ख) आसन्न भूत – आसन्न भूत से ज्ञान होता है कि जो काम भूतकाल में प्रारम्भ हुआ था। वह वर्तमान काल में अभी-अभी समाप्त हुआ है, जैसे
(क) वे अभी आए हैं।
(ख) बच्चा सो गया है।
(ग) प्रभा बस अभी गयी है।
(घ) वृक्ष गिर गया है।

विशेष – आसन्न भूतकाल में समयसूचक शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। जैसे
(क) वह पिछले सप्ताह गाँव आया है।
(ख) विद्यालय घण्टे भर पहले बन्द हुआ है।
अतः आसन्न भूत में धातु के साथ ‘आ है’, ‘ए हैं’, ‘ई है’ तथा ‘ई हैं’ का प्रयोग होता है। ‘चुका है’, ‘चुके हैं तथा ‘चुकी है’ से पूर्णभूत (कार्य पहले पूरा हो चुका है) का बोध होता है।

उदाहरण:
(क) वे घर आ गए हैं।
(ख) अनुराधा अभी घर गई है।
(ग) बहुत गर्मी हो गई है।
(घ) मैंने विचार किया है।

(ग) पूर्णभूत – पूर्णभूत रूप से ज्ञात होता है कि कार्य बहुत पहले पूर्ण हो चुका है, जैसे
(क) व्यास जी ने महाभारत रचा था।
(ख) वर्षा न होने से खेती सूख गई थी।
(ग) पुलिस के आने से पहले ही लुटेरे भाग चुके थे।
(घ) अब पछताए होत का, चिड़ियाँ चुग गईं खेत।

उपर्युक्त उदाहरण वाक्यों में रचा था’, सूख गई थी, भाग चुके थे, ‘चुग गईं पूर्णभूत की क्रियाएँ हैं।
अतः धातु में ‘आ था’, ‘ए थे’, ‘ई थी’, ई थीं’ तथा ‘चुका था’, ‘चुके थे’, ‘चुकी थी’ और ‘चुकी थीं लगाने पर पूर्ण भूत की रचना होती है।

अन्य उदाहरण –
(क) मैंने दो वर्ष पहले बी. ए. किया था।
(ख) शिवशंकर ने 2009 में यह बच्चा गोद लिया।
(ग) इस मकान में आप कब आए थे? ।
(घ) अपराधी तो दुर्घटना में मर चुका था।
(ङ) ओलों से फसल नष्ट हो चुकी थी।
(च) सभी सहेलियाँ घरों को जा चुकी थीं।

(घ) अपूर्णभूत – क्रिया के इस रूप से बोध होता है कि काम भूतकाल में हो रहा था, जैसे

(क) वह सोता था।
(ख) चुनावी रंग निरन्तर बढ़ रहा था।
(ग) रोम जलता था नीरो बंशी बजाता था।
(घ) वे अँधेरे में ही आगे बढ़ रहे थे।
(ङ) अँग्रेज झाँसी को हड़पने का षड्यंत्र रच रहे थे।
(च) सीमा पर हमारे जवान दिन-रात पहरा देते थे।
(छ) हम बचपन में इस पार्क में खेला करते थे।
(ज) बहुत पहले पृथ्वी पर डायनासोर रही करते थे।
उपर्युक्त उदाहरणों में सोता था’, ‘बजाता था’, ‘बढ़ रहे थे’, ‘रच रहे थे’ खेला करते थे, रहा करते थे आदि क्रियाएँ अपूर्णभूत अर्थात् काम के चलते रहने का बोध कराती हैं। अतः ये सभी क्रियाएँ ‘अपूर्णभूत’ की हैं।
अतः धातु में क्रमशः

(1) ता था, ते थे, ती थी, ती थीं
(2) रहा था, रहे थे, रही थी, रही थीं
(3) ता आ रहा था, ते आ रहे थे, ती आ रही थी।
(4) आ ता था, आ ते थे,……….
लगाकर अपूर्णभूत वाक्यों की रचना की जाती है।

अन्य उदाहरण
(क) वह प्रायः शुक्रवार को आता था।
(ख) चिड़ियाँ इन्हीं झाड़ियों में चहकती थीं।
(ग) वह हर महीने उधार चुकाती थी।
(घ) झरना मंदगति से बह रहा था।
(ङ) शत्रु घात लगाकर आगे बढ़ रहा था।
(च) बेचारी गाय सड़क पर दम तोड़ रही थी।
(छ) डाकू धीरे-धीरे आगे बढ़ते आ रहे थे।
(ज) पुजारी रोज शाम को आरती किया करता था।
(झ) याद है, हम दोनों नदी किनारे घण्टों घूमा करते थे।

