हेलो स्टूडेंट्स, इस पोस्ट में हम आपको फेन प्लवन/झाग प्लवन विधि क्या है? के बारे में बताएंगे इसे अंत तक पढ़े |
सल्फाइड अयस्कों जैसे – काँपरपइराइटीज, जिंक ब्लेड आदि के सांद्रण के लिए विशेष रूप से यह विधि उपयुक्त है।
तेल और जल के मिश्रण में सल्फाइड अयस्क को डालने पर सल्फाइड अयस्क कण तेल द्वारा तथा अयस्क में उपस्थित गेंग के कण जल द्वारा भीग जाते हैं। इस मिश्रण में वायु प्रवाहित करने पर अयस्क के सल्फाइड कण तैलीय झाग के साथ सतहपर आ जाते हैं तथा गेंग के कण निचे बैठ जाते हैं।
इस में दो प्रकार के पदार्थ प्रयुक्त होते हैं|
(i) झाग कारक
(ii) प्लवन कारक
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झाग कारक या फेन-स्थायीकारी:
वे पदार्थ जो हवा में बुलबुले अथवा झाग बनाने में मदद करते हैं, झाग कारक कहलाते हैं। जैसे – चीड़ का तेल, यूकेलिप्टस का तेल, वसा अम्ल, जैंथेट आदि।
प्लवन कारक या संग्राही:
वे पदार्थ जो सल्फाइड अयस्क के कणों को सतह पर लाने तथा उन्हें जल से प्रतिकर्षी बनाने में मदद करते हैं, प्लवनकारक कहलाते हैं । जैसे सोडियम एथिल जैन्थेट , पोटेशियम एथिल जैन्थेट।
बारीक़ पिसे हए अयस्क तथा प्लवन कारक के मिश्रण को पानी से भरे आयताकार बर्तन में दल दिया जाता हैं। इसमें चीड़ का तेल अथवा तारपीन का तेल मिला दिया जाता है तथा वायु की प्रबल धारा प्रवाहित की जाती है। सल्फाइड अयस्क कण तेल में भीगकर झाग के साथ साथ प्लवन कारक की सहायकता से ऊपर उठ जाते है। जबकि आधात्री या गेंग के कण जल से भीगकर टेंक के पेंदे में बैठ जाते हैं।
झाग अथवा फेन को अन्य पात्र में इकठ्ठा कर सुखा लिया जाता है। इस प्रकार सांद्रित अयस्क प्राप्त हो जाता है।
संग्राही क्या होते है ?
वे पदार्थ जो सल्फाइड अयस्क की अक्लेदनियता (non wettability ) को बढ़ा देते है उन्हें संग्राही कहते है।
जैसे: चीड़ का तेल , वसीय अम्ल , जेन्थेट
फेन स्थायीकारक क्या होता है?
वे पदार्थ जो सल्फाइड अयस्क के झागों का स्थायित्व बढ़ा देते है उन्हें स्थायी कारक कहते है।
जैसे: ऐनिलीन , क्रीसॉल
अवनमक किसे कहते है:
दो सल्फाइड अयस्क को एक दूसरे से पृथक करने के लिए जो पदार्थ काम में आते है उन्हें अवनमक कहते है।
ZnS तथा PbS को एक दूसरे से पृथक करने के लिए अवनमक(NaCN ) काम में लेते है।
अवनमक ZnS से तो क्रिया कर लेता है परन्तु PbS से क्रिया नहीं करता अतः फेन प्लवन विधि में PbS झाग के रूप में पानी की सतह पर एकत्रित हो जाता है।
ZnS + 4NaCN = Na2[Zn(CN)4] + Na2S