HNO3 नाइट्रिक अम्ल क्रियाएं तथा गुण परिक्षण

HNO3 नाइट्रिक अम्ल क्रियाएं तथा गुण परिक्षण

नाइट्रिक अम्ल का इतिहास:

1648 ई. में ग्लॉबर (Glauber) ने नाइटर पर विट्रियल तेल (oil of vitreol) की अभिक्रिया द्वारा संद्र नाइट्रिक अम्ल का निर्माण किया। कैबेंडिश ने 1776 ई में इसका संघटन ज्ञात किया। वायुमंडल में नाइट्रिक अम्ल विद्विद्युसर्जन (electric discharge) द्वारा सूक्ष्म मात्रा में बनता रहता है, जो वर्षाजल में घुलकर पृथ्वी पर आता है।

मिट्टी में उपस्थित कार्बनिक पदार्थों के ऑक्सीकरण द्वारा भी नाइट्रिक अम्ल बनता है। यह अम्ल अनेक नाइट्रेट पदार्थों के रूप में भूमि में संचित होकर पौधों के उपयोग में आता है। नाइट्रेट यौगिकों का प्रमुख स्रोत चिली देश है। भारत की साँभर झील में पोटासियम नाइट्रेट पाया जाता है। भारत के कुछ राज्यों में मिट्टी के साथ मिला हुआ पोटासियम नाइट्रेट पाया जाता है। इससे एक समय प्रचुर मात्रा में शोरा (व्यापारिक पोटासियम नाइट्रेट) तैयार होता था।

 HNO3 नाइट्रिक अम्ल : 

(1) प्रयोगशाला विधि :
NaNO3 + H2SO4  → NaHSO4 + HNO3


(2) औद्योगिक विधि या वर्क लैण्ड आइड विधि :4NH3 + 5O2 → 4NO + 6H2O2NO + O2 → 2NO2

3NO2 + H2O  → 2HNO3 + NO
प्राप्त HNO3 का आसवन करने पर 68% HNO3 बनता है , सान्द्र H2SO4 द्वारा इसका निर्जलीकरण करने पर 98% HNO3 बनता है।

 रासायनिक गुण :

(A) अधातुओं से क्रिया :
1. कार्बन (C) से क्रिया करने पर कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) बनती है 
C + 4HNO3 → CO2 + 2H2O + 4NO2
2 . यह सल्फर (s) से क्रिया करके H2SO4 बनाती है S + 6HNO3 → 6NO2 + 2H2O + H2SO4Or

S8 + 48HNO3 → 48NO + 16H2O + 8H2SO4


3. यह फॉस्फोरस (P) को फॉस्फेरिक अम्ल (H3PO4) में ऑक्सीकृत कर देता है। 
P4 +  20 HNO3  → 4H3PO4 + 4H2O + 20NO2


4. यह I2 को आयोडिक अम्ल (HIO3) में ऑक्सीकृत कर देता है 
I2 + 10HNO3 → 10NO2 + 4H2O + 2HIO3


(B) धातुओं से क्रिया :
1. कॉपर से क्रिया 3Cu + 8HNO3 → 3Cu(NO3)2 + 4H2O + 2NO

Cu + 4HNO3 → Cu(NO3)2 + 2NO2 + 2H2O
2. Zn  से क्रिया  4Zn + 10HNO3 → 4Zn(NO3)2 + 5H2O + N2O

Zn + 4HNO3 → Zn (NO3)2
नोट : Cr तथा Al , NO3 में निष्क्रिय हो जाते है क्योंकि इन धातुओं की सतह पर ऑक्साइड की निष्क्रिय पतली परत बन जाती है।

HNO3 के उपयोग :

1. उर्वरक बनाने में  (NH3 + NO3)
2. नाइट्रो ग्लिसरीन , ट्राई नाइट्रो टॉलूइन (TNT) विस्फोट पदार्थ बनाने में। 

नाइट्रेट का परिक्षण या छल्ला परिक्षण या वलय परिक्षण या ring test :

मिश्रण के जलीय विलयन में FeSO4 का ताजा विलयन डालते है , परखनली की दिवार के सहारे सहारे सांद्र H2SO4 डालते है , जिससे भूरे रंग का झल्ला बनता है। NO3– + 3Fe2+ + 4H+  → 3Fe3+ + NO + 2H2O

[Fe(H2O)6]2+ + NO →  [Fe(H2O)5(NO)]2+ + H2O

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