(ङ) संदिग्ध भूत –‘संदिग्ध’ का अर्थ है-जिस पर संदेह हो। अत: संदिग्ध भूत से क्रिया के पूरा होने या न होने का निश्चय नहीं होता, जैसे
(क) वह चला गया होगा।
(ख) किसान काम बंद करके घर जा चुके होंगे।
(ग) लगता है वह ठीक समय पर पहुँच गया होगा।
(घ) अवश्य ही मरने से पहले, उसने मुझे याद किया होगा।
(ङ) शायद सभी छात्र, तब तक जा चुके होंगे।
अत: संदिग्ध भूतकाल की रचना के लिए धातु के साथ-आ होगा, ए होंगे, ई होगी, ई होंगी लगाया जाता है।

उदाहरण – पूछ = पूछा होगा, पूछे होंगे, पूछी होगी, पूछी होंगी।
जा = गया होगा, गये होंगे, गयी होगी, गयी होंगी।
देख = देखा होगा, देखे होंगे, देखी होगी, देखी होंगी।
सोच = सोचा होगा, सोचे होंगे, सोची होगी, सोची होंगी।
बैठे = बैठा होगा, बैठे होंगे, बैठी होगी, बैठी होंगी।

(च) हेतुहेतुमद्भूत – इस रूप से बोध होता है कि जो काम भूतकाल में होना था, वह शर्त पूरी न हो पाने के कारण नहीं हो सका। जैसे
(क) मैं घर पर होता, तो वह अवश्य रुकती।
(ख) दिव्या प्रथम आई होती, तो उसे पुरस्कार मिलता।
(ग) बाढ़ आ गई होती, तो सारा गाँव डूब जाता।
(घ) यदि समय पर चिकित्सा मिल जाती है, तो अनेक घायलों की जाने बच जातीं।
(ङ) आतंकवादी सफल हो गए होते, तो सैकड़ों निर्दोष लोग मारे जाते।
(च) सही निर्णय लिया गया होता, तो कश्मीर की समस्या उसी समय सुलझ गई होती।

भूतकालिक क्रियाओं के कुछ अपवाद

(1) कभी-कभी कुछ क्रियाएँ सामान्य भूतकाल की प्रतीत होती हैं परन्तु वे वास्तव में सामान्य वर्तमान की क्रियाएँ होती हैं। कुछ उदाहरण
(क) साहित्य का रस जिसने पा लिया, उसके लिए भूतल ही स्वर्ग बन गया।
(ख) जो सारे सांसारिक सुखों को ठुकराकर जन्मभूमि पर बलिदान हो गए, वे सदा-सदा के लिए अमर हो गए।
(ग) कवि स्वभाव से उच्छृखल होते हैं। वे जिधर झुक गए। जी में आया, तो राई को पर्वत बना दिया।
(घ) जो डर गया, वह मर गया।
उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित क्रियाएँ सामान्य भूत की हैं किन्तु ये किसी सदा सत्य रहने वाली बातें बता रही हैं। अतः ‘पा लिया’ का अर्थ होता है ‘पा लेते हैं’, ‘हो गए’ का अर्थ हो जाते हैं’, ‘झुक गए’ का ‘अर्थ’ ‘झुक जाते हैं’ तथा ‘डर गया’ का अर्थ ‘डर जाता है’, मानना चाहिए।

(2) कभी-कभी सामान्य भूत की क्रिया का प्रयोग सामान्य वर्तमान के अर्थ में न होकर, क्रिया के होने के समय के वर्तमान काल के रूप में होता है, जैसे
(क) वह तो चल दिया।
(ख) बस, अभी आया।
(ग) क्यों खिसक लिए।
(घ) लो, बुझ गया घर का चिराग। उपर्युक्त वाक्यों में क्रियाएँ वर्तमान काल की नहीं सामान्य भूत की हैं।

(3) कभी-कभी आसन्न भूत की क्रिया से ऐसा लगता है क्रिया वर्तमान काल में भी जारी है और आगे भी रहेगी, जैसे
(क) अशोक ने लोकहित के अनेक काम किए हैं।
(ख) मैंने ऐसे अनेक धोखेबाज देखे हैं।
(ग) संतों और विचारकों ने समाज का सदा मार्गदर्शन किया है।
(घ) गीता ने हमें निष्काम कर्म का संदेश दिया है।

वर्तमान काल

वर्तमान काल का प्रयोग उन क्रियाओं के लिए होता है जो उनके बारे में कहते या लिखते समय होती हैं, जैसे
(क) वह पढ़ रहा है।
(ख) पक्षी आकाश में उड़ते हैं।
(ग) वह अभी गया है।
(घ) उसने खाना खा लिया है।
उपर्युक्त वाक्यों की क्रियाएँ उन वाक्यों के कहते या लिखते समय हो रही हैं। अतः ये सभी वर्तमान काल की क्रियाएँ हैं

वर्तमान काल के भेद वर्तमान काल के पाँच भेद होते हैं

(i) सामान्य वर्तमान
(ii) तात्कालिक वर्तमान (अपूर्ण वर्तमान)
(iii) पूर्ण वर्तमान
(iv) संदिग्ध वर्तमान
(v) संभाव्य वर्तमान

