क्या आप उंगलियों का नाम (Fingers Name in Hindi and English) खोज कर रहे है, तो आप को इस आर्टिकल में इससे रिलेटेड पूरी जानकारी मिलेगी | फिगंर्स को हम हिन्दी मे उंगलिया कहते है। भगवान ने मनुष्य को बनाया, भिन्न-भिन्न अंगों को बनाया। हर एक अंग का अपना अलग ही महत्व है, उनकी अपनी विशेषताएं व अपने कार्य है।हर एक अंग/भाग का अपना अनोखा उद्देश्य भी है।
हमारे शरीर का ऐसा ही एक भाग है- हमारे दोनों हाथ। जिनसे हम अपने रोजमर्रा के काम कुशलतापूर्वक करते हैं। प्रत्येक हाथ में पांच उंगलियां होती है। दोनों हाथों की मिलाकर कुल दस उंगलियां है।
आइए जानते हैं प्रत्येक उंगली का नाम व इस में छुपी हुई विशेषताएं। हमने अपनी स्कूली पढ़ाई में सभी उंगलियों के नाम सीखे। लेकिन आज कईयो को याद होगा और कई लोग भूल भी चुके होंगे। तो हम रिवीजन के तौर पर एक बार फिर इस आर्टिकल द्वारा सभी उंगलियों के नाम व इनसे जुड़ी हुई सामान्य और रोचक जानकारी प्राप्त करेंगे। इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।

हमे हर एक उंगली का नाम हिन्दी एवं इंग्लिश मे अवश्य पता होना चाहिए।हमारे हाथ मे चार उंगलिया और एक अंगूठा होता है।
हर एक उंगली और अंगूठे का हिंदी और इंग्लिश में नाम इस प्रकार है।
Five Fingers Name in Hindi and English
Fingers Image | Fingers Name in Hindi | Fingers Name in English |
![]() | अंगूठा | Thumb |
![]() | तर्जनी | Index finger |
![]() | मध्यमा (बीच की उंगली) | Middle finger |
![]() | अनामिका | Ring finger |
![]() | कनिष्ठा (कानी उंगली) | Little finger/Baby finger |
आपने सभी उंगलियो के नाम हिन्दी मे और इंग्लिश मे जान लिए। आइए अब हम सभी उंगलियो के बारे मे विस्तार पूर्वक जानते है।
1-अंगूठा(Thumb):
सबसे पहले हम जानेंगे अंगूठा यानि Thumb के बारे में। अंगूठा हाथ में सबसे आगे होता है। इसकी बनावट दूसरी उंगलियों से भिन्न होती है व उंगलियों के आकार में अंगूठा थोड़ा छोटा होता है।
किसी भी चीज को पकड़ने,फेंकने एवं उठाने के लिए अंगूठे की आवश्यकता पढ़ती है या यूं कहे बिना अंगूठे हम किस चीज को उठा नहीं पाएंगे।जैसे- पेन या पेन्सिल से लिखने के लिए अंगूठे की आवश्यकता पड़ती है।

माना जाता है छोटे, पतले और कमजोर अंगूठे वाले लोगो की बुद्धि क्षमता कमजोर होती है। उन्हीं के मुकाबले अच्छे और विकसित अंगूठे वाले लोगो की बुद्धि क्षमता व मानसिकता सुदृढ व मजबूत होती है।
क्या आपको पता है अंगूठे पर मालिश करने से तेज दिल की धड़कन को सामान्य(normal) कर सकते हैं। अंगूठे का सीधा संबंध फेफड़ों से होता है।
बच्चे जब एक दूसरे को चिढ़ाते हैं तो अंगूठा दिखाते हैं मतलब चिढाते है। दूसरा अर्थ है-अंगूठा दिखाना 👍 यानि बेस्ट ऑफ लक कहना,किसी बात पर सहमत होना। अंगूठा अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है।
2-तर्जनी (Index Finger):
अंगूठे के बाद जो सबसे पहली उंगली आती है उसे तर्जनी उंगली कहते हैं। इस उंगली की बहुत सारी विशेषताएं हैं। लिखते समय या पेंटिंग करते समय ब्रश या पेन को पकड़ने के लिए तर्जनी और अंगूठे के मदत से ही पकड़ा जाता है।

