संसाधनो के अनुचित अनुरक्षण व प्रयोग द्वारा निम्नीकरण:-
प्रदूषण के साथ-2 प्राकृतिक संसाधनों के सही तरीके से प्रयोग न करने के कारण भी इनका निम्नीकरण होता है जैसे:-
1. मृदा अपरदन व मृरूथलीकरण:- मनुष्य के निम्न क्रियाकलापो के कारण मृदा अपसदन होता है।
1. कृर्षि के कारण वनों को काटा जाना
2. नगरीकरण
3. सिंचाई के गलत तरीके
4. अबाधिक चराई
इस प्रकार उपरोक्त कारणों से शुष्क मृदा खण्ड बन जाते है तथा इनके मिलने से मरूस्थल का निर्माण होता है।
जलाक्रांति व मृदा लवणता (Hydrochloric and soil salinity) :
जल के विकास की उचित व्यवस्था के बिना सिंचाई के द्वारा मृदा जलाक्रान्त हो जाती है। ऐसी मृदा में भूमि की सतह एवं पौधों की जडों पर अत्यधिक मात्रा में लवण जमा हो जाते है। इससे पौधों की वृद्धि रूक जाती है तथा कृषि पर हानिकारक प्रभाव उत्पन्न होते है। मृदा लवणीयता की समस्या हरित क्रान्ति के कारण ही उत्पन्न हुई है।
Remark:
दोस्तों अगर आपको इस Topic के समझने में कही भी कोई परेशांनी हो रही हो तो आप Comment करके हमे बता सकते है | इस टॉपिक के expert हमारे टीम मेंबर आपको जरूर solution प्रदान करेंगे|
यदि आपको https://hindilearning.in वेबसाइट में दी गयी जानकारी से लाभ मिला हो तो आप अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते है |
हम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते है।