(i) सामान्य वर्तमान – क्रिया के इस रूप से यह तो बोध होता है क्रिया वर्तमान काल में होती है परन्तु इस समय भी हो रही है यह बोध नहीं होता, जैसे
(क) हवाएँ चला करती हैं।
(ख) पक्षी उड़ते हैं।
(ग) यात्री सायंकाल कहीं विश्राम करते हैं।
(घ) तारे रात में चमकते हैं।
उपर्युक्त वाक्यों की क्रियाएँ एक सामान्य सूचना भर देती हैं, लेकिन इन वाक्यों के बोलने या लिखे जाने के समय भी हो रही हैं, ये बोध नहीं कराती हैं। अतः ये सभी सामान्य वर्तमान की क्रियाएँ हैं।
सामान्य वर्तमान के वाक्यों की रचना के लिए धातु में आ, ए, ई, ता रहता, ते रहते, ती रहती जोड़े जाते हैं। जैसे
(क) जा-जाता है, जाते हैं, जाती है, जाती हैं।
(ख) खा-खाता है, खाते हैं, खाती है, खाती हैं।
(ग) पी-पीता रहता, पीते रहते, पीती रहती।
(घ) खेल-खेलता रहता, खेलते रहते, खेलती रहती।
(ङ) चल-चला करता, चला करते, चला करती।

(ii) अपूर्ण या तात्कालिक वर्तमान-इस रूप से बोध होता है कि क्रिया वर्तमान काल में जारी है पर वह पूरी नहीं हुई है। क्रिया के निरन्तर चलने के कारण इसे अपूर्ण वर्तमान कहा जाता है, जैसे
(क) हम घूमने जा रहे हैं।
(ख) विद्या कपड़े धो रही है।
(ग) टंकी से पानी बह रहा है।
(घ) बच्चे खिलौनों से खेल रहे हैं।
(ङ) बाघ हरिण का पीछा कर रहा है।
(च) कुछ लोग पंडाल में आ रहे हैं, कुछ बाहर जा रहे हैं।

विशेष – सामान्य वर्तमान या अपूर्ण या तात्कालिक वर्तमान में मुख्य अन्तर यह है कि सामान्य वर्तमान से आदत, अभ्यास या,सदा सच रहने वाली बात (क्रिया) का बोध होता है किन्तु अपूर्ण वर्तमान से क्रिया के केवल उसी समय घटित स्वरूप का बोध होता है, जैसे
(क) पक्षी उड़ते हैं’ – सामान्य वर्तमान इस वाक्य से पक्षियों के स्वभाव का बोध हो रहा है।
(ख) पक्षी उड़ रहे हैं – तात्कालिक या अपूर्ण वर्तमान उपर्युक्त वाक्य से तत्काल हो रही क्रिया का बोध हो रहा है।

अपूर्ण वर्तमान के वाक्यों की रचना के लिए धातु के साथ रहा है, रहे हैं, रही है, रही हैं जोड़े जाते हैं, जैसे
दौड़-दौड़ रहा है, दौड़ रहे हैं, दौड़ रही है, दौड़ रही हैं।
कूद-कूद रहा है, कूद रहे हैं, कूद रही है, कूद रही हैं।
छुप-छुप रहा है, छुप रहे हैं, छुपे रही है, छुप रही हैं।
उड़-उड़ रहा है, उड़ रहे हैं, उड़ रही है, उड़ रही हैं।
पूछ-पूछ रहा है, पूछ रहे हैं, पूछ रही है, पूछ रही हैं।

कुछ अन्य उदाहरण
(क) वे हाँफते हुए दौड़ रहे हैं।
(ख) बच्चे खाते हुए हँस रहे हैं।
(ग) नदी इठलाती हुई बही जा रही है।
(घ) किसान शोर मचाते हुए नील गायों को भगा रहे हैं।

उपर्युक्त उदाहरणों में ‘हाँफते हुए’, ‘खाते हुए’, ‘इठलाती हुई’ तथा ‘शोर मचाते हुए’ क्रिया न होकर क्रिया-विशेषण का काम कर रहे हैं।

(iii) पूर्ण वर्तमान काल – कुछ व्याकरणवेत्ता अँग्रेजी व्याकरण के अनुकरण में हिन्दी में भी पूर्ण वर्तमान काल मानते हैं। अँग्रेजी में (Present Perfect) नाम से वर्तमान काल का भेद मान्य है। पूर्ण वर्तमान के दिए जाने वाले कुछ उदाहरण
(क) वह चला गया है।
(ख) उसने भोजन कर लिया है।
(ग) मैं तो सुबह ही नही चुका हूँ।
(घ) घड़ा पानी से भर गया है।
उपर्युक्त उदाहरणों में चला गया है’, ‘कर लिया है’, ‘नहा चुका हूँ।* भर गया है’, ये सभी क्रियाएँ काम पूरा हो जाने का संकेत करती हैं। इनसे यह भी बोध होता है कि काम वर्तमान में जारी नहीं है। यद्यपि इनमें उपस्थित सहायक क्रियाएँ-‘है’, ‘हैं’ तथा ‘हूँ’ वर्तमान काल की हैं फिर भी क्रियाएँ आसन्न भूत का ही बोध कराती हैं। अतः कुछ विद्वान हिन्दी में पूर्ण वर्तमान’ को स्वीकार नहीं करते।

