Lot Lakar in Sanskrit

Lot Lakar in Sanskrit – लोट् लकार किसे कहते है?

हेलो स्टूडेंट्स, आज हम इस आर्टिकल में  लोट् लकार किसे कहते है? (Lot Lakar in Sanskrit) के बारे में पढ़ेंगे | यह हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसे हर एक विद्यार्थी को जानना जरूरी है |

Lot Lakar In Sanskrit

लोट् लकार का प्रयोग आज्ञार्थक भाव बताने या आज्ञा देने के लिये अथवा आदेश देने के लिए होता है। आज्ञा देना, या याचना करने के लिये या आज्ञा लेने के लिये भी ।

पठ् धातु       एकवचन    द्विवचन     बहुवचन

प्रथमः पुरुष:   पठतु     पठताम्       पठन्तु

मध्यमः पुरुषः   पठ      पठतम्        पठत

उत्तमः पुरुष:  पठानि     पठाव        पठाम

लोट लकार वाक्य अभ्यास :—

1.वह लोभी वैद्य मेरे पास नहीं हो ।

अनुवादसः गृध्नुः भिषक् मम समीपे मा भवतु।

2.वे दोनों लोभी पुरुष कार्यालय में न हों।

अनुवादतौ गर्धनौ पुरुषौ कार्यालये न भवताम्।

3.जब मैं यहाँ होऊँ तब वे लोभी यहाँ न हों।

अनुवादयदा अहम् अत्र भवानि तदा ते लुब्धाः अत्र न भवन्तु।

4.तुम लोभी मत बनो।

अनुवादत्वम् अभिलाषुकः मा भव।

5.धन से मतवाले मत होओ।

अनुवादधनेन मत्तः मा भव।

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6.तुम दोनों महालोभियों को तो महालोभियों के बीच ही होना चाहिए।

अनुवादयुवां लोलुपौ तु लोलुभानां मध्ये एव भवतम्।

7.तुम सब प्रसन्नता से मतवाले मत होओ।

अनुवादयूयं प्रसन्नतया उत्कटाः मा भवत।

8.हे भगवान् ! मैं आपकी कथा का लोभी होऊँ।

अनुवादहे भगवन् ! अहं भवतः कथायाः लोलुपः भवानि।

9.हम सब आपके सौन्दर्य का लोलुप होऊँ।

अनुवादवयं भवतः सौन्दर्यस्य लोलुभः भवाम।

10.हम दोनों धन के लोभी न हों।

अनुवादआवां धनस्य अभिलाषुकौ न भवाव।

11.धन पाकर हम सब मतवाले न हों।

अनुवादधनं लब्ध्वा वयं शौण्डाः न भवाम।

Lot Lakar in Sanskrit Video

Credit; Magnet Brains: Lot Lakar in Sanskrit

आर्टिकल में अपने पढ़ा कि लोट् लकार् क्या है?हमे उम्मीद है कि ऊपर दी गयी जानकारी आपको आवश्य पसंद आई होगी। इसी तरह की जानकारी अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करे ।

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