हम किसी की तरफ इशारा करते हैं तो अधिकतर इसी उंगली का इस्तेमाल होता है। तर्जनी उंगली वायु तत्व का प्रतिनिधित्व करती है। तर्जनी उंगली और अंगूठे के स्पर्श से बनने वाली ज्ञान मुद्रा से हमारे ज्ञान का विकास होता है और मन पवित्र बनता है। इस उंगली के नीचे हथेली में जो जगह है उसे गुरु पर्वत कहा जाता है, इसी वजह से इसे गुरु की उंगली भी कहते हैं।
3- मध्यमा(Middle Finger):
तर्जनी के बाद वाली उंगली को मध्यमा कहते हैं।मध्यमा, पांचों उंगलियों के बीच में लंबी सी उंगली होती है। मध्यमा उंगली आकाश तत्व का प्रतिनिधित्व करती है।

मध्यमा उंगली के नीचे शनि पर्वत होता है। शनि पर्वत ही वह स्थान है जिसे हस्तरेखा विज्ञान में भाग्य स्थान कहा गया है। हस्त रेखा विज्ञान के अनुसार जिनकी हथेली में मध्यमा उंगली के नीचे का भाग अधिक उठा हुआ होता है उनका जीवन असाधारण होता है।
4-अनामिका(Ring Finger):
मध्यमा के बाद वाली उंगली को अनामिका कहते है।सगाई के वक्त इसी उंगली में सगाई की अंगूठी पहनाई जाती है। माना जाता है इस उंगली का संबध सीधे हमारे दिल से होता है।

हिंदू धर्म में माथे पर टीका लगवाने के लिए इसी उंगली का प्रयोग होता है।जैन धर्म में इसी उंगली द्वारा मंदिर मे पूजा की जाती है।
अनामिका उंगली पृथ्वी तत्व का प्रतिनिधित्व करती है। अनामिका उंगली पर मसाज करने से चिड़चिड़ापन दूर होता है और मूड अच्छा बनता है।
5- कनिष्ठा (Little Finger):
पांचों उंगलियों में सबसे छोटी और सबसे अंत में आने वाली उंगली को कनिष्ठा उंगली कहते हैं। यह अनामिका उंगली के पास वाली उंगली होती है।इस उंगली को कानी उंगली भी कहा जाता है।

इंग्लिश में इसे Little finger या Baby finger भी कहते हैं। मूत्र विसर्जन करने के लिए स्कूल के बच्चे इसी उंगली को टीचर को बताते हैं और टायलेट जाने की परमिशन लेते हैं।
सिर दर्द होने पर इस उंगली पर मसाज करने से आराम मिलता है।इसका संबंध हमारी किडनी से होता है। कनिष्ठा उंगली जल तत्व का प्रतिनिधित्व करती है।
ज्योतिष और उंगलिया:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कई परेशानियो से छुटकारा पाने के लिए अलग-अलग उंगली में भिन्न- भिन्न रत्न धारण किए जाते हैं। इन रत्नों को ज्योतिष आचार्य द्वारा बताई गई धातु में अंगूठी बनाकर पहन सकते हैं। इससे ग्रह दोष निवारण होता है।
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उंगलिया चटकाने से बचे:
बहुत से लोगों को उंगलियां चटकाने में काफी मजा आता है। उनसे निकलने वाली आवाज में एक तरह का सुकून मिलता है। पर ऐसा करने से थोड़े दिनों बाद जोड़ों की समस्या हो सकती है।
उंगलियों के बीच के जोड़ों में एक लिक्विड भरा होता है जो उनके हलन-चलन मे जरूरी होता है और जिससे वह आपस में घर्षण (रगडती)नहीं करती ।अर्थात यह लिक्विड ग्रीसींग (greasing)का काम करता हैं। बार-बार उंगलिया चटकाने पर यह लिक्विड कम होते जाएगा और धीरे-धीरे जोड़ों की समस्या शुरू हो जाएगी। इसलिए उंगलियों को चटकाने की आदत को दूर करना चाहिए।
हमने आज इस आर्टिकल में पांचों उंगलियों को हिंदी और इंग्लिश में क्या कहते हैं यह समझ लिया है और इनके बारे में सामान्य और रोचक जानकारी भी पता कर ली है। अब हमसे ‘Fingers Name In Hindi’ कोई भी पूछेगा तो हम इसका जवाब सही तरीके से दे सकते हैं। इस आर्टिकल को आप अपने दोस्तों और अपने परिवार के साथ जरूर शेयर करें ताकि उन्हें भी इसकी जानकारी पता चल सके।