(iv) संदिग्ध वर्तमान – इससे काल से क्रिया के होने में संदेह व्यक्त होता है, जैसे
(क) वह सो रहा होगा।
(ख) उल्लास खेलता होगा।
(ग) छात्र कहानियाँ सुन रहे होंगे।
(घ) पहरेदार जाग रहा होगा।
इस प्रकार संदिग्ध वर्तमान की क्रिया बनाने के लिए धातु में ता होगा, ते होंगे, ती होगी, ती होंगे, रहा होगा, रहे होंगे, रही होगी, रही होंगी’ लगाया जाता हैं, जैसे
(क) बच्चे शायद सो रहे होंगे।
(ख) ईश्वर हम सब को देखता होगा।
(ग) मेरा भाई आता ही होगा।
(घ) लड़कियाँ झगड़ रही होंगी।
(ङ) मंत्री महोदय भाषण दे रहे होंगे।
(च) रैली में हजारों लोग भाग ले रहे होंगे।
(छ) आज भी देश में बहुत सारे लोग सड़क किनारे सोते होंगे।
(ज) किसान असमय वर्षा का दुष्प्रभाव झेल रहे होंगे।

(v) संभाव्य वर्तमान – इस रूप से वर्तमान में काम होने की सम्भावना व्यक्त होती है, जैसे
(क) सुधाकर आता है तो काम हो जाना चाहिए।
(ख) वह स्वस्थ होतो लगता है।
(ग) वह पढ़े तो पढ़ने देना।
(घ) अब तो देश आगे बढ़ना ही चाहिए।

विशेष – (1) कभी-कभी सामान्य वर्तमान की क्रियाओं से स्वभाव, अभ्यास भूतकालिक वर्तमान का भी बोध होता है, जैसे
(क) पिताजी नित्य सबेरे टहलने जाते हैं।
(ख) प्रात:काल होते ही पक्षी बोलने लगते हैं।
(ग) गाँधीजी कहते हैं, अहिंसा महान धर्म है।
(घ) श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं।

(2) तात्कालिक वर्तमान से कभी-कभी निकट भविष्य में होने वाली क्रिया का भी बोध होता है, जैसे
(क) हुम अगले रविवार को मैच खेलने जा रहे हैं।
(ख) कृष्ण का विवाह अगले महीने हो रहा है।
(ग) चार दिनों में दो त्यौहार मनाए जाने हैं।
(घ) यह मनमानी आगे नहीं चलने जा रही है। यद्यपि ये सामान्य भविष्यत् के उदाहरण लगते हैं फिर भी आजकल इनका प्रयोग वर्तमान के लिए खूब हो रहा है।

वर्तमानकाल के कुछ अन्य रूप
(क) मैं तो अब चला।
(ख) चल दिए।
(ग) मुझे अभी बाजार भी जाना है।
(घ) देखो, वह खिसका।
(ङ) चलते रहो, चलते रहो।

भविष्यत् काल
भविष्यत् काल से आने वाले समय को बोध होता है। भविष्यत् काल की क्रिया के चिह्न हैं-गा, गे, गो, जैसे-जाएगा, जाएँगे, जाएगी, जाएँगी।

भविष्यत् काल के भेद-भविष्यत् काल के चार भेद होते हैं
(क) सामान्य भविष्यत्
(ख) संभाव्य भविष्यत्
(ग) अपूर्ण भविष्यत्
(घ) पूर्ण भविष्यत्  ।

(क) सामान्य भविष्यत् – इस काल से काम के आगे आने वाले समय में होने का बोध होता है। भविष्य में क्या होगा, यह अनिश्चित-सा ही रहता है किन्तु सामान्य भविष्यत् काल की क्रिया काम की निश्चितता का संकेत देती है, जैसे
(क) वह आएगा।
(ख) हम पढ़ेंगे।
(ग) दालें और सस्ती होंगी।
(घ) उसका विवाह होगा।

उपर्युक्त उदाहरण से स्पष्ट है कि सामान्य भविष्यत् काल के लिए धातु में एगा, ऍगे, एगी, हँगी, ऊँगा, ऊँगी लगाए जाते हैं, जैसे
(क) भवेश पढ़ेगा। (पढ़ + एगा)
(ख) बच्चे खेलेंगे। (खेल + एँगे)
(ग) मनीषा पढ़ेगी। (पढ़ + एगी)
(घ) लड़कियाँ नाचेंगी। (नाच + ऍगी)
(ङ) मैं लिखेंगा। (लिख + ऊँगा)।
(च) मैं लिखेंगी। (लिख + ऊँगी)।

(ख) संभाव्य भविष्यत् – इस काल से काम के आगे होने की सम्भावना व्यक्त होती है, जैसे
(क) लगता है वे आएँगे।
(ख) सम्भव है पीयूष वहाँ मिले।
(ग) हो सकता है भारत फिर विश्व गुरु हो जाए।
(घ) सम्भावना है कि फसल अच्छी होगी।

