ध्रुवण घूर्णक यौगिक | किरल केंद्र | प्रतिबिम्ब रुपी , रसेमिक मिश्रण | काइरल | एकाइरल

ध्रुवण घूर्णक यौगिक | किरल केंद्र | प्रतिबिम्ब रुपी , रसेमिक मिश्रण | काइरल | एकाइरल

अध्रुवित प्रकाश :

साधारण प्रकाश तरंग संचरण की दिशा के लंबवत कम्पन्न करता है , सभी कम्पन्न समान होते है।

समतल ध्रुवित प्रकाश :

जब साधारण प्रकाश को निकॉल प्रिज्म में से गुजारा जाता है तो वह एक ही तल में कम्पन्न करता है इसे समतल ध्रुवित प्रकाश कहते है।

ध्रुवण घूर्णक यौगिक या प्रकाशिक सक्रीय यौगिक (optical active compound ) : 

वे पदार्थ जो समतल ध्रुवित प्रकाश के तल को किसी विशेष दिशा में घुमा देते है उन्हें ध्रुवण घूर्णक यौगिक कहते है।यदि वह पदार्थ समतल ध्रुवित प्रकाश के तल को दाई ओर घुमाता है (घडी की सुई की दिशा ) तो उसे दक्षिण ध्रुवण घूर्णक पदार्थ (dextrorotatory ) कहते है , इसे d या + चिन्ह से व्यक्त करते है।यदि वह समतल ध्रुवित प्रकाश के तल को बाई ओर घुमाता है (घडी की सुई के विपरीत ) तो उसे वाम ध्रुवण घूर्णक पदार्थ (Laevorotatory) कहते है ,इसे l या – चिन्ह से व्यक्त करते है।

असममित कार्बन परमाणु या असममित केंद्र या किरेल केंद्र :

वह कार्बन परमाणु जिसकी चारों संयोजकताएँ अलग अलग परमाणु या परमाणुओं के समूह से जुडी हो उसे त्रिविम केंद्र या असममित कार्बन परमाणु कहते है।

प्रतिबिम्ब रुपी :

वे यौगिक जिनके अणुसूत्र संरचना सूत्र भौतिक व रासायनिक गुण समान हो परन्तु समतल ध्रुवित प्रकाश के प्रति व्यवहार अलग अलग हो उन्हें प्रतिबिम्ब रुपी कहते है।वह रूप जो समतल को दाई ओर घुमाता है उसे दक्षिण ध्रुवण घूर्णक तथा वह रूप जो समतल ध्रुवित प्रकाश के तल को दाई ओर घुमाता है , वाम ध्रुवण घूर्णक कहते है उन्हें क्रमशः d व l से व्यक्त करते है।d व l फॉर्म एक दूसरे पर अध्यरोपित नहीं होती है। d व l फॉर्म एक दूसरे के दर्पण प्रतिबिम्ब है।d व l फॉर्म के घूर्णक कोण का मान समान परन्तु चिन्ह अलग अलग होता है।

रेसेमिक मिश्रण :

वह मिश्रण जो समतल ध्रुवित प्रकाश के तल को किसी भी तल में नहीं घूमता उसे रसेमिक मिश्रण कहते है।  इसे u या (±) चिन्ह लगाकर व्यक्त करते है।50% d फॉर्म तथा 50% l फॉर्म को मिलाने से रसेमिक मिश्रण बनता है।  यह ध्रुवण अघूर्णक होता है अर्थात समतल ध्रुवित प्रकाश के तल  को किसी भी दिशा में नहीं घूमता क्योंकि d व l form के घूर्णन कोण के मान समान होते है परन्तु चिन्ह में एक दूसरे के विपरीत होते है अतः ये एक दूसरे की ध्रुवण घूर्णकता को नष्ट कर देते है।

काइरल अणु किसे कहते है।

वे अणु जो अपने दर्पण प्रतिबिम्ब पर अध्यरोपित नहीं होते उन्हें काइरल अणु कहते है ये ध्रुवण घूर्णक होते है इसमें असममित कार्बन परमाणु होता है जिसे काइरल केंद्र कहते है।उदाहरण : ब्रोमो क्लोरो आयोडो मेथेन , ब्यूटेन -2-ऑल

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