इस काल की क्रियाएँ धातु में ए, एँ, औं, ऊँ, ओ लगाकर बनती हैं, जैसे
(क) सम्भव है, वर्षा आए। (आ + ए)
(ख) लगता है, मजदूर न मिले। (मिल + ए)
(ग) हो सकता है, हम तुम्हें स्टेशन पर मिलें। (मिल + एँ)
(घ) लगता है, सभी कार्यकर्ता चौराहे पर एकत्र हों। (हो + ओं)
(ङ) सम्भावना है, मैं उससे मिलने जाऊँ। (जा + ऊँ) ।
(च) लगता है कि तुम सच बोलो। (बोल + ओ)

(ग) अपूर्ण भविष्यत् – इस काल से ज्ञात होता है कि कार्य भविष्य में होता रहेगा, जैसे
(क) विद्यालय सालों चलता रहेगा।
(ख) तुम्हारा झगड़ा तो होता ही रहेगा।
(ग) वह भय के मारे जागता रहेगा।

(घ) माता पुत्र की राह देखती रहेगी। इस काल की रचना धातु में ‘ता रहेगा’, ‘ती रहेगी’, ते रहेंगे लगाकर होती है, जैसे
(क) सूर्य निकलता रहेगा।
(ख) अध्यापक कक्षा में पढ़ाते रहेंगे।
(ग) हम निरन्तर प्रयास करते रहेंगे।
(घ) क्या उन्मेष व्यायाम करता रहेगा?
(ङ) सागर का यह विस्तार सदा चकित करता रहेगा।
(च) अब तो आप प्रायः आते रहेंगे।
(छ) संसद में बहस चलती रहेगी।

(घ) पूर्ण भविष्यत् – इस काल की क्रिया से बोध होता है कि कार्य भविष्य में समाप्त हो जाएगा, जैसे
(क) विनायक भोजन कर चुका होगा।
(ख) पक्षी घोंसलों में जा चुके होंगे।
(ग) कार्यालय बंद हो चुका होगा।
(घ) अगले महीने चुनाव हो चुके होंगे।
इस काल की रचना धातु में चुकेगा, चुकेंगे, चुकेगी, चुर्केगा, चुकोगे लगाकर होती है, जैसे
(क) विशाल का मकान बिक चुका होगा।
(ख) इन्दिरा सात बजे घर से निकल चुकी होगी।
(ग) वे अस्पताल जा चुके होंगे।
(घ) तुम अगले सप्ताह काम पूरा कर चुके होगे।
(ङ) अनंत की बुआ सबेरे लौट चुकी होगी।
(च) निश्चय ही मैं अपना काम पूरा कर चुका हूँगा।

भविष्यत् काल के अन्य रूप-कभी-कभी सामान्य भविष्यत् काल का प्रयोग सदा सत्य रहने वाली बातों के लिए किया जाता है, जैसे

(क) आँखें बंद कर लेने से सूर्य अस्त नहीं हो जाएगा।
(ख) क्या हिंसा से हिंसा समाप्त की जा सकेगी?
(ग) क्या आँखें चुराने से विपत्ति टल जाएगी?
(घ) जो जैसा करेगा, वैसा भरेगा।
उपर्युक्त वाक्यों में हो जाएगा’, ‘जा सकेगी’, ‘टल जाएगी’, ‘करेगा’ तथा ‘ भरेगा’ का अर्थ ‘हो सकता है’, ‘जा सकती है’, ‘टल सकती है’, ‘करता है’ और ‘मरता है’ होता है।

RBSE Class 10 Hindi व्याकरण काल परीक्षोपयोगी प्रजोत्तर

प्रश्न 1.
गया था, जा रहा हूँ, जाऊँगा ये किन-किन कालों की क्रियाएँ हैं? लिखिए।
उत्तर:
ये क्रियाएँ क्रमशः भूतकाल, वर्तमान काल तथा भविष्यत् काल की हैं।

प्रश्न 2.
व्याकरण में ‘काल’ का क्या अर्थ होता है? लिखिए।
उत्तर:
समय का बोध कराने के लिए क्रिया के रूप में हुए परिवर्तन को काल कहा जाता है।

प्रश्न 3.
काल के कितने भेद हैं? लिखिए।
उत्तर:
काल के भेद हैं- भूतकाल, वर्तमानकाल और भविष्यत् काल।

प्रश्न 4.
भूतकाल, वर्तमान काल तथा भविष्यत् काल की क्रियाओं को एक-एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
उदाहरण इस प्रकार हैभूतकाल-देखा था। वर्तमान काल-देखता है। भविष्यत् काल-देखेगा।

प्रश्न 5.
‘जलना’ क्रिया से भविष्यत् काल का रूप बनाइए।
उत्तर:
कल रामलीला में रावण का पुतला जलेगा।।

प्रश्न 6.
‘मैं बड़ी तेजी से भाग रहा था’-वह वाक्य किस काल का है? लिखिए।
उत्तर:
यह वाक्य भूतकाल का है।

प्रश्न 7.
‘ये लुप्त लोचन ज्योतिषाभरण बड़े उद्दण्ड पण्डित हैं। यह वाक्य किस काल का है? लिखिए।
उत्तर:
यह वाक्य वर्तमान काल का है।

प्रश्न 8.
‘नहीं, अमीना उसे यों न जाने देगी’। इस वाक्य में किस काल की क्रिया का प्रयोग हुआ है? लिखिए।
उत्तर:
इस काल में भविष्यत् काल की क्रिया को प्रयोग हुआ है।

प्रश्न 9.
भूतकाल से किस समय का बोध होता है?
उत्तर:
भूतकाल से बीते हुए समय का बोध होता है।

प्रश्न 10.
भूतकाल के कितने भेद होते हैं? लिखिए।
उत्तर:
भूतकाल के छह भेद होते हैं

  1. सामान्य भूत
  2. आसन्न भूत
  3. पूर्ण भूत
  4. अपूर्ण भूत
  5. संदिग्ध भूत
  6. हेतुहेतुमद् भूत।

प्रश्न 11.
सामान्य भूतकाल के दो वाक्य लिखिए।
उत्तर:

  1. वह विद्यालय गया।
  2. मधु ने पुस्तक पढ़ी।

प्रश्न 12.
‘उसके अब्बाजान रुपए कमाने गए हैं।’ यह वाक्य किस काल का है?
उत्तर:
यह वाक्य आसन्न भूतकाल का है।

प्रश्न 13.
पूर्णभूत काल का एक वाक्य लिखिए।
उत्तर:
उद्धव तीन बजे घर से निकल चुका था।

प्रश्न 14.
वर्तमान काल का प्रयोग कौन-सी क्रियाओं के साथ होता है?
उत्तर:
वर्तमान काल का प्रयोग उन क्रियाओं के साथ होता है जो बोलने या लिखने के समय होती हैं।

प्रश्न 15.
वर्तमान काल की क्रिया से युक्त दो वाक्य लिखिए।
उत्तर:
(1) मैं नित्य विद्यालय जाता हूँ।
(2) कुंदन सुबह पाँच बजे जागता है।

प्रश्न 16.
वर्तमान काल के कितने भेद हैं? लिखिए।
उत्तर:
वर्तमान काल के पाँच भेद हैं

  1. सामान्य वर्तमान
  2. तात्कालिक या अपूर्ण वर्तमान
  3. पूर्ण वर्तमान
  4. संदिग्धं वर्तमान
  5. संभाव्य वर्तमान

प्रश्न 17.
सामान्य वर्तमान के दो वाक्य लिखिए।
उत्तर:
(1) वे झगड़ते हैं।
(2) जुलाहा कपड़ा बुनता है।

प्रश्न 18.
अपूर्ण वर्तमान किसे कहा जाता है? लिखिए।
उत्तर:
वर्तमान काल के जिस रूप से क्रिया के जारी रहने का बोध होता है, वह अपूर्ण वर्तमान कहा जाता है।

प्रश्न 19.
‘छात्र अगले सप्ताह शैक्षिक भ्रमण पर जा रहे हैं।’ यह किस काल का वाक्य है? लिखिए।
उत्तर:
यह तात्कालिक या अपूर्ण वर्तमान काल का वाक्य है।

प्रश्न 20.
भविष्यत् काल से किस समय का बोध होता है? लिखिए।
उत्तर:
भविष्यत् काल से आने वाले समय का बोध होता है।

प्रश्न 21.
भविष्यत् काल के कितने भेद हैं? लिखिए।
उत्तर:
भविष्यत् काल के निम्नलिखित चार भेद हैं

  1. सामान्य भविष्यत्
  2. अपूर्ण भविष्यत्
  3. पूर्ण भविष्यत्.
  4. संभाव्य भविष्यत्

प्रश्न 22.
सामान्य भविष्यत् काल के दो वाक्य लिखिए।
उत्तर:
(1) मैं घर जाऊँगा।
(2) कविता बाजार से सब्जी लाएगी।

प्रश्न 23.
‘लगता है आज वर्षा होगी।’ यह किस काल का वाक्य है? लिखिए।
उत्तर:
यह संभाव्य भविष्यत् काल का वाक्य है।

प्रश्न 24.
अपूर्ण भविष्यत् काल के दो वाक्य लिखिए।
उत्तर:
(1) दिन पर दिन बीतते जाएँगे।
(2) श्रमिक कब तक ऐसे ही ठगे जाते रहेंगे ?

प्रश्न 25.
पूर्ण भविष्यत् काल किसे कहा जाता है? लिखिए।
उत्तर:
भविष्यत् काल की क्रिया के जिस रूप से बोध होता है कि कार्य भविष्य में समाप्त हो जाएगा, उसे पूर्ण भविष्यत् काल कहा जाता है।

प्रश्न 26.
पूर्ण भविष्यत् काल के दो वाक्य लिखिए।
उत्तर:
(1) सूर्य छिप चुका होगा।
(2) तब तक नर्मदा में बहुत पानी बह चुका होगा।

प्रश्न 27.
अपूर्ण भूत की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:
क्रिया के जिस रूप से बोध होता है कि काम भूतकाल में हो रहा था, उसे अपूर्ण भूत कहा जाता है, जैसे
(क) मुगल सेना आगे बढ़ती आ रही थी।
(ख) यमुना में जल स्तर निरन्तर बढ़ रहा था।
(ग) लोग आतंकी हमले से जान बचाने को भाग रहे थे।

प्रश्न 28.
हेतुहेतुमद्भूत की परिभाषा उदाहरणों सहित लिखिए।
उत्तर:
हेतुहेतुमद्भूत भूतकाल की क्रिया को वह रूप होता है, जिससे बोध होता है कि शर्त पूरी न हो पाने से काम नहीं हो पाया। जैसे
(क) ओले पड़ जाते, तो खेतों में कुछ न बच पाता।।
(ख) अपराधी पकड़ा जाता, तो उसे कठोर दण्ड अवश्य मिलता।
(ग) तुमने कठिन परिश्रम किया होता, तो अवश्य प्रथम आते।
(घ) ने वे समय पर आए, न उन्हें सुअवसर मिल पाया।

प्रश्न 29.
अपूर्ण वर्तमान काल के तथा संदिग्ध वर्तमान काल के तीन-तीन वाक्य लिखिए।
उत्तर:
अपूर्ण वर्तमान-

  1. चंचला टाफी के लिए मचल रही है।
  2. अँधेरा बढ़ता जा रहा है?
  3. उसे मेरी बात पर विश्वास नहीं हो रहा है।

संदिग्ध वर्तमान-

  1. शायद वे चल दिए होंगे।
  2. भीषण ठंड में भी सैनिक पहरा दे रहे होंगे।
  3. संसद में बहस चल रही होगी।

प्रश्न 30.
अपूर्ण भविष्यत् की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:
अपूर्ण भविष्यत् से ज्ञात होता है कि कार्य भविष्य में होता रहेगा, जैस

  1. छात्राएँ प्रश्न पूछती रहेंगी।
  2. सज्जनों की कीर्ति बढ़ती ही रहेगी।
  3. सभी छात्रों का प्रदर्शन संतोषजनक बना रहेगा।
  4. बाधाएँ आती रहेंगी, हम बढ़ते रहेंगे।

प्रश्न 31.
निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध कीजिए
(1) वह एक महान काम कर बैठा।
(2) अध्यापक ने श्याम से पत्र को लिखाया।
(3) भिखारी ने रोटी को खाया।
(4) सुषमा आयी होगी,तो मैं जाती।
(5) सूर्य प्रतिदिन पूर्व में उदय हो रहा है।
(6) वह पिछले शनिवार को आएगा।
(7) आती ही आती वह रो पड़ी।
(8) लड़के से रोटी खायी जाती है।
उत्तर:
(1) उसने एक महान काम किया।
(2) अध्यापक ने श्याम से पत्र लिखवाया।
(3) भिखारी ने रोटी खायी।
(4) सुषमा आयी होती, तो मैं जाती।
(5) सूर्य प्रतिदिन पूर्व में उदय होता है।
(6) वह पिछले शनिवार को आया था।
(7) आते ही आते वह रो पड़ी।
(8) लड़का रोटी खाता है।

RBSE Class 10 Hindi व्याकरण काल अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1. काल की परिभाषा देते हुए एक उदाहरण दीजिए।
प्रश्न 2. भूतकाल के तीन भेद लिखिए।
प्रश्न 3. हेतुहेतुमद्भूत की परिभाषा लिखिए।
प्रश्न 4. हेतुहेतुमद्भूत के दो उदाहरण दीजिए।
प्रश्न 5. ‘जाना’ तथा ‘पकड़ना’ क्रियाओं के आसन्नभूत के दो उदाहरण लिखिए।
प्रश्न 6. वर्तमान काल की परिभाषा लिखिए।
प्रश्न 7. अपूर्ण वर्तमान के दो उदाहरण लिखिए। प्रश्न 8. पाँच बज चुके हैं। यह किस काल का वाक्य है? लिखिए।
प्रश्न 9. ‘अति उत्तम बात की पूँछ हाथ पड़ गई।’ यह किस काल का वाक्य है? लिखिए।
प्रश्न 10. “…….परन्तु उसके जोड़ने में पूरे पच्चीस वर्ष लगे।” यह वाक्य किस काल का है? लिखिए।
प्रश्न 11. सिर पर सवार हो गई तो क्या करती’? यह वाक्य किस काल का है? लिखिए।
प्रश्न 12. “कोई मुझे वह अन्तर बता दे तो एक जिन्न को खुश कर लूं।” इस वाक्य की क्रिया किस काल की है? लिखिए।
प्रश्न 13. “स्त्रियों को पढ़ाने से अनर्थ होते हैं।” यह वाक्य किसे काले का है? लिखिए।
प्रश्न 14. “दिखाइए, जहाज बनाने की नियमबद्ध के दर्शक ग्रंथ” इस वाक्य की क्रिया किस काल की है? लिखिए।
प्रश्न 15. “मार-मार कर इसका कचूमर निकाल दें।” इस वाक्य की क्रिया का काल बताइए।
प्रश्न 16. “मेरे प्राणों की आहुति चाहे पूर्णाहुति न बने……..”। इस वाक्य में किस काल की क्रिया का प्रयोग हुआ है? लिखिए।
प्रश्न 17. संभाव्य भविष्यत् का एक उदाहरण वाक्य लिखिए।
प्रश्न 18. धातु में ता रहेगा, ते रहेंगे, ती रही लगाने से किस काल की क्रिया बनती है? लिखिए।
प्रश्न 19. “कठोर दण्ड दिए जाने से, क्या अपराध रुक जाएँगे?” इस वाक्य की क्रिया क्या बोध कराती है? लिखिए।
प्रश्न 20. “हम मिट जाएँगे, तृष्णा नहीं मिटेगी।” इस वाक्य में किस काल का प्रयोग हुआ है? लिखिए।

प्रश्न 21. निम्नलिखित वाक्यों में काल का उल्लेख कीजिए
(क) बाहर के लोग भारत में किन-किन रास्तों से आए होंगे?
(ख) पुलिस के पहुँचने से पहले, उसका कत्ल हो चुका था।
(ग) जनता किसके सिर पर ताज रखेगी, कौन जानता था।
(घ) यदि भारतीय राजा एकजुट होते, तो अवश्य विजयी होते।
(ङ) लगता नहीं कि इसने बाघ का शिकार किया होगा।
(च) अज्ञातवास के समय पाण्डव यहाँ भी रहे थे।
(छ) श्रीदास बस अभी-अभी गया है।
(ज) हो सकता है वह यहाँ आया हो।

प्रश्न 22. आसन्न भूतकाल के छह वाक्य लिखिए।
प्रश्न 23. निम्नलिखित गद्यांश के वाक्यों में प्रयुक्त कालों के नाम लिखिए
जल्दी-जल्दी चलते हुए मैंने एक के बाद एक, कई टीले पार किए। टाँगें थक रही थीं। पर मन थकने को तैयार न था। हर अगले टीले पर पहुँचने पर लगता कि शायद अब एक ही टीला और है। उस पर पहुँच कर पश्चिमी क्षितिज का खुला विस्तार अवश्य नजर आ जाऐगा। और सचमुच एक टीले पर पहुँच कर, वह खुला विस्तार सामने फैला दिखाई दे गया।
प्रश्न 24. धातुओं के साथ आ, ए, ई, ईं जोड़कर भूतकाल के छह वाक्य बनाइए।
प्रश्न 25. ता है, ते हैं, तो हूँ, ती है, ती हैं धातु में लगाकर वर्तमान काल के वाक्य बनाइए।
प्रश्न 26. एगा, ऍगे, एगी, ऊँगा, रहा होगा, चुका होगा, धातु में जोड़कर वाक्य बनाइए।
प्रश्न 27. स्वभाव तथा चिरंतन सत्य (सदा सच रहने वाली बात) का बोध कराने वाले छह वाक्य लिखिए।

प्रश्न 28. निम्नलिखित वाक्यों तथा उपवाक्यों में किस काल की क्रियाएँ प्रयुक्त हुई हैं? लिखिए।
(1) काश एजेन्ट की मोटर, उसकी मासिक आय मेरी भी हुई होती।
(2) मगर ईर्ष्यालु मनुष्य करें भी तो क्या ?
(3) उन्नति तो उसकी तभी होगी, जब वह अपने चरित्र को निर्मल बनाए तथा गुणों का विकास करे।
(4) ईष्र्या से जो प्रेरणा आती हो, वह रचनात्मक हो।
(5) नीत्से कहता है कि बाजार की मक्खियों को छोड़कर एकान्त की ओर भागो ।

प्रश्न 29. निम्नलिखित कालों के एक-एक वाक्य की रचना कीजिए
(1) हेतुहेतुमद्भूत
(2) अपूर्ण भूत
(3) अपूर्ण वर्तमान
(4) संदिग्ध वर्तमान
(5) सामान्य भविष्यत्
(6) संभाव्य भविष्यत्

प्रश्न 30. निम्नलिखित वाक्यों को उनके सामने निर्दिष्ट कालों में बदलिए
(1) वह बाहर गया। (सामान्य वर्तमान)
(2) वे सड़क पर दौड़ रहे थे। (अपूर्ण वर्तमान)
(3) मैं मन्दिर जा रहा हूँ। (सामान्य भविष्यत्)
(4) पक्षी वृक्षों पर बैठ चुके हैं। (पूर्ण भविष्यत्)
(5) कार्यक्रम चलता रहेगा। (अपूर्ण भूत)
(6) तुम आओगे तो निशा गाएगी। (हेतुहेतुमद् भूत) ।

प्रश्न 31. भूतकाल, वर्तमान काल तथा भविष्यत् काल के भेदों पर आधारित, दो-दो वाक्यों की रचना कीजिए।

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